शिव को अनेको नाम से क्यों पुकारा जाता है ?

0
166

देवो के देव हो तुम,इसलिए सारे जग में महादेव कहलाते |
बिष पीने से पड़ा कंठ नीला,इसलिए वे नीलकंठ कहलाते ||

दी सोने की लंका रावण को,इसलिए भोले बाबा कहलाते |
करते हो सब का कल्याण,इसलिए शिव भी तुम कहलाते ||

धरी है जटा शीश पर,इसलिए जटाधारी भी तुम कहलाते |
धारण किया है गंगा मैया को,इसलिए गंगाधर कहलाते ||

नागो के है आप ईश्वर,इसलिए नागेश्वर भी तुम कहलाते |
काम को किया था वश आपने,इसलिये कामेश्वर कहलाते ||

की थी पूजा राम ने भी ,इसलिए रामेश्वर तुम कहलाते |
पार्वती के पति है आप,इसलिए पार्वती पति भी कहलाते ||

सभी ईशो के है ईश आप,इसलिए महेश भी तुम कहलाते |
किया था स्रष्टि का संहार,इसलिए आप शंकर भी कहलाते ||

रखते हो त्रिशूल हाथ में,इसलिए आप त्रिशूलधारी कहलाते |
रखते हो डमरू हाथ में,इसलिए आप डमरूधारी कहलाते ||

वैसे तो इनके 108 नाम,पर सबको यहाँ नहीं लिख पाते |
हो जाते पढ़ते पढ़ते बोर,इस कविता को पूरी पढ़ न पाते || 

आर के रस्तोगी 
गुरुग्राम मो 9971006425

Previous articleभ्रष्टाचार का गरल: निजात नहीं सरल
Next articleनि-रु39याीथ सकलानी
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here