इंडियन सुपर लीग : भारतीय फुटबॉल के विस्तार का सुनहरा मंच

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islखेल के जरिए रोमांच के नित नये आयाम गढ़ने वाला देश भारत अब खेलों में भी अपनी विविधता की छाप छोड़ रहा है। बीते कुछ समय में जिस तेजी से क्रिकेट को अन्य खेलों से चुनौती मिल रही है वह सहज ही स्पष्ट करता है कि भारतीय खेल प्रेमी क्रिकेट के छक्के-चौकों से इतर भी कुछ नया पसंद कर रहे हैं। इसी परिवर्तन की बानगी है कि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) जैसी प्रतियोगिताओं को बड़े स्तर पर शुरू किया गया। अब एक बार फिर अपने तीसरे संस्करण के साथ आईएसएल तैयार है.. और साथ ही तैयार हैं वो भारतीय खेल प्रेमी भी, जिन्हें फुटबॉल के हर किक के साथ रोमांच का नया अनुभव होता है। आखिर ऐसा हो भी क्यों ना.. विश्वस्तर के खिलाड़ियों के साथ छोटे शहरों-गांवों और कस्बों से निकले युवाओं को खेलते देखने की इच्छा किसकी ना होगी।
क्रिकेट के दीवाने देश भारत में फुटबॉल की बढ़ती लोकप्रियता की ही नतीजा है कि सत्ता में काबिज मोदी सरकार भी फुटबॉल को बढ़ावा देने की योजना पर अमल कर रही है। केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने तो यहां तक कह दिया कि सरकार फुटबॉल को देश की हर गली में खेला जाए इसको लेकर प्रयास कर रही है। वहीं, ब्रिक्स देशों के बीच राजनीतिक नातेदारी से अलग खेल की विधा में भी दोस्ती की नई पौध को जगह दी गयी है। नतीजतन ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के बीच अंडर-17 फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है.. जो 05 से 15 अक्टूबर, 2016 कर गोवा में खेला जाएगा। इतना ही नहीं, फुटबॉल के भारतीय विस्तार के क्रम में अगले वर्ष देश में अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप का आयोजन भी किया जा रहा है। भारत में होने जा रहा अंडर-17 विश्व कप प्रतियोगिता.. भारतीय सरजमी पर फुटबॉल का सबसे बड़ा टूर्नामेंट होगा, जिसमें दुनिया भर की नामी टीमें भाग लेंगी।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि अंडर-17 फीफा विश्व कप की मेजबानी आगामी पीढ़ियों के लिए ‘बदलाव’ लेकर आएगी। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी की अहमियत पर पटेल ने कहा, ‘विश्व कप ऐसी पहल है जो भारतीय फुटबॉल को आगामी पीढ़ियों के लिए क्रिकेट के समान लोकप्रिय बना देगा।’ उन्होंने कहा कि भारत को 2017 में फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी का अवसर मिला है, जिसके लिए हमें लंबा रास्ता तय करना है।
विश्वकप की तैयारियों के बारे एआईएफएफ अध्यक्ष पटेल ने कहा कि भारतीय टीम के लिए नये खिलाड़ियों को चुना गया है और वे अपनी पीढ़ी के शीर्ष खिलाड़ी हैं। फिलहाल वो गोवा में मुख्य कोच निकोलेई एडम के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग ले रहे हैं। भारत की मौजूदा अंडर-17 विश्व कप टीम में 25 से 30 खिलाड़ियों को रखा गया है जिनका चयन पूरे भारत से किया गया है। अंडर-17 विश्व कप के लिए चयनित टीम आगे भी बरकरार रहेगी क्योंकि यही खिलाड़ी भारतीय फुटबाल की आगामी पीढ़ी के आधार होंगे।
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का 2016 का सत्र काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। आईएसएल का सफल आयोजन विश्व कप की तैयारियों को दिखाने के लिए एक बड़ा मौका होगा। स्टेडियम में प्रशंसकों का शोर, टीम के लिए समर्थन और अच्छी फुटबॉल, एक सफल विश्व कप के लिए बहुत ज़रूरी है और इन सब के लिए बहुत कुछ आईएसएल पर निर्भर करेगा। विश्व कप की समिति अभी तक काफी सहायक रही है और भारत द्वारा विश्व कप की तैयारियो के लिए किये गए प्रयासों को भी उसने सराहा है और इस में कोई शक नहीं है कि इन तैयारियों को देखते हुए इस बार आईएसएल का आयोजन, आयोजकों के लिए एक अग्निपरीक्षा के समान होगी। आईएसएल-2016 का शानदार और सफल आयोजन फीफा और उसके अधिकारियों को अच्छे विश्व कप के आयोजन की गारंटी देगा जिसको लंबे समय तक याद किया जायेगा।
हर एक सीजन के साथ आईएसएल और बड़ा होता जा रहा है। यक़ीनन रोबेर्टो कार्लोस आईएसएल में खेले अब तक के सबसे बड़े खिलाडी हैं, लेकिन यह ब्राज़ीलियाई खिलाडी अपना उम्दा खेल नहीं दिखा पाया और बाद में टीम के कोच की भूमिका में ज्यादा दिखा। इस साल आईएसएल में डिएगो फोरलेन जैसा दिग्गज खिलाडी मुम्बई एफसी के लिए खेलता दिखाई देगा। 2010 के विश्व कप में गोल्डन बॉल जीतने वाला उरुग्वे का यह खिलाडी पिछली पीढ़ी के सबसे शानदार खिलाड़ियों में गिना जाता है। इतने बड़े सितारों की आईएसएल में उपस्थिति से टूर्नामेंट की चमक और बढ़ गयी है। भारतीय खिलाड़ियों को भी इन सितारों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
सभी खेल लीग का मुख्य उद्देश्य घरेलू खिलाड़ियों को अवसर प्रदान करने के साथ उनके खेल कौशल के स्तर में सुधार करना होता है, जिसका परिणाम भी अद्भुत होता है। संदेश झींगन, जोकि इस वक़्त भारत के सबसे अच्छे सेंटर बैक माने जाते हैं, वो लोगो की नज़रो मे तब आये जब 2014 में उन्होंने आईएसएल की टीम केरला ब्लास्टर्स के लिए शानदार प्रदर्शन दिखाया।
इस सत्र में भारतीय खिलाड़ियो का एक नया बेड़ा देखने को मिलेगा। जे.जे. लालपेखलुआ, सुनील छेत्री और यूगेनेसन लींगदोह खुद को देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी साबित कर चुके हैं और देखना दिलचस्प होगा कि इस बार कौन से खिलाड़ी उम्मीदों की कसौटी पर खुद को साबित करता है। युवा खिलाड़ी प्रोनय हेल्डर पर भी इस बार सबकी नजरें टिकी हैं… ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मुंबई एफसी का यह 23 वर्षीय खिलाड़ी मिडफ़ील्ड में कैसा प्रदर्शन करता है।
भारत में फुटबॉल को लेकर बढ़ी दिलचस्पी और खिलाड़ियों की लगातार मिलते अवसरों के कारण भारतीय फुटबॉल लगातार विस्तार कर रहा है। इसी विस्तार का नतीजा है कि भारत धीरे-धीरे लेकिन मजबूती से अंतराष्ट्रीय फुटबॉल में अपनी जगह बना रहा है। भारतीय फुटबॉल के चाहने वाले आईएसएल के जरिए रोज नये सुपरस्टार के उभरने की उम्मीद कर रहे हैं.. और साकार होता भी देख रहे हैं। विश्व के सबसे बड़े खेल को भारत में बड़ी संख्या में चाहने वाले मिल रहे हैं। फुटबॉल को लेकर देश में उत्साह और रोमांच का दौर शुरू हुआ है उसी का नतीजा है कि भारत में धर्म के रूप में देखे जाने वाले खेल क्रिकेट के इतर भी अन्य खेल खुद को विकसित कर पा रहे हैं। जो खेल की वैश्विक प्रासंगिकता के लिहाज से सुखद है।

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