समाज सफल जीवन के लिये नई राहें बनाएं November 22, 2018 / November 22, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- धूप और छांव की तरह जीवन में कभी दुःख ज्यादा तो कभी सुख ज्यादा होते हैं। जिन्दगी की सोच का एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि जिन्दगी में जितनी अधिक समस्याएं होती हैं, सफलताएं भी उतनी ही तेजी से कदमों को चुमती हैं। बिना समस्याओं के जीवन के कोई मायने नहीं हैं। समस्याएं […] Read more » ईष्र्या क्रोध घृणा भय मन मनुष्य वाणी शरीर सफल जीवन के लिये नई राहें बनाएं
समाज घर में ही नहीं, घट में भी दीये जलें October 17, 2018 / October 17, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- हम हर वर्ष दीपावली मनाते हैं। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति का गौरव है, क्योंकि दीपावली रोशनी का पर्व है और दीया प्रकाश का प्रतीक है और तमस को दूर करता है। इस त्यौहार का न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक, सांस्कृृतिक, भौतिक दृष्टि से भी विशेष महत्व है। भगवान महावीर का निर्वाण […] Read more » अनैतिकता आतंकवाद इंद्रियों ओजोन घट में भी दीये जलें घर में ही नहीं प्रदूषण भय भ्रष्टाचार हिंसा
धर्म-अध्यात्म गीता का कर्मयोग और आज April 18, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment गीता का कर्मयोग और आज राकेश कुमार आर्य  गीता का अठारहवां अध्याय अधर्म को धर्म समझ लेना घोर अज्ञानता का प्रतीक है। मध्यकाल में बड़े-बड़े राजा महाराजाओं ने और सुल्तानों ने अधर्म को धर्म समझकर महान नरसंहारों को अंजाम दिया। ये ऐसे नरसंहार थे -जिनसे मानवता सिहर उठी थी। वास्तव में ये कार्य तामसी […] Read more » Featured अर्जुन इन्द्रियां प्राण भय मनुष्य निद्रा मनुष्य मन विषाद शोक श्रीकृष्णजी