टाइगर वुड की क्षमाप्रार्थना का मीडियाखेल

गोल्फ के महान खिलाड़ी और मीडिया सैलीबरेटी टाइगर वुड ने परसों एक लाइव टीवी प्रसारण में अपने अपराध के लिए पत्नी, बच्चे और समर्थकों से माफी मांगी है। वुड का अपराध था कि उसके अनेक औरतों के साथ अवैध संबंध थे और मीडिया में यह तथ्य पारदर्शिता के साथ दिखाया गया।

वुड के अनेक औरतों के साथ अवैध संबंध थे यह ऐसी खबर थी जिस पर वुड की बीबी से लेकर मीडिया उपभोक्ताओं तक किसी को भी विश्वास नहीं था, अवैध संबंधों के खुलासा होने के पहले तक यही मिथ प्रचलन में था कि वुड घरेलू मर्द है, गृहस्थी के मूल्यों का प्रतीक है। मीडिया के एक ही एक्सपोजर ने वुड को अच्छे मर्द से बुरे मर्द में बदल दिया।

परसों जब टाइगर वुड पश्चाताप और क्षमा प्रार्थी के रुप में अपना प्रायश्चितनामा पढ़ रहा था तो उसे सभी ने संदेह की नजर से देखा है। टेलीविजन के लाइव प्रसारण और उसकी बॉडी लैंग्वेज की व्याख्या करते हुए ज्यॉफ्री बीटी ने गार्जियन’ में लिखा कि उसकी प्रस्तुति में कई तत्व थे उसमें दुख की अभिव्यक्ति थी, जिम्मेदारी का भाव था, माफीनामा था और अपनी खोई प्रतिष्ठा को पाने का भाव भी था।

वुड का माफीनामा सुनियोजित और पूरी तैयारी के साथ पूर्वाभ्यास कराकर दिलाया गया था। यह माफीनामा एक सैलीबरेटी मर्द का माफीनामा था। वुड जब बोल रहा था तो उसका अभिव्यक्ति पर पूरा नियंत्रण था। उसका धीरे धीरे बोलना यह छद्म आभास भी दे रहा था कि उसे हृदय से दुख है। यह टूटे हृदय की अभिव्यक्ति है। वह गहरे अवसाद में है। बोलने की धीमी गति यह आभास दे रही थी कि यह वुड का ईमानदार माफीपत्र है। वुड का अपने व्यवहार पर पूरा नियंत्रण था। वुड के खड़े होने का अंदाज, बोलने का अंदाज और सीने पर हाथ रखने का तरीका और अंत में धीमी गति से चलना और सामने की पंक्ति में बैठी अपनी माँ और करीबी लोगों से गले मिलना। ये सारे हावभाव बता रहे थे कि टाइगर वुड दुखी है। लेकिन उसका माफीपत्र ईमानदारी के साथ जनता के बीच दिया बयान नहीं है। प्रस्तुति में यह भी मान लिया गया कि लोगों ने उसे माफ कर दिया है। क्योंकि किसी ने सवाल नहीं किया।

टाइगर वुड की प्रस्तुति का अहम पहलू था वह क्षण जब वह माफी मांग रहा था तो कैमरे की तरफ मुँह करके भावहीन मुद्रा में माफी मांग रहा था। यह एक थेथर मर्द का भाव था, मीडिया के अनुसार भावहीनता अथवा अतिरंजित प्रस्तुति दोनों ही किस्म की प्रस्तुतियों स्वाभाविकता नहीं होती। स्वाभाविकता के अभाव में माफीपत्र कृत्रिम अभिव्यक्ति है। इस माफीपत्र में एक नाटकीयता भी थी जिसे जनसंपर्क और विज्ञापन कंपनियों के लिए डाला गया था वह था बौद्ध धर्म का संदर्भ। वुड ने अपने बौद्ध होने की बात तयशुदा रणनीति के तहत कही जिससे वह अपने अपराध के लिए कम से कम धर्म के सामने मुक्त हो सके।

वुड का माफीपत्र इस बात का संकेत है कि वुड की बीबी और बच्चों ने उसे माफ नहीं किया है। वुड ने बडी चालाकी के साथ अपराध को व्यवहार की भूल बनाकर पेश किया है। बहुस्त्रीगमन असल में आदत है और आदतें रातों-रात नहीं जातीं ,नहीं आतीं। वुड के माफीनामे में सीधे सैलीबरेटी का भाव था।

सैलीबरेटी की सार्वजनिक अभिव्यक्तियां और प्रस्तुतियां नकली होती हैं। सैलीबरेटी छद्म होता है, फेक होता है। टाइगर वुड का ईमानदार माफीनामा तब ही आएगा जब वह पेशेवर गोल्फ खेलना बंद कर देगा। बौद्ध धर्म के जरिए समाजसेवा करने लगे। इसके लिए वुड को गोल्फ और मीडिया सैलीबरेटी की पहचान के बाहर आना होगा। यह प्रक्रिया बेहद कठिन है।

उल्लेखनीय है माफी के लिए ईमानदार होना जरुरी है। सैलीबरेटी ईमानदार कम होते हैं। सैलीबरेटी की क्षमा प्रार्थना में प्रामाणिकता का होना जरुरी है। क्षमाप्रार्थना ऐसी जिस पर विश्वास किया जा सके। वुड की क्षमाप्रार्थना भरोसा पैदा नहीं करती। सैलीबरेटी की क्षमाप्रार्थना का सार्वजनिक रुप में प्रसारण विश्वास पैदा नहीं करता। यह वैसे ही जैसे सैलीबरेटी राजनेता अपनी गलती और अपराध के लिए जब माफी मांगते हैं या खेद व्यक्त करते हैं तो विश्वास नहीं होता। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का मोनिका लेविंस्की सेक्सकांड से माफी मांगना। राजीव गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह का 1984 के दंगों पर माफी मांगना, बाबरी मस्जिद गिराए जाने पर लालकृष्ण आडवाणी का दुख व्यक्त करना आदि ईमानदार अभिव्यक्ति की कोटि में नहीं आते। ये सब सैलीबरेटी व्यक्तियों की कृत्रिम अभिव्यक्ति की कोटि में आते हैं। क्योंकि जो वायदा इन लोगों ने किया वह भरोसा पैदा नहीं करता। सैलीबरेटी के माफीनामे के लेखक क्षमापत्र लिखने की कला में सिद्धहस्त होते हैं।

उल्लेखनीय है हाल ही में टोयोटा कार कंपनी के मालिक अकीयो टोयोटा का सारी दुनिया में टीवी के जरिए क्षमासंदेश देखा गया, अकीयो के क्षमा चाहने वाले भाव में ईमानदारी थी। टीवी पर अकीयो के चेहरे पर दुख का भाव था साथ ही टोटोटा कार की तकनीकी खामी के लिए अकीयो ने निजी जिम्मेदारी स्वीकार की और सारी दुनिया से अपनी कार को वापस लेने का फैसला भी किया। उसने टोयोटा के डिजायन की गड़बड़ी की स्वयं जिम्मेदारी ली और इसे अमेरिकी कांग्रेस के सामने भी जाकर स्वीकार करने का वचन दिया। ये सारे लक्षण अकीयो की ईमानदार अभिव्यक्ति का नमूना हैं। टाइगर वुड को अपने व्यवहार से यह प्रमाणित करना होगा कि वह सचमुच में अपने द्वारा किए अपराध पर शर्मिंदा है। इस दिशा में पहला कदम है गोल्फ खेल का त्याग।

टीवी पर क्षमापत्र 14 मिनट तक पढ़ा गया। दर्शकों में चुनिंदा 40 लोग थे, जिनमें वुड की मॉ भी थी, वुड ने अपने व्यवहार को ‘सेल्फिश’ और ‘फुलिश’ की संज्ञा दी है, जो गलत है। यह सामाजिक अपराध है। सामाजिक अपराध का प्रक्षालन सिर्फ समाजसेवा और गोल्फ का परित्याग है। सैलीबरेटी की बजाय सामान्यजन की तरह रहना ही बौद्धधर्म का संदेश है। बौद्ध धर्म का दूसरा संदेश यह है कि पाप या अपराध के लिए सार्वजनिक माफी की नहीं सार्वजनिक व्यवहार बदलने की जरुरत है। क्या टाइगर वुड ऐसा कर पाएंगे?

-जगदीश्‍वर चतुर्वेदी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

* Copy This Password *

* Type Or Paste Password Here *

12,763 Spam Comments Blocked so far by Spam Free Wordpress