धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-३० (महाभारत पर आधारित उपन्यास-अंश) September 25, 2011 / December 6, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (हस्तिनापुर की द्यूत सभा) विपिन किशोर सिन्हा क्रोध अपनी सीमा पार कर क्षोभ का रूप धर लेता है। मैं क्या था उस क्षण, ठीक जान नहीं पाया। अनुगत भ्राता, वीरत्वहीन पुरुष, हतभाग्य नायक, द्रौपदी का प्राणप्रिय, इन्द्र की सन्तान, श्रीकृष्ण का परम प्रिय सखा या क्रीत दास – ज्ञात नहीं। लेकिन था तो बहुत कुछ […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौतेन्य हस्तिनापुर की द्यूत-सभा
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-२९ (महाभारत पर आधारित उपन्यास-अंश) September 17, 2011 / December 6, 2011 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment (हस्तिनापुर की द्यूत-सभा) विपिन किशोर सिन्हा भीम शत्रुओं के जाल में फंसते दीख रहे थे। हम पांचो भ्राताओं की चट्टानी एकता में एक छोटी सी दरार ही तो देखना चाहते थे कौरव। चार उंगलियां कभी मुष्टिका का निर्माण नहीं कर सकतीं। मुष्टिका के बिना शत्रु पर प्रहार असंभव होता है। सिर्फ उंगली उठाने से शत्रु […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय हस्तिनापुर की द्यूत-सभा
धर्म-अध्यात्म कहो कौन्तेय-२८ (महाभारत पर आधारित उपन्यास-अंश) September 17, 2011 / December 6, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment (हस्तिनापुर की द्यूत-सभा) विपिन किशोर सिन्हा “भीम, लौट आओ, मुझे लज्जित न करो। तुम्हें मेरी शपथ, लौट आओ।” युधिष्ठिर ने तेज स्वरों में बार-बार भीम को लौट आने का आदेश दिया। भैया भीम कठपुतली की भांति युधिष्ठिर के पांव के अंगूठे पर दृष्टिपात करते हुए अपने स्थान पर लौट आए। हम चारो भ्राताओं की जीवन-डोर […] Read more » Kaho Kauntey कहो कौन्तेय हस्तिनापुर की द्यूत-सभा