राजनीति यू0पी0ए0 और लेम्मिंग्स् October 7, 2011 / December 5, 2011 by लालकृष्ण आडवाणी | 1 Comment on यू0पी0ए0 और लेम्मिंग्स् लालकृष्ण आडवाणी गत् सप्ताह नई दिल्ली मे सम्पन्न भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन सत्र में मैंने प्रधानमंत्री की इन टिप्पणियों का हवाला दिया कि विपक्ष यूपीए सरकार को गिराने के लिए उतावला हो रहा है ताकि शीघ्र चुनाव कराए जा सकें। मैंने कहा कि आज देश में न केवल मीडिया अपितु लोगों के बीच […] Read more » UPA यू0पी0ए0
राजनीति बीमार सारथी, खस्ता रथ September 7, 2011 / December 6, 2011 by हिमकर श्याम | Leave a Comment हिमकर श्याम सत्ता में वापसी के बाद यूपीए सरकार सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। पार्टी और सरकार की मुक्तिदायिनी और चतुर सारथी सोनिया के न रहने से यह संकट और बढ़ गया है। पार्टी और सरकार दोनों बेलगाम और खस्ताहाल नजर आ रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि सोनिया सारथी की भूमिका […] Read more » UPA यूपीए
राजनीति यूपीए द्वितीय ओर वामपंथ दोनो की अग्नि परीक्षा होने वाली है . March 7, 2011 / December 15, 2011 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment पाँच राज्यों -पश्चिम बंगाल,तमिलनाडु,केरल,असम और पुद्दुचेरी के विधान सभा चुनाव कार्यक्रम घोषित हो चुके हैं . देश की राजधानी दिल्ली में और सम्बंधित राज्यों में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गईं हैं.घोषित चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक -तमिलनाडु ,केरल और पुद्दुचेरी में एक ही चरण में १३ अप्रैल को जबकि असम में दो चरणों में ४ और […] Read more » UPA यूपीए
राजनीति आजाद भारत के सबसे बेबस प्रधानमंत्री साबित हुए मनमोहन January 21, 2011 / December 16, 2011 by लिमटी खरे | 4 Comments on आजाद भारत के सबसे बेबस प्रधानमंत्री साबित हुए मनमोहन लिमटी खरे भारत गणराज्य भ्रष्टाचार, अनाचार, दुराचार की आग में जल रहा है, उधर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह नीरो के मानिंद चैन की बंसी बजा रहे हैं। कांग्रेस के युवराज ने कुछ दिन पहले गठबंधन की मजबूरियों पर प्रकाश डाला था। देशवासियों के जेहन में एक बात कौंध रही […] Read more » UPA डॉ. मनमोहन सिंह यूपीए
राजनीति यूपीए प्रथम का स्वर्ण-युग बनाम यूपीए द्वितीय का अंध-युग January 8, 2011 / December 16, 2011 by श्रीराम तिवारी | 4 Comments on यूपीए प्रथम का स्वर्ण-युग बनाम यूपीए द्वितीय का अंध-युग श्रीराम तिवारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार का दूसरा कार्यकाल पूरा होगा या नहीं इसके बारे में भविष्यवाणी करना जोखिम भरा होगा. वतनपरस्तों की सदिच्छा है कि सरदार मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए द्वितीय भी अपना कार्यकाल पूरा करे, जिनकी याददाश्त अच्छी है वे जानते हैं कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के पहले {२००४-२००९}कार्यकाल में […] Read more » UPA यूपीए
राजनीति यह परिवर्तन की आहट है December 9, 2010 / December 19, 2011 by आशुतोष | 1 Comment on यह परिवर्तन की आहट है -आशुतोष राष्ट्रमण्डल खेलों में हुए घोटाले पर उंगलियां तो पहले ही उठने लगी थीं, खेल समाप्त होते-होते तो लोगों ने उन्हें भ्रष्टमण्डल खेल कहना शुरू कर दिया। खेलों के आयोजन की योजना बनाते समय निश्चित किये गये कुल बजट से भी कई गुना अधिक राशि के घोटाले का अनुमान लगाया जा रहा है। भ्रष्टमण्डल खेलों […] Read more » UPA भ्रष्टाचार यूपीए
राजनीति एक अराजनैतिक प्रधानमंत्री August 23, 2010 / December 22, 2011 by संजय द्विवेदी | 7 Comments on एक अराजनैतिक प्रधानमंत्री अपनी योग्यताओं के बावजूद बहुत औसत राजनेता साबित हुए मनमोहन -संजय द्विवेदी मनमोहन सिंह की सफलताएं देखकर लगता है कि आखिर वे इतने बड़े कैसे हो पाए, तो फिलहाल दो ही कारण समझ में आते हैं एक उनका भाग्य और दूसरा श्रीमती सोनिया गांधी। किंतु इन दोनों कारणों से ही कुर्सी पाने के बावजूद भी […] Read more » UPA मनमोहन सिंह यूपीए
विविधा अल्पसंख्यक अधिकारों की आड़ में व्यापार! July 16, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on अल्पसंख्यक अधिकारों की आड़ में व्यापार! -आर. एल. फ्रांसिस केन्द्र सरकार का पूरा तंत्र भारतीय चर्च को खुश करने में लगा हुआ है चाहे उसके ऐसे फैसलों से ईसाई समुदाय को दुख: उठाना पड़े। हाल ही में ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग’ (एनसीएमईआई) ने चर्च के शैक्षणिक संस्थानों को लाभ पहुचानें के लिए निर्णय सुनाया है कि अल्पसंख्यक की मान्यता देने […] Read more » UPA अल्पसंख्यक अधिकार चर्च यूपीए
विविधा बहादुर सेना, कमजोर सरकार और बेबस लोग! July 3, 2010 / December 23, 2011 by संजय द्विवेदी | 3 Comments on बहादुर सेना, कमजोर सरकार और बेबस लोग! देशतोड़क राजनीति से सावधान होने की जरूरत – संजय द्विवेदी दिल्ली में क्या इससे कमजोर सरकार कभी आएगी ? कमजोर इसलिए क्योंकि इस सरकार के लिए देश के सम्मान, देश की जनता के जान-माल और हमारे सेना-सुरक्षा बलों की जान की कोई कीमत नहीं है। हो सकता है कि हालात इससे भी बुरे हों। किंतु […] Read more » UPA यूपीए सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा
राजनीति यूं ही गुजरा साल May 24, 2010 / December 23, 2011 by संजय द्विवेदी | 2 Comments on यूं ही गुजरा साल -संजय द्विवेदी डा. मनमोहन सिंह की सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा करने जा रही है किंतु बताने के लिए उसके पास क्या उपलब्धियां हैं। उसके पहले कार्यकाल की परिपक्वता भी इस एक साल से गायब दिखती है। महंगाई एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सरकार का घुटनाटेक रवैया और मंत्रियों के लापरवाही […] Read more » UPA यूपीए-2 का एक साल
राजनीति लड़े बिना युद्ध जीतने की वाह-वाह लूटना चाहती है यूपीए April 13, 2010 / December 24, 2011 by अम्बा चरण वशिष्ठ | Leave a Comment आतंकवादी माओवादी नक्सलिये देश के शत्रु ”भारत युद्धग्रस्त है”। ”भारत पर सब से बड़ा हमला”। यह हैं कल के कुछ समाचारपत्रों की सुर्खियां, जिनमें उन्होंने छत्तीसगढ़ में माओवादी नक्सलियों द्वारा सीआरपीएफ के जवानों पर हमले के समाचार दिये हैं। इस घटना से अब इतना तो स्पष्ट ही हो गया है कि वर्तमान भारत सरकार सीमा पार से परोक्ष युद्धतथा […] Read more » UPA यूपीए
राजनीति अपना दुखड़ा रोने के बजाए अपनी बात में असर पैदा करें राज्यमंत्रीगण January 23, 2010 / December 25, 2011 by अमलेन्दु उपाध्याय | 1 Comment on अपना दुखड़ा रोने के बजाए अपनी बात में असर पैदा करें राज्यमंत्रीगण हाल ही में प्रधानमंत्री के साथ एक भेंट में मंत्रिपरिषद् के कुछ राज्य मंत्रियों ने शिकायत की कि तवज्जो नहीं मिलती है और केबिनेट मंत्री भाव नहीं देते हैं। इन राज्यमंत्रियों का का दर्द उभर कर सामने आया। उनका कहना था कि वह लगभग बेरोजगार हैं और उनके पास फाइलें ही नहीं आती हैं। यह […] Read more » UPA यूपीए सरकार राज्यमंत्रीगण