लेख समाजवाद : सफलता विफलता और संभावनाएं July 17, 2019 / July 18, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on समाजवाद : सफलता विफलता और संभावनाएं श्याम गंभीर जब भारतीय राष्ट्रिय आन्दोलन चल रहा था तो उसमें समाजवादी धारा के नेताओं आचार्य नरेन्द्र देव, डॉ. राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, युसूफ मेहर अली, अशोक मेहता, एस. एम. जोशी, मीनू मसानी, उषा मेहता आदि नेताओं के नेतृत्व में समाजवादियों ने बड़ी भूमिका अदा की | जब देश आजाद होगा तब देश […] Read more » Prospects Socialism Success Failures
राजनीति धूमिल होता धरती पुत्र का समाजवाद December 13, 2011 / December 13, 2011 by संजय सक्सेना | 1 Comment on धूमिल होता धरती पुत्र का समाजवाद संजय सक्सेना अगले दो-तीन साल भारतीय राजनीति के लिए काफी महत्वपूर्ण होंगे। इस दौरान कई राज्यों में विधान सभा चुनाव के अलावा 2014 में आम चुनाव भी होने हैं।सबसे अहम चुनाव देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के माने जा रहे हैं, जो छह माह के भीतर सम्पन्न हो जाएगें। यूपी के चुनावों पर […] Read more » Mulayam Singh Socialism sp मुलायम सिंह यादव सपा समाजवाद
राजनीति समाजवादी संकल्प-सोच – कल, आज और कल July 22, 2011 / December 8, 2011 by अरविन्द विद्रोही | Leave a Comment अरविन्द विद्रोही डॉ राम मनोहर लोहिया वंचितों की आवाज के रूप में सदैव स्मरण किये जाते रहेंगे तथा उनके विचार व संघर्ष हमेशा लोगो को राह दिखाते रहेंगे। क्रान्तिकारियो के बौद्धिक नेता भगत सिंह को अपना नेता मानने वाले डॉ लोहिया ने अपना सम्पुर्न्य जीवन सत्ता के बेलगाम शोषक चरित्र के खिलाफ लड़ने व सत्ताधीशों […] Read more » Socialism समाजवाद
राजनीति डॉ. लोहिया की धारा और विचारधारा December 8, 2010 / December 19, 2011 by सत्येन्द्र सिंह 'भोलू' | Leave a Comment -सत्येनद्र सिंह ‘भोलू’ कहते है वक्त बड़ा बेरहम होता है और उसके साथ जुडा इतिहास निरंतर कुचक्र रचता है। महात्मा गांधी जैसे महापुरूष भाग्यशाली होते है जिनके नाम के साथ उनकी विचार धारा को वक्त स्वीकार करता है और इतिहास भी याद रखता हैं लेकिन उनके बारे मे क्या कजिनके नाम को याद रखने को […] Read more » Socialism डॉ. राममनोहर लोहिया समाजवाद
प्रवक्ता न्यूज़ समाजवाद के बियावान में अकेले पडे जॉर्ज April 28, 2009 / December 27, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment समाजवाद के बियावान में एक खांटी समाजवादी अकेला पड गया है। एक बार वह फिर चुनाव लड रहा है। इस बार उसकी लडाई किसी विरोधियों से नहीं है अपितु अपनों से है। फिलहाल वह इतना मजबूत भी नहीं है कि चुनाव जीत जाये लेकिन अक्खड़ समाजवादी जो ठहरा। अपनी जिद के सामने उसने किसी की […] Read more » Socialism समाजवाद