माँ और ‘बच्चे’ का अटूट-रिश्ता कुछ वैसे ही जैसे :-
* चोली का ‘दामन’ से होता है।
* चीटी का ‘चीनी’ से होता है।
* आग का ‘पानी’ से होता है।
* हरे का ‘लाल’ से होता है।
* चांटे का ‘गाल’ से होता है।
* पेड़ का ‘ड़ाल’ से होता है।
* शस्त्र का ‘ढ़ाल’ से होता है।
* दुकानदार का ‘माल’ से होता है।
* खाने का ‘लार’ से होता है।
* चावल का ‘दाल’ से होता है।
* घोड़े का ‘नाल’ से होता है।
* सर्दी का ‘शाल’ से होता है।
* गंजे का ‘बाल’ से होता है।
* हरे का ‘लाल’ से होता है।
* मकड़ी का ‘जाल’ से होता है।
* सुर का ‘ताल’ से होता है।
* मौत का ‘काल’ से होता है।
* बाजी का ‘चाल’ से होता है।
* राज़ का ‘पोल’ से होता है।
* हसने का ‘लोल’ से होता है।
* अभिनेता का ‘रोल’ से होता है।
* रोटी का ‘गोल’ से होता है।
* भाव का ‘मोल’ से होता है।
* झाल का ‘झोल’ से होता है।
* टेक्स का ‘टोल’ से होता है।
* बेट का ‘बॉल’ से होता है।
* तराजू का ‘तोल’ से होता है।
* शांति का ‘मौन’ से होता है।
* बोली का ‘टोन’ से होता है।
* मोबाइल का ‘फोन’ से होता है।
* ब्याज का ‘लोन’ से होता है।
* धर्म का ‘कौम’ से होता है।
* बत्ती का ‘मोम’ से होता है।
* अंग का ‘रोम’ से होता है।
* रवि का ‘सोम’ से होता है।
* पापा का ‘मॉम’ से होता है।
* क्रिकेटर का ‘फॉर्म’ से होता है।
* नियम का ‘नोर्म’ से होता है।
* धुन का ‘संगीत’ से होता है।
* मन का ‘मीत’ से होता है।
* गायक का ‘गीत’ से होता है।
* रिवाज का ‘रीत’ से होता है।
* मन का ‘प्रीत’ से होता है।
* इंच का ‘फीट’ से होता है।
* ऊंचाई का ‘लिफ्ट’ से होता है।
* बिक्री का ‘मुफ्त’ से होता है।
* चुस्ती का ‘सुस्त’ से होता है।
* गुस्से का ‘रुष्ट’ से होता है।
सच मे कितना मजबूत और सशक्त है न माँ-बच्चे का अद्भुत एवं अतुलनीय रिश्ता।