—विनय कुमार विनायक
बेईमान ने साधु रख लिया है नाम रे भैया,
खबर है कि शैतान ने बदला नाम रे भैया!
आई लव माई ‘इंडिया’ प्रेमपूर्वक कहने से,
अब भारत का होगा नहीं गुणगान रे भैया!
भ्रष्टाचारी व भाई-भतीजा वादी नेताओं से,
अब होगी देश ‘इंडिया’ की पहचान रे भैया!
भारत सोने की चिड़िया बड़ा महान रे भैया,
इंडिया अंग्रेज लुटेरों का दिया नाम रे भैया!
जिसे जैसा भाया भारत का बदला नाम रे,
‘इंडिया’ देशी लुटेरों को आया काम रे भैया!
बड़े शातिर दिमाग वाले ये खानदान रे भैया,
‘इंडिया’ का अर्थ हो गया पाकिस्तान रे भैया!
रावण कौरव कंश ने जो नहीं सोच पाया था,
वो पप्पू ने सोचके बदले इनके नाम रे भैया!
रावण ने स्वयं को घोषित किया राम रे भैया,
अब सीताहरण का क्या होगा अंजाम रे भैया?
दुशासन उर्फ सुशासन बाबू कुशासन रे भैया,
दुर्योधन धर्मराज,कंश बना घनश्याम रे भैया?
द्रोपदी का सरेआम चीरहरण करनेवाले कौन?
शिनाख्त कैसे हो सबके नाम श्याम रे भैया?
अब धर्मसंकट ऐसा है कि ‘इंडिया’ हारे तो
हारेगा देश,जीतेगा भ्रष्टों की संतान रे भैया!
अब देश का नाम, राष्ट्रीय निशान खतरे में
इसे निजी प्रयोग के नहीं है विधान रे भैया।
समय आ गया भारत की संज्ञा इंडिया पर
प्रतिबंध लगाने का, होगा कल्याण रे भैया!
बर्मा म्यांमार हुआ, लंका श्रीलंका हो गया,
भारत कबतक ढोए इंडिया बदनाम रे भैया!
देश में विदेशी धर्म के ढेर हैं गुलाम रे भैया,
आतंक के पोषक का हो काम तमाम रे भैया!
बदल दो भारत का विदेशी उपनाम रे भैया,
‘इंडिया’ भारत को करेगा गुमनाम रे भैया!
अब ‘इंडिया’ आंख का अंधा नाम नयन सुख,
देश को भारत होने दो, करो इंतजाम रे भैया!
अब चाहे कहो भारत या आर्यावर्त, ब्रह्मावर्त,
सबसे सुंदर हिन्ददेश यह हिन्दुस्तान रे भैया!
—विनय कुमार विनायक