जन-जागरण हिंदी दिवस

दशम विश्व हिंदी सम्मेलन में प्रधानमन्त्री मोदी हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के संकल्प की घोषणा करें

सभी क्षेत्रीय भाषाओं को यथास्थान यथायोग्य सम्मान देते हुए हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा घोषित किया जाना अभी शेष है। अगले सप्ताह 10-12 सितम्बर को भोपाल में दशम विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया जा रहा है। इसमें भारत के शीर्ष नेता भाग ले रहे हैं। मैं विदेशमन्त्री श्रीमती सुषमा स्वराज का इसके लिए अभिनन्दन करता हूँ कि उनके निर्देशन में इसकी प्रभावी रुपरेखा तैयार की गई है। गृहमंत्री श्री राजनाथसिंह और मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह प्राणपण से इसके साथ जुड़ रहे हैं। देश विदेश से हिन्दीप्रेमियों को आमन्त्रित किया गया है।

है यह आयोजन अभूतपूर्व सफलता प्राप्त करेगा। लेकिन इस बात पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है कि पहले की तरह यह सम्मेलन भी सिमट कर एक आयोजन मात्र न रह जाए जिसमें हिंदी की विश्व स्तरीय महत्ता की चर्चा तो हो लेकिन भारत इसे वैधानिक दृष्टि से राष्ट्रभाषा का दर्जा देने से अभी भी कतराए। माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं हिंदी के प्रबल समर्थक हैं और उन्होंने अपने विदेश प्रवासों में हिंदी का कीर्ति ध्वज गर्व के साथ फहराया है। मेरा उनसे अनुरोध है कि इस हिंदी सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए संविधान में आवश्यक प्रावधान करने के अपने संकल्प की घोषणा करके इस सम्मेलन को सार्थकता प्रदान करें।  स्वतन्त्रता प्राप्ति के 68 वर्ष बाद अब इस विषय पर पुष्ट निर्णय की नितांत आवश्यकता है।

सम्मेलन की सफलता के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं,

नरेश भारतीय