हो रही हैं भ्रूण हत्याएं
आई है जब से मशीन
जो बता देती है
निस्सहाय भ्रूण का
लिंग
और फिर लोग
जो हैं पढ़े लिखे
तथा समृद्ध
और डाक्टर
ली थी शपथ जिन्हों ने
जीवन को जीवन देने की
कर देते हैं हत्या
उस निस्सहाय भ्रूण की
ऐसा है यह राष्ट्र हमारा
कैसा है यह राष्ट्र हमारा
रहती हैं छपती
समाचार पत्रोंमें
रिपोर्टें हमारी जनसँख्या की
बताती हैं जो हमें संख्या
घटती हुई महिलाओं की
कराते रहते हैं ध्यान आकर्षण
टी वी चैनल भी
इस घोर अपराध
और समस्या की ओर
पर मानव हैं हम कैसे
की रोंगती नहीं है जूं भी
कानों पर हमारे
और अग्रसर रहने के लिए
धन की दौड़ में रहते हैं हम व्यस्त सदा
ऐसा है यह राष्ट्र हमारा
कैसा है यह राष्ट्र हमारा
पर बोल पड़ा जब
कलाकार एक
बॉलीवुड का
तो यकायक
जाग गया राष्ट्र सारा
हुआ हो जैसे कोई नया आविष्कार
या नई कोई खोज
और करने लगे सब गुणगान
“आमिर खान” का
पात्र हैं अवश्य धन्यवाद के
“आमिर खान”
दौड़ा दिया जिन्हों ने
एक मुख्य मंत्री को
पर देखो तो
झांक कर अपने अन्दर भी
क्या हमारे पास कोई
आत्मा ही नहीं
जो करते रहते हैं
घोर अपराध
और हो जाते हैं नेत्रहीन
घोर समस्याओं को देखकर
लिखा बहुत
तसलीमा नसरीन ने
तथा और विद्वानों ने भी
इस विषय पर
हो चुके हैं किन्तु हम
निपुण अनदेखी में
हमें जगाने को तो चाहिए
कोई रामदेव, अन्ना तथा
आमिर खान
अन्यथा हम तो रह जायेंगे
सोते हुए ही
और जागेंगे भी
तो थोड़ी सी देर को
मतलब क्या हमें किसी से
हाँ दे सकते हैं हम गाली
सोते हुए भी राजनीतिज्ञों को
ऐसा है यह राष्ट्र हमारा