महत्वपूर्ण लेख

थायलॅंन्ड पर संस्कृत का प्रभाव — डॉ. मधुसूदन

 (१)

विकलांग मानसिकता

सफलता प्राप्ति के लिए, सबसे पहले हमें, अपनी विकलांग मानसिकता से ऊपर उठना होता है।

”अहं ब्रह्मास्मि” (मैं ब्रह्म हूँ।) का घोष, या शंकराचार्य रचित — ”चिदानन्द रूपश्शिवोहम्‌ शिवोहम्‌” का उद्‌घोष आपको बार बार करते हुए, अपने चित्त-बुद्धि-आत्मा को उस भाव से सराबोर करना होता है। जो आपके मन, बुद्धि और आत्मा को उपर उठा देता है।कहते हैं, ”मनः अस्ति स मानवः”। अर्थात, मनुष्य मानसिक प्राणी है, वह उत्साह की सोच मात्र से उत्साहित हो जाता है।

सुना होगा ही,कि विजय प्राप्ति के लिए सब से कठिन, अपने मन की सीमा पार करना होता है; जिसे पार किए बिना विजयी होना असंभव होता है।

(२)

हीन ग्रन्थि, दास्यता ग्रन्थि, या लघुता ग्रन्थि

हीन ग्रन्थि, दास्यता ग्रन्थि, या लघुता ग्रन्थि इत्यादि ग्रन्थियाँ; ऐसी मानसिक खाइयाँ हैं, जिन्हें पार किए बिना (हम) आप स्वतन्त्र नहीं हो सकते। हम सच्चे अर्थ में स्वतंत्र इसी लिए नहीं है, क्यों कि इन सीमाओं को हम सामूहिक स्तर पर, पार नहीं कर पाए हैं। शरीर स्वतन्त्र है, पर मानसिकता अभी भी गुलामी की है, सारी समस्याओं की जड यही है।

यदि हम ही गुलाम होते, और हमारा शासन दूर दृष्टिका नेतृत्व रखता, तो भी समस्याएं कम होती। पर हमारा नेतृत्व नेतृत्व है ही नहीं। वह सत्ता-शासन के पीछे भागता गुलाम है। वह शासन का, और आसन का, कुरसी का, पीछा कर रहा है। यह कैसा नेतृत्व?

वास्तव में सही नेतृत्व का सम्बंध नेत्र से होता है। जिन्हें दूर के, और निकट के भविष्य की अपेक्षित घटनाएं दिखाई दे, और कुछ तर्क भरा अनुमान कर सकने की क्षमता हो, उसे नेता कहते हैं। ऐसा नेता उस दृष्टि से राष्ट्र को दिशादर्शन करता है, और कठिन समस्याओं का सामना करने की क्षमता रखता है।

(३)

हमारे वैश्विक योगदान

इस लिए हमारे वैश्विक योगदान की सच्चाइयाँ लिखने का प्रयास चल रहा है। जिस से हीन वृत्ति का त्याग सरल हो, इसी दृष्टि से संस्कृत की वैश्विक महत्ता, देवनागरी की वैज्ञानिकता, और अन्य अनेक क्षेत्रों में हमारा वैश्विक योगदान, ऐसे विषयों पर आलेख लिखे गये हैं। सच्चाई ही लिखी गयी है।

इसी दृष्टि से, भारतीय संस्कृत मूल धातुओं का अंग्रेज़ी पर, ऐतिहासिक उदाहरणों सहित प्रभाव (युरप) दिखाने का प्रयास चारेक शब्द वृक्षों को रचकर किया गया था। स्पष्टतः हेतु था, कि हम हमारा ही योगदान जानकर, हीन वृत्ति का त्याग करें, आत्मविश्वास धारण करें, और स्वतन्त्रता का भाव जाग्रत हो।

जब हमी ने संसार को अंक दिए, भाषा दी, संस्कार दिए, तो हमें हीनता का अनुभव कैसा? और भी अनेक ऐसे पहलु हैं, जिसका प्रमाण देने पर उल्लेख किया जा सकता है। संसार भर में कुटुम्ब या परिवार प्रणाली भारत की देन मानने के लिए भी पर्याप्त प्रमाण है।कुटुम्ब परिवार की सारी संज्ञाएं संस्कृत की मुद्राओं सें अंकित इसी लिए हैं। संगीत के स्वर जो साम-वेद से निकले भारत की देन ही माने जाते हैं। सा रे ग म … का सप्तक, और दो रे मी फा का सप्तक, समान सिद्धान्तों पर आधारित भी इसी लिए ही है।

(४)

देववाणी संस्कृत का सियामी (थायलॅन्ड )भाषा पर प्रभाव

आज एक अलग विचार रखना चाहता हूँ। निम्न सूची में आप देख पाएंगे, कि देववाणी संस्कृत का सियामी (थायलॅन्ड )भाषा पर कैसा प्रभाव है।

सूचना: हमारे संस्कृत शब्दों के अर्थ, और थायलॅंड की भाषा के शब्दार्थों में कुछ अंतर अवश्य आ चुका है।

जो शब्द वहां पर रूढ हो चुके हैं, हमारे शुद्धिवादियों को चकित और साशंक भी कर सकते हैं। और उन शब्दों को नितान्त सही मानने पर भी कठिनाई हो सकती है। पर ध्यान रहे कि शब्द फिर भी संस्कृत से ही उपजे हुए हैं।

शब्द और उनके अंग्रेज़ी अर्थ पढने पर आप की निम्न प्रक्रियाएं संभव हैं।

(१) कहीं अर्थ विस्तार की प्रक्रिया देखी जा सकती है।

(२) कहीं, उनकी अपनी रूढि के अनुसार शब्दार्थ कुछ अलग है।

(३) कुछ आपकी दृष्टि से अनुचित लगने वाले शब्द भी आपको मिल पाएंगे।

पर ध्यान रहे कि फिर भी शब्द संस्कृत मूल के ही है, और यह हमारा प्रभाव ही है।

कुछ शब्दार्थ विस्तार हमारे यहां पर भी हुआ है, और अलग अर्थ भी अस्तित्व में आये हुए हैं। उदाहरण दे कर आलेख बहुत लम्बा होगा, इस लिए संयमित प्रस्तुति कर रहा हूँ।

(५)

थायलॅंड (सियाम) की अर्थ शब्द सूची और अर्थ।

थायलॅन्ड की लिपि भी देवनागरी उच्चारण पर अधारित ही है। जैसे भारत की अन्य लिपियां भी देव नागरी का ही अनुसरण करती है।

अंग्रेज़ी शब्द = थाय प्रति शब्द।

Academic = विद्याकार

Achievement = समृद्धि

Analogy = उपमान,

Arithmetic =लेख गणित

Attribute = गुण लक्षण

age =आयु

business activity = धुराकृत कृत कार्य,

Manufacturing Activity = हस्त कर्म कृतकार्य,

arithmetical mean = मध्यम लेखगणित

arithmetical series = अनुक्रम लेख गणित

business Establishment =स्थान कार धुराकृत

Catastrophe =विपत्ति

Causation = हेतुक कर्म

Coefficient Of correlation = सम्प्रसिद्धि सह्सम्बंध

Concept =मनोभाव

Computation =कार गणित,

Arithmetical Concept =मनोभाव गणित शास्त्र,

Consumption = कार-परिभोग,

Correlation = सह-सम्बन्ध

Negative Correlation = सह-सम्बन्ध निषेध

Crisis =विकृत काल

Primary Data = मूल प्रथम-भूमि

Qualitative Data = मूल गुण-भाव

Quantitative Data = मूल परिमाण

Secondary data =मूल दुतिय भूमि,

Decade= दश वर्ष,

Deduction =निर्णय

Degree = अंश

Derivative, = अनुबन्ध

Description,= वर्णना

Effects,=फल

Seasonal Effects,=फल ऋतुकाल

Element = धातु-मूल

Time Element,= धातु मूल वेला

Agricultural Equipment,=परिबन्ध क्षेत्र कर्म

Establishment = स्थान कार

Estimate = प्रमाण

Formula =सूत्र

Geography = भूमि शास्त्र

Geometry = रेखा गणित

Geometric Mean = मध्यम रेखा-गणित

Homogeneous = एकबन्धु

Ideal = उत्तम गति

illusion, illusory = माया

Optical Illusion = दर्शन माया,

incidental = हेतु उपपत्ति

index = दर्शनी

historical series = अनुक्रम प्रवत्ति

incident = उपपत्ति

induction = उपनय

infinite = अनन्त

influence = इद्धिफल

measure = मात्रा

method =विधि

nature = स्वभाव

net correlation = सह सम्बंध शुद्धि

normalcy = प्रकृति भाव

Conical = शिखर भाव

Phenomena = प्रकट कारण

Relationship = सम्बन्ध भाव

Sequence = अनुपर्व

Ultimate = अन्तिम

Zone = खेत

Irrigation = जल प्रदान,

Agriculture = क्षेत्र कर्म,

Economics = श्रेष्ठ शास्त्र

Activity = कृत्यकार

Public Interest = साधारण प्रयोजन

Independent = एकराज

State = राष्ट्र,

Race = जाति-बन्धु,

Nationality = संजाति

Imaginary = चिन्त भाव

Infer = अनुमान

Mean time = वेला मध्यम,

Medium = मध्यस्थान,

Mode = नियम,

Negative = निषेध,

Net = शुद्धि,

Normal = प्रकृति,

Occupation = आजीव

Organic = इन्द्रीय

Peak = शिखर

Potential = शक्य

Seasonality = भाव: ऋतुकाल

Special =विशेष

Zero = शून्य,

Zone of Estimate = खेत काल-प्रमाण

Union = सहभाव

Commerce = वाणिज्य,

Production = फलित कर्म,

Object = वस्तु

Country = प्रदेश

Nation = जाति

People = प्रजा जन,

Population = प्रजाकर

शब्द और भी काफी मिले, पर सीमित लेख में, कुछ उदाहरणों से ही प्रमाण किया गया है।

आपको इन उदाहरणों से देववाणी संस्कृत के शब्दों का थायलॅंड की भाषा पर प्रभाव का अनुमान हो सकता है।

संदर्भ:

डॉ. रघुवीर जी के, लेख।