—विनय कुमार विनायक
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
राम द्वारा विजित रावण की स्वर्ण लंका का राजा
अनुज लक्ष्मण को बनाकर भारत में विलय किया जाता
जबकि ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियसि’ कहकर
राम ने यक्ष कुबेर की हड़पी गई राक्षस रावण की लंका को
जीतकर उन दोनों के सदाचारी अनुज विभीषण को राज दिया!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
प्रजावत्सल राम ने नारी चरित्र सुचितावादी प्रजा के उलाहने से
अपनी अपहृत अर्धांगिनी सीता का परित्याग नहीं किया होता
बल्कि उस निंदक राजद्रोही प्रजा को देश निकाला दंड दिया होता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
पहचान छिपाकर ब्राह्मण वेशधारी बने राक्षस रावण को सीता
भोजन देकर दानधर्म नहीं निभाती,निज दाम्पत्य जीवन बचा लेती
आजीवन सदाचारी राम सीता विरह वेदना में करते नहीं गुजारा
हिन्दू सदा अपने क्षमा दया करुणा ममता दानवृति सीधापन से हारा
सनातनी हिन्दू बौद्ध जैन सिख अपने इन्हीं सद्गुणों से बना बेचारा!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
राम के पुत्र लव की राजधानी लाहौर और भरत पुत्र तक्ष द्वारा
बसाई गई तक्षशिला जो सम्राट अशोक का एक प्रदेश भी था
तथा अतिप्राचीन सिंधुघाटी सभ्यता स्थल मोहनजोदड़ो हडप्पा
आज विदेशी मजहबी मूर्तिभंजक पाकिस्तान का ना होता हिस्सा!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
पौराणिक सनातनी हिन्दू राजा सुबल पुत्र शकुनि मामा का घर
और दुर्योधन की अम्मा का मायका भारतीय प्रांत गांधार
आज अफगानिस्तान नामक अलग तालिबानी मुल्क नहीं होता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
पृथ्वीराज चौहान से पहलीबार पराजित आक्रांता मुहम्मद गोरी को
क्षमादान कर जिंदा वापस जाने नहीं दिया जाता, संहार दिया जाता
पुनः मुहम्मद गोरी गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक के साथ प्रहार नहीं करता
ऐसे में ऐबक ने मंदिरों को तोड़ अढाई दिन का झोपड़ा बनाया ना होता
और मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाने का सिलसिला आरंभ ही नहीं होता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
तराईन की पहली लड़ाई सन ग्यारह सौ एकानबे ईस्वी में हिन्दू राजा
पृथ्वीराज चौहान द्वारा मुहम्मद गोरी से ये दयालुता दिखाई नहीं जाती
तो सदा के लिए भारत में इस्लामिक आक्रमण की संभावना बंद हो जाती
ना हिन्दू धर्मांतरित होता ना धर्मांतरितों द्वारा अलग देश की मांग होती!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
गुलाम ऐबक अकेला आक्रमण नहीं करता गुलाम खिलजी तुगलक
सैयद लोदी भारत में पौध जमा नहीं पाता, दिल्ली सल्तनत बसा ना होता
गुलाम कुतुबुद्दीन इल्तुतमिश बलबन, गयासुद्दीन अलाउद्दीन खिलजी,
मुहम्मद बिन तुगलक,सैयद सिकंदर लोदी का नहीं होता कोई नामलेवा!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
गुप्त शासक कुमारगुप्त का नालंदा विश्वविद्यालय जला ना होता
बल्कि कुलपति आयुर्वेदाचार्य राहुल श्रीभद्र से रोगोपचार कराने आए
आक्रांता मुहम्मद गोरी के बीमार सिपहसालार बख्तियार खिलजी को
उनकी धर्मपोथी के पन्नों में विष लेपकर चटा दिया गया होता!
ताकि बर्वर बख्तियार मर जाता, बच जाती विश्व भर के छात्रों को
मुफ्त में ज्ञान घुट्टी पिलानेवाली विश्व प्रसिद्ध कुमारगुप्त की नालंदा,
पाल सम्राट गोपाल की उदन्तपुरी,गोपाल पुत्र धर्मपाल की विक्रमशिला
जिस नालंदा में मुफ्त पढ़ा था कृतघ्न चीन का ह्वेनसांग, इत्सिंग आदि!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
चीन कोरिया तिब्बत तुर्की बर्मा लंका जापान इंडोनेशिया मलेशिया के
थान-मि हुवैन-च्यू,ताऊ-हि,हिव-निह,आर्यवर्मन,तामसिक,ताड़,हुइ-लू आदि को
वर्षों तक नालंदा विश्वविद्यालय में निशुल्क ज्ञान दान नहीं दिया जाता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
असिधर क्षत्रिय कुल में अहिंसावादी चौबीस जैन तीर्थंकर
और बौद्ध धर्म संस्थापक करुणाकर बुद्ध का जन्म नहीं होता
बल्कि ये सारे राजकुमार राम कृष्ण अर्जुन की तरह योद्धा होते
करुणा दया अहिंसा को तिलांजलि दे सारे आक्रांताओं को मार भगाते!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
मुगल आक्रांता बाबर का भगोड़ा बेटा हुमायूं का वारिस अकबर
हिन्दू राजपूत राणा अमरशाल के भवन में ना जन्म लेता,ना पलता,
विदेश में बाबर वंश अंत हो जाता,गुरु अर्जुनदेव का हत्यारा जहांगीर,
फिर शाहजहां फिर गुरु तेगबहादुर का कातिल मूर्तिभंजक औरंगजेब
भारत में ना आता,ना कश्मीर के हिन्दुओं का जबरन धर्मांतरण होता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
पहले दौर का आक्रांता मुहम्मद गोरी को चौहान से क्षमादान नहीं मिलता
दूसरे दौर का आक्रांता बाबर पौत्र अकबर को अमरशाल शरण नहीं देता
फिर क्या भारत में आक्रांताओं का सल्तनत व बादशाहत स्थापित ना होता!
सनातनी हिन्दू में ही क्षमादान व शरणागत वत्सलता का पैत्रिक गुण होता
राजा शिवि व उशीनर ने शरणागत कबूतर की रक्षा की निज का देह मांस देकर
बुद्ध ने चचेरे भाई देवदत्त द्वारा घायल हंस को बचाया था राजाज्ञा लेकर
आज भी हिन्दुओं में ये सद्गुण बचा है, बंग्लादेश की महिला प्रधानमंत्री ने
भारत में शरण पाई बदले में वहाँ बहुत सारे हिन्दुओं ने दंगा में जान गँवाई!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
सनातनी हिन्दू ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र वर्ण में बंटा नहीं होता
ना जातियाँ होती न जातिवाद बलिप्रथा के खिलाफ बुद्ध जिन होते
बल्कि वर्ण जातिविहीन सनातनी हिन्दू कट्टर मांसभक्षी कसाई होकर
विदेशी आक्रांताओं को धूल चटाता और सनातन धर्म में दीक्षित कर लेता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
मध्य काल में हिन्दू वेदी द्विवेदी त्रिवेदी चतुर्वेदी उपाधि में नहीं बंटा होता
बल्कि सभी सनातनी हिन्दू बौद्ध जैन गुरु नानकदेव वेदी का अनुयाई होकर
फिर से बढ़ गए जातिभेद मिटाकर गुरुगोविंद सिंह सोढ़ी का पगड़ीधारी प्रणवीर
सिख सिंह होकर अत्याचारी तुर्क मूर्तिभंजक मुगलों से बचा लेता हिन्दू अस्मिता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
विदेशी आक्रांता यवन शक हूण कुषाण पहलव की तरह भय से
तुर्क अफगान मुगल अंग्रेज भी हिन्दुओं में समाहित हो जाता
विदेशी मजहब के नाम पर भारतवर्ष का बंटवारा भी नहीं होता
राम कृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी जैसे ढेर मंदिर तोड़ मस्जिद ना बनता
कट्टर मजहबी देशों सा हिन्दुओं का देश होता जहाँ सिर्फ सनातनी होता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
आक्रांताओं के विदेशी मजहब के नाम पर भारतवर्ष को
दो मुल्क हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में बांटा नहीं जाता
जिन्ना के डाइरेक्ट एक्शन पर हिन्दुओं को मारा काटा नहीं जाता
ना ही नोआखाली घटती ना बापू चाचा वाली वंशवादी राजनीति चलती!
अगर बंटवारा हो भी गया तो हिन्दू मुस्लिम आबादी
दोनों मुल्कों में पूर्ण आदान-प्रदान हस्तांतरण होकर चली जाती
अगर पाकिस्तान को कट्टर इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया गया
तो हिन्दुस्तान को भी सनातन धार्मिक हिन्दू राष्ट्र बनाया जाता
स्वदेशी धर्म होता धर्मनिरपेक्षता के नाम नहीं अनैतिक कर्म होता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
विदेशी रक्त नस्ल मजहब वाला कोई साम्प्रदायिक नेता
हिन्दुओं को हिंसक-हिंसक कहकर जाति गणना की चाल न चलता
और अंग्रेजों की तरह ‘फूट डालो राज करो’ की राजनीति नहीं करता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
अपने देश से बने भूखण्ड अफगानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश में
हिन्दुओं को मारा कूटा बलात्कार और धर्मांतरित नहीं किया जाता
बल्कि विश्व के तमाम देशों द्वारा उनके मानवाधिकार की बातें होती पुख्ता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
सनातन धर्म में सुधार के नाम अलग-अलग मत विचार नहीं होता
शैव शाक्त वैष्णव बौद्ध जैन सिख आर्य में तार्किक तकरार नहीं होता
हिन्दू राम सा धनुर्धर, कृष्ण सा चक्रधर, गुरुगोविंद सा खड्गधर होता
सनातनी बौद्ध जैन भी संत सिपाही होता, देशद्रोही दुर्जन में डर होता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
सारे सनातनी हिन्दू बौद्ध देशों से सांस्कृतिक कुटुम्ब सा व्यवहार होता
नेपाल भूटान चीन जापान कोरिया लंका आदि देश कूटनीतिक रिश्तेदार होता
आर्य संस्कृतिवादी ईरान जावा सुमात्रा श्याम अफगान म्यांमार से प्यार होता
अगर हिन्दू वीर पूर्वजों के बाना में होता तो आतंकी में भय का संचार होता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
फिर से जाति उपाधि वंशवादी मजहबी लुंजपुंज राजनीति का उदय नहीं होता
शिक्षा का महत्व होता जाहिल गुंडा माफिया मवाली जनप्रतिनिधि नहीं बनता
संसद विधानमंडल में झूठे मक्कार भ्रष्टाचारी चोर लुटेरों का जनाधार ना होता!
अगर सनातनी हिन्दू कट्टर हिंसक होता तो क्या होता?
देश धर्मग्रंथों के नैतिक मूल्यों पर कट्टरता से चलता,भारत विश्वगुरु रहता
चहुंओर सत्य अहिंसा दया धर्म मर्यादा मानवता और कर्मवाद फलता फूलता
हिन्दू पौरुष सम्पन्न कर्मवीर होता, सच को सच और झूठ को झूठ कहता!
राष्ट्रकवि दिनकर ने ठीक कहा ‘क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो
उसको क्या जो दंत हीन विष रहित विनीत सरल हो?’ अरे हिन्दुओं स्वयं को बदलो
रामराज्य चाहिए तो राम सा धनुर्धर बनो धर्म स्थापना चाहो तो चक्रधर कृष्ण बनो
बुद्ध महावीर के अनुयाई हो तो अरिहंत बनो गुरु गोविंद सिंह सा खड्गधर संत बनो!
—विनय कुमार विनायक