लेख नवजागरण काल में लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रतिष्ठा और हिन्दी पत्रकारिता October 1, 2011 / December 6, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डा. मयंक चतुर्वेदी नव जागरण से तात्पर्य है भारत में आधुनिकता का प्रवेश, वैज्ञानिक दृषिटकोण का विकसित होना और किसी भी घटना के परिप्रेक्ष्य में तार्किक मीमांसा के लिए तैयार हो जाना अर्थात तर्क-विर्तक की खुली परम्परा का प्रारंभ। भारतीय सन्दर्भ में इस नवजागरण काल का श्रेय हम अंग्रेजों को दे सकते है, क्योंकि प्राचीन […] Read more » hindi journalism लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रतिष्ठा हिन्दी पत्रकारिता
मीडिया कौन सी चीज इतिहास बनाती है और किस पर शर्म करें! July 11, 2011 / December 9, 2011 by सुधा सिंह | Leave a Comment सुधा सिंह भारतीय मीडिया खासकर हिन्दी मीडिया में शर्म, अपमान, पराजय, हार, असफलता और रोष की भाषा कब बोली जाती है कभी सोचा है आपने ? केवल खेल की खबरों की रिपोर्टिंग करते समय। जनता के मुद्दे पर नहीं। सरकार की नीतियों की आलोचना करते समय नहीं। विपक्ष की भूमिका और दायित्वों की बात करते […] Read more » hindi journalism हिंदी पत्रकारिता हिंदी मीडिया
प्रवक्ता न्यूज़ हिन्दी पत्रकारिता के भविष्य की दिशा August 9, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 3 Comments on हिन्दी पत्रकारिता के भविष्य की दिशा – डा. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री आज जब हम हिन्दी पत्रकारिता की बात करते हैं तो यह जानकर आश्चर्य होता है कि शुरूआती दौर यह ध्वज उन क्षेत्रों में लहराया गया था जिन्हें आज अहिन्दी भाषी कहा जाता है। कोलकाता का विश्वामित्र ऐसा पहला ध्वज वाहक था। उत्तर प्रदेश, बिहार और उन दिनों के सी.पी. बरार […] Read more » hindi journalism हिंदी पत्रकारिता
मीडिया बाजार की चुनौतियों से बेजार हिन्दी पत्रकारिता April 23, 2010 / December 24, 2011 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on बाजार की चुनौतियों से बेजार हिन्दी पत्रकारिता आज भूमंडलीकरण के दौर में हिन्दी पत्रकारिता की चुनौतियां न सिर्फ बढ़ गई हैं वरन उनके संदर्भ भी बदल गए हैं। पत्रकारिता के सामाजिक उत्तरदायित्व जैसी बातों पर सवालिया निशान हैं तो उसकी नैसर्गिक सैद्धांतिकता भी कठघरे में है। वैश्वीकरण और नई प्रौद्योगिकी के घालमेल से एक ऐसा वातावरण बना है जिससे कई सवाल पैदा […] Read more » hindi journalism बाजार भूमंडलीकरण हिंदी पत्रकारिता