किसान आंदोलन के पीछे कौन ?

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सुना है तेरे शहर की आबोहवा शैतान बन गई,
शाहीन बाग़ की लोमड़ियां अब किसान बन गई।

मिली नहीं कोई जगह जब किसी शहर में उनको,
दिल्ली शहर में आकर जबरदस्ती मेहमान बन गई।

घुसने नहीं दिया जब किसी मंदिर मस्जिद मे उनको,
किसानों के बीच बैठ कर उनकी भगवान बन गई।

लगाती थी कभी वे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे,
आज ट्रैक्टर मे वे बैठकर हिंदुस्तान बन गई।

मिलते है जहां तवा परात,बिताती हैं वे सारी रात,
इनका न कोई दीन ईमान,पूरी बेईमान बन गई।

अन्नदाता आंदोलन में खालिस्तानी कहां से आ गए
लगता हैं आंदोलन की फिजाए खालिस्तान हो गई।

लगता है वोट के खातिर,सारे विपक्षी एक हो गए,
रस्तोगी कहता है अब तो सारी पार्टी बेईमान बन गई।

आर के रस्तोगी

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जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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