वॄषभ राशि – वार्षिक राशिफल 2022

ग्रह गोचर

इस वर्ष 13 अप्रैल को गुरु मीन राशि में एकादश भाव में और 17 मार्च को राहु मेष राशि में द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। 29 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में दशम भाव में प्रवेश करेंगे और वक्री होकर 12 जुलाई को मकर राशि में नवम भाव में आ जाएंगे। 30 सितम्बर से 21 नवम्बर तक शुक्र अस्त रहेंगे।

कार्य व्यवसाय

कार्य व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में दशम भाव में गुरु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे. व्यवसाय को एक नया मोड़ मिलेगाड, जिससे आपको व्यापार में अघिक लाभ प्राप्त होगा। नौकरी करने वाले व्यक्तियों की पदोन्नति भी हो सकती है।

13 अप्रैल के बाद एकादश स्थान स्थित गुरु आपके व्यापार से आय बढ़ा सकते हैं। उस समय आपको प्रभावशाली व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त होगा। 29 अप्रैल के बाद चतुर्थ स्थान पर शनि ग्रह की दृष्टि नौकरी करने वाले व्यक्तियों का स्थानान्तरण करा सकती है।

आर्थिक

आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। धन आगमन तो होता रहेगा परन्तु आप अपनी भौतिक सुख सुविधा पर अघिक खर्च करेंगे.  चतुर्थ एवं द्वितीय स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपको भूमि, भवन, वाहन एवं रत्नादि वस्तुओं की प्राप्ति हो सकती है।

13 अप्रैल के बाद एकादश स्थान में गुरु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से आपके रूके हुए पैसे मिल सकते हैं साथ ही आपके धनागम में वॄद्धि होगि। पुराने चले आ रहे ऋण इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है। आप अपनी संचित पूँजी बढ़ा पाएंगे। भाई-बहन या पुत्र के विवाह पर धन खर्च  होगा।

पारिवारिक दृष्टि

पारिवारिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। चतुर्थ स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके परिवार में सुख  शान्ति का वातावरण बना रहेगा। आपको माता-पिता सहित पूरे परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। आपके व्यक्तित्व में निखार आयेगा। बातचीत का ढंग व व्यवहार दोनों में बदलाव आएगा।

13 अप्रैल के बाद आपको प्रेम प्रसंग में भी सफलता प्राप्त होगी। आपके जीवनसाथी के साथ सम्बन्घ मघुर होंगे। तृतीय स्थान में गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वॄद्दि होगी।

संतान

संतान की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ सामान्य रहेगा। आपके बच्चे अपने परिश्रम के बल पर आगे बढायेंगे वे अपने बौद्धिक बल पर अपने लक्षय को प्राप्त करेंगी। 13 अप्रैल के बाद पंचम स्थान पर गुरु की दृष्टि प्रभाव से नवविवाहित व्यक्तियांे को संतान की प्राप्ति हो सकती है।

आपके बच्चों की उन्नति होगी। प्रथम संतान के विषय में शुभ समाचार प्राप्त होंगे।  शिक्षा के क्षेत्र में भी अच्छी प्रगति होने के शुभ योग बने हैं। यदि आपका बच्चा विवाह के योग्य है तो उसका विवाह संस्कार हो सकता है।

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ कोई विशेष शुभ नहीं रहेगा। लग्न स्थान का राहु आपके स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव की स्थिति बना सकते हैं। मानसिक रूप से आप कभी-कभी असन्तुष्ट भी रहेंगे परन्तु गुरु ग्रह का गोचर शुभ स्थान में होने के कारण आपके स्वास्थ्य में अनुकूलता भी प्राप्त होती रहेगी।

यदि पहले से कोई बीमारी नहीं है तो यह समय अच्छा रहेगा। कभी-कभी मौसम जनित बीमारियों से परेशान हो रही हैं तो जल्दी ही आप अच्छे हो जाएंगे। अपना स्वास्थ्य अनुकूल रखने के लिए शाकाहारी भोजन करें। कोई भी दीर्घकालिक बीमारी का खतरा नहीं हैं.

प्रतियोगी परीक्षा

प्रतियोगी परीक्षा के लिए यह वर्ष बहुत अच्छा रहेगा। षष्ठ स्थान स्थित गुरु एवं शनि की दृष्टि प्रभाव से परीक्षा में सफलता प्राप्त होगी। बेरोजगार व्यक्तियों को नौकरी मिल सकती है।

13 अप्रैल के बाद व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए समय बहुत अच्छा है। विद्यार्थियों की शिक्षा के प्रति रूचि  बढेगी। इस समय यदि आप पढाई में मन को एकाग्र करें तो सफलता मिल सकती है।

यात्रा

यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा। नवम स्थान का शनि आपको लम्बी यात्रा करा सकता है। 13 अप्रैल के बाद आपकी निकट स्थल की यात्राएं अघिक होंगी।

व्यावसाय संबंघित यात्राए भी होंगी। मार्च के बाद द्वाद्श स्थान में राहु ग्रह के गोचरीय प्रभाव से विदेश यात्रा के प्रबल योग बन रहे हैं।

धार्मिक

धार्मिक कार्यों के लिए यह वर्ष अनुकूल रहेगा। घर्म स्थान का शनि आपकी आध्यात्मिक शक्ति को बढाएगा, जिससे धार्मिक कार्यो के प्रति आपकी रुचि और बढेगी.  धार्मिक गतिविधियों में आप बढ चढ के भाग लेंगे। 13 अप्रैल के बाद पंचम स्थान पर गुरु ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके अंदर भगवान के प्रति श्रद्गा एवं विश्वास और बढ़ाएगा। जिससे आप निस्वार्थ भाव से भगवान की पूजा, पाठ, यज्ञ, अनुष्ठान इत्यादि संपन्न करेंगे.

उपाय

  अमावस्या तिथि को किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं।

  वर्ष के प्रारम्भ में दुर्गा बीसा यंत्र घारण करें तथा दुर्गा कवच का पाठ करें।

  प्रत्येक दिन राहु मन्त्र का पाठ करें एवं शनिवार के दिन राहु ग्रह की वस्तु का दान करें।

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