वर्षों बाद एक नेता को माँ गंगा की आरती करते देखा है,
वरना अब तक एक परिवार की समाधियों पर फूल चढ़ाते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को अपनी मातृभाषा में बोलते देखा है,
वरना अब तक रटी रटाई अंग्रेजी बोलते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को Statue Of Unity बनाते देखा है,
वरना अब तक एक परिवार की मूर्तियां बनाते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को संसद की माटी चूमते देखा है,
वरना अब तक इटैलियन सैंडिल चाटते देखा है।
वर्षों बाद एक नेता को देश के लिए रोते देखा है,
वरना अब तक “मेरे पति को मार दिया”
कह कर वोटों की भीख मांगते देखा है I
पाकिस्तान को घबराते देखा है,
अमेरिका को झुकते देखा है
इतने वर्षों बाद भारत माँ को खुलकर मुस्कुराते देखा है I
अमृतांशु शेखर
कांग्रेस के कलकल बहते आंसू हुए भी पहली बार देख रहे होंगे ?
वाह,वाह मान गए ,ननकऊ की बात में दम है ,अपने इर्द गिर्द झांक कर देखें तो लगता है उसका अनुभव सही है ,मन मसोस कर कांग्रेस को बेवश हालत में भी पहली बार देखा होगा?