बीवी का भाई

two thievesदो लुटेरों में लूट के माल को लेकर झगड़ा हो गया। झगड़ा इतना बढ़ा की एक लुटेरे ने अपने पिस्तौल से दुसरे पर गोली चला दी।

गोली सनसनाती हुई दुसरेलुटेरे के कान को हवा देती हुई निकल गयी। पहला हँसते हुए बोला खैरकर तू मेरी बीवी का भाई है नहीं तो गोली सीधे सर से टकराती। चल तेरा एक हिस्सा और मेरा तीन हिस्सा।

कुछ दिन बाद वापस लूट के माल को लेके वो फिर झगड़ बैठे। अबकी बार पिस्तौल दुसरे लुटेरे के हाथ में थी। वो पहले के सीने में गोली मरते हुए बोला तुझसे कितनी बार कहा अपनी बहन को मेरी बीवी बना दे। पर तू मेरी बात मजाक में टालता रहा। न तीन न एक अब सारा हिस्सा मेरा।

 

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सुधीर मौर्य 'सुधीर'
जन्म---------------०१/११/१९७९, कानपुर तालीम-------------अभियांत्रिकी में डिप्लोमा, इतिहास और दर्शन में स्नातक, प्रबंधन में पोस्ट डिप्लोमा. कृतियाँ------------१) 'आह' (ग़ज़ल संग्रह), प्रकाशक- साहित्य रत्नालय, ३७/५०, शिवाला रोड, कानपुर- २०८००१ २) 'लम्स' (ग़ज़ल और नज़्म संग्रह) प्रकाशक- शब्द शक्ति प्रकाशन, ७०४ एल.आई.जी.-३, गंगापुर कालोनी, कानपुर ३) 'हो न हो" (नज़्म संग्रह) प्रकाशक- मांडवी प्रकाशन, ८८, रोगन ग्रां, डेल्ही गेट, गाजीयाबाद-२०१००१ ४) 'अधूरे पंख" (कहानी संग्रह) प्रकाशक- उत्कर्ष प्रकशन, शक्यापुरी, कंकरखेडा, मेरठ-२५००१ ५) 'एक गली कानपुर की' (उपन्यास) प्रकाशक- अमन प्रकाशन, १०४ ऐ /८० सी , रामबाग, कानपुर-२०८०१२

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