राजनीति मेवात में शिवभक्तों पर हिंसा, संयोग या ‘प्रयोग’ August 2, 2023 / August 2, 2023 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा का महत्व: मेवात की धरती भगवान श्री कृष्ण की भूमि है. यह उनकी क्रीडा स्थली रही है. यह यात्रा नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर शृंगार मंदिर पुन्हाना में संपन्न होती है. इन दोनों स्थानों का महत्व श्री कृष्ण के नाम के साथ जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि […] Read more » coincidence or 'experiment' on Shiva devotees in Mewat Violence
धर्म-अध्यात्म मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना October 4, 2010 / December 21, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 4 Comments on मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना -फ़िरदौस ख़ान मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी हैं हम वतन है, हिन्दोस्तां हमारा… हिंसा किसी भी सभ्य समाज के लिए सबसे बड़ा कलंक हैं, और जब यह दंगों के रूप में सामने आती है तो इसका रूप और भी भयंकर हो जाता है। दंगे सिर्फ जान और माल का ही नुक़सान नहीं […] Read more » Violence मजहब हिंसा
राजनीति जब कौआ चले हंस की चाल September 21, 2010 / December 22, 2011 by पंकज झा | 4 Comments on जब कौआ चले हंस की चाल -पंकज झा पौराणिक पक्षी हंस के बारे में मान्यता है कि अगर उसके सामने आप दूध मिला पानी रख दें तो वह पानी को अलग कर ‘दूध’ ग्रहण कर लेता है. शास्त्रों में इसे नीर-क्षीर विवेक कहा गया है. ‘साहित्य’ से भी यही अपेक्षा की जा सकती है वह यदि सर्वजन हिताय काम ना कर […] Read more » Violence हिंसा
विविधा अहिंसा के हिंसक अनुयायी July 26, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on अहिंसा के हिंसक अनुयायी – शाक्त ध्यानी गांधी अपने हीरो कभी नहीं रहे। विद्यार्थी जीवन में जब प्रत्येक छात्र अपना एक वैचारिक शरीर खड़ा कर उसे ओढ़ता है तो उसमें जीवन के प्रति चौबीस कैरेट की शुचिता होती है। वह समाज, राष्ट्र के लिये अर्पित होने को आतुर होता है, उन दिनों अपने कमरे में सुभाष, भगत सिंह और […] Read more » Violence अहिंसा हिंसा
विविधा हिंसा का महाख्यान June 25, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on हिंसा का महाख्यान -जगदीश्वर चतुर्वेदी हिंसा के बारे में बातें करना सामान्य बात है. आमतौर पर हम सभी हिंसा विभिन्न रूपों को देखते हैं, देखकर कभी दुखी होते हैं, कभी सुखी होते हैं, कभी पराजय कभी हताशा और कभी हिंसा में आशा की किरणें देखते हैं। हिंसा के नाम अनेक हैं, किसी एक नाम से हिंसा को रेखांकित […] Read more » Violence हिंसा