धर्म-अध्यात्म वेदोद्धारक, समाज सुधारक तथा आजादी के मंत्रदाता ऋषि दयानन्द October 17, 2020 / October 17, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य विश्व का धार्मिक जगत ऋषि दयानन्द का ऋणी है। उन्होंने विश्व को सद्धर्म का विचार दिया था। एस सद्धर्म की पूरी योजना व प्रारूप भी उन्होंने अपने ग्रन्थों व विचारों में प्रस्तुत किया है। उन्होंने बतया था कि मत-मतान्तर व सत्य धर्म में अन्तर होता है। मत-मतान्तर धर्म नहीं अपितु अविद्या […] Read more » social reformer and freedom minister Rishi Dayanand Vedicist ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने सत्य के निर्णयार्थ सब धर्माचार्यों से शास्त्रार्थ किये थे October 7, 2020 / October 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य सभी मनुष्य बुद्धि रखते हैं जो ज्ञान प्राप्ति में सहायक होने के साथ सत्य व असत्य का निर्णय कराने में भी सहायक होती है। एक ही विषय में अनेक मनुष्यों व आचार्यों के विचार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। यह भी सत्य एवं प्रामणिक तथ्य है कि एक विषय में सत्य एक […] Read more » ऋषि दयानन्द धर्माचार्यों से शास्त्रार्थ सत्य के निर्णयार्थ
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ की रचना क्यों की? September 29, 2020 / September 29, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य कोई भी विद्वान जिस विषय को अच्छी प्रकार जानता है, उसको लोगों को जनाने व उस ज्ञान व विद्या से अपरिचित लोगों को परिचित कराने के लिये उस विषयक अपने ग्रन्थ वा पुस्तक की रचना करता है। संसार में इसी उद्देश्य से सहस्रों व लाखों ग्रन्थ लिखे गये हैं। इसके विपरीत […] Read more » Why did Rishi Dayanand write the Satyarthprakash book? ऋषि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ की रचना
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने विश्व कल्याण की भावना से वेदों का प्रचार किया September 11, 2020 / September 11, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना किसी नवीन मत–मतान्तर के प्रचार अथवा प्राचीन वैदिक धर्म के उद्धार के लिये ही नहीं की थी अपितु उन्होंने वेदों का जो पुनरुद्धार व प्रचार किया उसका उद्देश्य विश्व का कल्याण करना था। यह तथ्य उनके सम्पूर्ण जीवन व कार्यों पर दृष्टि डालने व मूल्याकंन […] Read more » Rishi Dayanand preached the Vedas with the spirit of world welfare. ऋषि दयानन्द वेदों का प्रचार
धर्म-अध्यात्म समाज ऋषि दयानन्द का गृहाश्रम पर पठनीय महत्वपूर्ण उपदेश August 10, 2020 / August 10, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द का सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके चैथे अध्याय में समावर्तन, विवाह तथा गृहाश्रम पर उपदेश प्रस्तुत किये गये हैं। जैसा उपदेश ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत किया है वैसा उनके समय व पूर्वकाल में अन्यत्र प्राप्त होना दुर्लभ था। इसका दिग्दर्शन कराने के लिये हम […] Read more » Important sermons read by sage Dayanand on home ऋषि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने मत-मतान्तरों की परीक्षा कर वेदानुकूल सत्य के ग्रहण का सिद्धान्त दिया July 9, 2020 / July 9, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने अपने ज्ञान व ऊहा से वेदों को सृष्टि के आरम्भ में चार ऋषियों को सर्वव्यापक परमात्मा से प्राप्त सत्य ज्ञान के ग्रन्थ स्वीकार किया था। इस सिद्धान्त व मान्यता की उन्होंने डिण्डिम घोषणा की है। इसके पक्ष में उन्होंने उदाहरणों सहित एवं तर्क युक्त बातें विस्तार से अपने […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने ईश्वर और मातृभूमि के किन ऋणों को चुकाया? May 23, 2020 / May 23, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द सृष्टि की आदि में प्रवृत्त वैदिक ऋषि परम्परा वाले एक ऋषि थे। उन्होंने विलुप्त वेदों का अत्यन्त पुरुषार्थपूर्वक ज्ञान अर्जित किया था। ईश्वर की उन पर कृपा हुई थी जिससे वह अपने अपूर्व प्रयत्नों से वेदज्ञान को प्राप्त करने में सफल हुए थे। वेदज्ञान प्राप्त करने पर उन्हें वेद […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द वेद, योग तथा ब्रह्मचर्य की शक्तियों से देदीप्यमान थे May 20, 2020 / May 20, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द संसार के सभी मनुष्यों व महापुरुषों से अलग थे। उनका जीवन वेदज्ञान, योग सिद्धि तथा ब्रह्मचर्य की शक्तियों से देदीप्यमान था। महाभारत के बाद इन सभी गुणों का विश्व के किसी एक महापुरुष में होना विदित नहीं होता। इन गुणों ने ही उन्हें विश्व का महान महापुरुष बनाया। वेदज्ञान […] Read more » Sage Dayananda was resplendent with the powers of Veda yoga and celibacy. ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने विश्व को सद्धर्म और उसके लाभों से परिचित कराया May 17, 2020 / May 17, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने देश में वैदिक धर्म के सत्यस्वरूप को प्रस्तुत कर उसका प्रचार किया था। उनके समय में धर्म का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। न कोई धर्म को जानता था न अधर्म को। धर्म के न जानने व अधर्म से होने वाली हानियों का भी मनुष्यों को ज्ञान […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ईश्वर-वेद-देश भक्त, आदर्श महापुरुष तथा विश्व के सच्चे हितैषी ऋषि दयानन्द May 11, 2020 / May 11, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा की सृष्टि में अनेक अनादि, नित्य व शाश्वत् आत्मायें जन्म लेती हैं। अधिकांश ऐसी होती हैं जो जन्म लेती हैं और मर जाती हैं। लोग उन्हें जानते तक नहीं। इनका जीवन अपने सुख व समृद्धि में ही व्यतीत होता है। इसके विपरीत कुछ आत्मायें ऐसी भी होती हैं जो मनुष्य […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज ने वैदिक धर्म का पुनरुद्धार और देशोत्थान का कार्य किया April 1, 2020 / April 1, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द (1825-1883) के समय में सृष्टि के आदिकाल से आविर्भूत ज्ञान व विज्ञान पर आधारित सत्य सनातन वैदिक धर्म विलुप्त हो चुका था। इसके स्थान पर देश में वैदिक धर्म का स्थान अविद्या, अन्धविश्वास, पाखण्ड, सामाजिक असमानता, पक्षपात व अन्यायपूर्ण व्यवहार तथा परम्पराओं से युक्त मत–मतान्तरों ने ले लिया था। […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द न आये होते तो आर्य-हिन्दू अत्यन्त दुर्दशा को प्राप्त होते March 7, 2020 / March 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य की पहचान व उसका महत्व उसके ज्ञान, गुणों, आचरण एवं व्यवहार आदि से होता है। संसार में 7 अरब से अधिक लोग रहते हैं। सब एक समान नहीं है। सबकी आकृतियां व प्रकृतियां अलग हैं तथा सबके स्वभाव व ज्ञान का स्तर भी अलग है। बहुत से लोग अपने ज्ञान […] Read more » Rishi Dayanand ऋषि दयानन्द