कविता मन ने तेरा व्रत लिया October 9, 2025 / October 9, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment जिनके सच्चे प्यार ने, भर दी मन की थोथ । उनके जीवन में रहा, हर दिन करवा चौथ ।। Read more » My mind has taken your vow मन ने तेरा व्रत लिया
कविता देश न भूले भगत को September 29, 2025 / September 29, 2025 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment देश न भूले भगत को Read more » The country should not forget Bhagat देश न भूले भगत को
कविता भजन : श्री राधा कृष्णा प्रेम September 16, 2025 / September 16, 2025 by नन्द किशोर पौरुष | Leave a Comment तर्ज: ब्रज रसिया दोहा : मैया को समझाए रहे, प्यारे नन्द कुमार ।राधा संग ब्याह की, कर रहे प्रभु गुहार।। मु: मेरे मन को गई लुभाये (चुराए) – २राधिका बरसाने वारी ——————_२ अ १: जब मैं गैया चराने जाऊं, मार्ग में ही जाये ठाड़ी पाऊं ।मि: नैनन के तीर गई चलाय -२(नैनों से गयी बतराये) […] Read more » भजन : श्री राधा कृष्णा प्रेम
कविता भजन : श्री कृष्णा विरह September 16, 2025 / September 16, 2025 by नन्द किशोर पौरुष | Leave a Comment तर्ज : ओ बाबुल प्यारे दोहा: बंसी बाजी श्याम की, जमुना जी के तीर।गोपियाँ सुध बुध भूलीं, हो गयीं सभी अधीर।। मु: ओ बंसी बारे, ओ बंसी बारे…तेरी मुरली के ये धुन, करती मुझको है गुमसुमहर लेती है मेरा मन,ओ बंसी बारे, ओ बंसी बारे… अ १: तेरी ही यादों में जीवन बिताया,बढ़ती गई तन्हाई, […] Read more »
कविता गयाजी धाम September 12, 2025 / September 12, 2025 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment पितृ पक्ष में पितर तृप्तिका होता सुंदर काम है ।विश्व पटल पर सबसे पावनपूज्य गया जी धाम है ॥अद्भुत नगरी , प्यारी नगरीविष्णु जी की दुलारी नगरीमंगला गौरी , अक्षयवट औरविष्णुपद की पौरी – पौरीपिंड – पिंड में यहां लिखापितरों का ही नाम है ।विश्व पटल पर सबसे पावनपूज्य गया जी धाम है ॥ कर्मकांड […] Read more » गयाजी धाम
कविता भजन : ब्रजवासियों की पुकार September 10, 2025 / September 10, 2025 by नन्द किशोर पौरुष | Leave a Comment तर्ज: लोक गीत दोहा : कृष्णा याद में, ब्रजवासी करते करुण पुकार।फिरसे आ जाओ श्याम रे, संग राधाजू सरकार।। मु: साँवरे साँवरे अब तू आना ————२अपने साथ में राधा भी लाना ————–२हो दाऊ भैया को -२, मत भूलजाना ————-२ अ १: तुझको गोकुल नन्द गाँव बड़ा प्यारा।महावन वृन्दावन निधिवन न्यारा।।मि: फिर से ब्रज में तू […] Read more » ब्रजवासियों की पुकार
कविता गायत्री के जाप से….. September 1, 2025 / September 1, 2025 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment संध्या में जब बैठिए, करो यही विचार।शुद्ध बुद्ध मैं हो रहा, स्वामी जगदाधार।। काम मुक्त मैं हो रहा, क्रोध से हो गया दूर।मद मोह मिटने लगे, लोभ हुआ काफूर।। चैतन्य भाव जगाइए, समझो शुद्ध चैतन्य।चैतन्य का चैतन्य से, मेल बड़ा प्रणम्य।। भाव शुद्धि कीजिए , जपते – जपते ओम।क्रोध भाव को त्यागिए, धारण करके सोम।। […] Read more » गायत्री के जाप से…..
कविता मन में राम रहे September 1, 2025 / September 1, 2025 by उत्कर्ष तिवारी | Leave a Comment नर नारी के संकलन में।केवल यही अभिराम रहे।।वो किंचित ही ना सीता हो।फिर भी मन में राम रहे।। वो मंदोदरी सी नारी हो।या केकई बन अभिशाप बने।।वो राम बियोग में ना भी हो।फिर भी मन में राम रहे।। उर्मिला सा धैर्य हो थोड़ा।कौसल्या सा त्याग बने।।नीरा सा ना कष्ट सहे वो।मणिकर्णिका सा साहस रहे।। अवज्ञा […] Read more » मन में राम रहे
कविता दक्षिणा रहस्य August 25, 2025 / August 25, 2025 by डॉ राजपाल शर्मा 'राज' | Leave a Comment अम्बर रक्तिम वर्ण हो चला रथ रवि का अस्ताचल कोलौट रहा हलधर का टोला, पुष्ट स्कंध पर धरि हल कोगोखुर से उड़ती रज रम्या, खग-मृग सब चले नीड़ कोगुरु माता बैठी आंगन में, अभ्यन्तर लिए पीड़ को तभी द्रोण आये कुटिया में दिखी निस्तब्धता छाईगुरु माता इतनी तन्मय थी, आहट तक ना सुन पाईनिज नारी […] Read more » दक्षिणा रहस्य
कविता तुम कब रोए August 25, 2025 / August 25, 2025 by डॉ राजपाल शर्मा 'राज' | Leave a Comment पहला पर्ण जो निकला तन सेजीर्ण-शीर्ण हो गया समय सेकिसी पवन के झोंके ने तबअलग कर दिया तेरे तन सेउस विलगित पर्ण के जाने कादर्द क्या मन में कुछ नहीं होतापर देखा तो नहीं किसी नेकभी भी तुम को आँख भिगोएपेड़! तुम कब रोए? शाख पर जन्मीं नन्हीं चिड़िया जब उसी शाख पर, किसी झंझा मेंमर […] Read more » तुम कब रोए
कविता मदिरालय August 23, 2025 / August 23, 2025 by श्लोक कुमार | Leave a Comment ये उर है की मसलसल रूह में बसतातवायफ़ की अनुराग में काफिरअहोरात्र मदिरालय दिखताये शब ए दिन उसकी तस्वीर चूमताये चंचला मुझे तशवीश कर रही, हर लफ्ज कोबातील सा बता रही हैंमैं इन अश्कों को कहाँ ले जाऊये लतीफ से, अनिष्ट बनते जा रहे हैरूह, देह, मैं बिन तस्सवुर के होते जा रहे हैंखत्म हुआ […] Read more » मदिरालय
कविता आरती श्री बलराम जी की August 18, 2025 / August 23, 2025 by नन्द किशोर पौरुष | Leave a Comment (दाऊ महाराज जी की) आरती दाऊ बाबा की कीजै।अपनौ मन पावन कर लीजै।। वासुदेव सूत रोहिणी छैया।श्रीकृष्ण कौ प्यारौ बड़ौ भैया।।रेवती माँ के संग दर्शन कीजै।आरती दाऊ बाबा की कीजै।। नन्द यशोदा के आंगन में।खेले ये मोहन के संग में।।ग्वाल बाल के संग गाय चरावै।ब्रज कौ ये राजा कहलावै।।श्री कृष्णा संग पूजन कीजै।आरती दाऊ बाबा […] Read more » आरती श्री बलराम जी की