अत्यंत दुखद एवं चिंता का विषय है कि हम मात्र शब्दों के संग्राम से कार्य करने की स्थिति में प्रवेश कर गए हैं, जहाँ से हम संभवतः अब निकलना नहीं चाहते। ऐसा क्यों? इसका उत्तर ढ़ूँढ़ पाना अत्यंत कठिन है। क्योंकि, हम मात्र शब्दों के आस-पास की ही धुरी पर घूमने के पक्षधर हो गए हैं। हम अपने कार्यों और अपनी जिम्मेदारियों को किसी दूसरे पर डालने का प्रयास लगातार करते आए हैं। इसीलिए यह समस्या आज उसी की उपज है।
यह अत्यंत दुखःद है कि देश की सेवा हेतु हमारे जवान अपने प्राणों की कुर्बानी दे रहे हैं। हँसता खेलता हुआ परिवार क्षण भर में छिन्न-भिन्न हो जाता है। यह समस्या हमारा देश दशकों से झेलता आ रहा है। परन्तु, हम मात्र भाषणों से ही सारे बाँण चला देते हैं। मुँहतोड़ जवाब एवं आर-पार के युद्ध की बात करना हमारी आदत बन गई है। क्योंकि, धरातल पर खींची हुई रेखा की वास्तविकता एक अलग ही दिशा में जाती हुई दिखायी दे रही है। ऐसा क्यों? जब हमारा पड़ोसी देश हमारे साथ मानवता एवं मित्रता की भाषा से इतर आतंकवाद पर उतर आया है तो हम कबतक इस समस्या को सहन करते रहेंगे।
हम लगातार दूसरे देशों से कहते हैं कि पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित किया जाए। क्या उचित एवं सही है? क्योंकि भारत अनवरत देश एवं देश बाहर भी मंचों के माध्यम से यह कहता आया है कि पाकिस्तान आतंकवादी देश है अतः इसे आतंकी राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। लगातार भाषणों में सुनने को मिलता है कि हम विश्व का ध्यान खींचने का ढ़िंढ़ोरा पीटते हैं। परन्तु, क्या हम इस क्षेत्र में स्वयं एक कदम भी आगे बढ़े। क्योंकि यह हमारी समस्या है, अपनी समस्या का उपचार स्वयं सबसे पहले हमको ही करना पड़ेगा। अत्यंत चिंता का विषय है कि हमने स्वयं पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित नहीं किया और दूसरे से आपेक्षा रखते हैं कि वह ऐसा कर दे। क्या,यह संभव है कि कोई दूसरा हमारे कार्य को करेगा? यह ऐसी जटिल प्रक्रिया है जोकि, सामान्यतः समझ से परे है। क्योंकि, समस्या हमारी है और हमने स्वयं कार्य न करके दूसरे देश से आपेक्षा रखते हैं कि वह हमारे लिए कार्य करे और आगे आए।
हमें युद्ध से पहले पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करना चाहिए। यदि हम ऐसा करते हैं तो यह फैसला भारत के हित में एक मजबूत कार्य होगा। जिससे कि हम आधा युद्ध बिना लड़े ही जीत जाएंगे। दूसरा यह कि पाकिस्तान से आने वाले सभी प्रकार के आयातों को पूर्ण रूप से बंद करना चाहिए। जिसमें हम स्वयं तथा अपने सहयोगी देशों से पाकिस्तान से आयात न करने पर सहयोग मांगें। क्योंकि, एशिया के कई देश पाकिस्तान के आतंक से पीड़ित हैं जोकि, हमारे साथ आसानी से जुड़ सकते हैं। जिसमें हमारा पड़ोसी देश ईरान, अफगानिस्तान,बंग्लादेश मुख्य रूप से शामिल है। जोकि, आतंकी गतिविधियों से पीड़ित है।
अतः हमे कूटनीति से कार्य करते हुए पहले अपनी ताकत को और बढ़ाना चाहिए जिससे की पाकिस्तान के खुले रूप से सहयोगी देश चीन पर दबाव बनाया जा सके। क्योंकि, चीन पाकिस्तान का सबसे अधिक हितैषी देश है। इसलिए सीधे-सीधे युद्ध करने से पहले कूटनीतिज्ञ रूप से हमको एशिया के अधिकतर देशों को इस मुद्दे पर खुले रूप में अपने साथ लाने की आवश्यकता है। जिसकी पहल स्वयं हमको करनी होगी। यदि हम ऐसी घेराबंदी पाकिस्तान के विरुद्ध करना आरंभ कर देते हैं तो पाकिस्तान अलग-थलग पड़ जाएगा और तब हम उसे बड़ी ही सरलता पूर्वक मुँह के बल गिरा कर फिर सैन्य शक्ति का प्रयोग हम बड़ी ही आसानी कर सकते हैं। क्योंकि, पाकिस्तान विश्व में अलग-थलग एवं अकेला पड़ जाएगा।
विचारक ।
(सज्जाद)
तुष्टीकरण नीति से बर्बाद हुआ है भारत और हो रहा है :—- देश का एक बहुत बड़ा वोट बैंक उनके साथ है — वो अपने वोट बैंक की बदौलत सभी गुनाह माफ करा लेते हैं :—- ऐसी दुर्गति से बचना है तो — सीधी कार्यवाहियों के लिए दो कार्य करने होंगे — कर्मठ वोटबैंक बढ़ाया जाए ( भले ही बहुपत्नीप्रथा अपनाना पड़े – विदेशों से शादियाँ करनी पड़ें ) , पुराने किलों की तरह आजकल संकुल होते हैं — दिल्ली कश्मीर के बीच अगर ज़मीनें दान करने वाले मिल जाएँ तो संकुल बनाए जाएँ — विस्तृत विवरण के लिए संपर्क करें — वाट्स अप नंबर — +919428075674 ————-अन्यथा पारसियों – सिंधियों – मुल्तानियों – पंजाबियों – कश्मीरियों की तरह हमारी भी कोई नहीं सुनेगा —शांति व प्यार अच्छी बातें हैं– -कोई गंभीर नहीं है कि 10 सालों के बाद भारतीय लोकतंत्र का क्या हश्र होगा ??? – पाकिस्तानी सच कह रहे हैं — गजबा ए हिन्द सीमाओं पर नहीं — हर गली नुक्कड़ पर लड़ा जाएगा—–जिसकी शुरुआत – केरल -बंगाल – कश्मीर में हो चुकी है – ( Minority fraud — https://www.facebook.com/Patriothindu/videos/2066047973725304/ ) उस देश में जहां एक झटके में 7 लाख कश्मीरियों को खदेड़ दिया जाता है और सरकार टुकर – टुकर ताकती रहती है —- ये उस समय हुआ था जब जम्मू कश्मीर राज्य में अब्दुल्लाह सरकार और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी फिर किस मुंह से बेशर्म कांग्रेसी बोलने आ जाते हैं ??? कभी समय मिले तो अनुपम खेर के वीडियो सुन लीजिए — आँखों में आँसू आ जाएंगे ——संख्या कम होने की कीमत इस लड़की से सुनिए :——-
https://youtu.be/4pRJ0XZJSoo