2019 में रहा अपराधियों का बोलबाला

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बिहार की औद्योगिक नगरी बेगूसराय में अपराध का सिलसिला बदस्तूर जारी है। नित नये अपराध को अंजाम देकर अपराधी मौज काट रहे हैं। अपराध का सिलसिला जबरदस्त तरीक़े से बढ़ रहा है। बढ़ते अपराध का परिणाम यह है कि औसतन प्रत्येक दिन कोई-न-कोई अपराध अवश्य घटित होता है। तो सवाल यह है कि आखिरकार इसकी वजह क्या है? क्या मान लिया जाए कि जिला एसपी की कोशिशें असफल होती नजर आ रही हैं या उन्हें जिले के पुलिसकर्मियों का साथ नहीं मिल रहा है? दरअसल कोशिशों के असफल होने की बात कहना जल्दबाजी होगी। परन्तु इस सच से इंकार नहीं किया जा सकता कि जिले की पुलिस और थाना प्रभारी की लापरवाही और सुस्ती की वजह से अपराधियों का मनोबल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। बेगूसराय में विगत वर्ष (2019) में दर्जनों ऐसी वारदातें हुईं जिसमें पुलिस और थाना प्रभारी अपराधियों का बाल भी बांका नहीं कर सके। वहीं कुछ मामलों का आधा अधूरा निपटारा कर दिया गया। सिर्फ कुछेक मामलों में सफलता प्राप्त हुई। लेकिन एक बात जो साफ नज़र आती है वह यह है कि बेगूसराय के अपराधियों को  पुलिस का भय रत्ती भर भी नहीं है।

विगत वर्ष में अपराधियों के हौंसले इस कदर उड़ान पर थे कि 28 मई 2019 को दोपहर करीब एक बजे चार नकाबपोश अपराधी बीरपुर स्थित व्यवसायी की दुकान पर पहुंचे। एक अपराधी ने हवाई फायरिंग की और बाकी तीन ने व्यवसायी को जबरदस्ती बाइक पर बैठा लिया। बदमाशउसे करीब एक किलोमीटर दूर ले गए और गोली मारकर हत्या कर दी। 30 अगस्त को सरेशाम बाइक सवार बदमाशों ने नगर थाना क्षेत्र के सुभाष चौक ओवरब्रिज के समीप चांदपुरा निवासी बस संचालक जनार्दन सिंह के पुत्र रणवीर कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी। बदमाशों ने हर्रख के गौतम नगर स्थित घर से अपने वाहनों का हिसाब-किताब करने जा रहे युवक को ओवरब्रिज के समीप घेर लिया और सिर में सटाकर गोली दाग दी। 
जिले के मंझौल थाना क्षेत्र में अपराधियों ने बीते वर्ष दीवाली की रात एक घर में घुसकर एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी थी। गढ़हारा सहायक थाना क्षेत्र के ठकुरीचक स्थित जय संतोषी मां मंदिर के पास 12 नवंबर 2019 की सुबह बाइक सवार नकाबपोश अपराधियों ने दलसिंहसराय निवासी स्वर्ण व्यवसायी संतोष कुमार एवं प्रिंस कुमार को गोली मारकर घायल कर दिया था। इस दौरान अपराधियों ने व्यवसायी के कार चालक बेगूसराय शहर के बाघा निवासी 22 वर्षीय दीपक कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपराधियों ने दोनों व्यवसायियों व चालक को गोली मारने के बाद व्यवसायी के पास से लगभग 60 लाख रुपये के जेवरात लूट लिये थे। 
विगत वर्ष 2019 में बेगूसराय में हत्याकांडों के अलावा लूट की भी अनेक घटनाएं घटित हुईं। 10 मार्च 2019 को बाइक सवार तीन बदमाशों ने झपट्टा मारकर बाइक सवार दंपती का साढ़े तीन लाख रुपये छीन लिया था। यह वारदात नगर थाना के एनएच- 31 पर सुभाष चौक के पास हुई थी। पीड़ित संजीत कुमार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजौड़ा सिंकदरपुर के निवासी हैं। पीड़ित के अनुसार उन्होंने ट्रैफिक चौक के पास स्थित एसबीआइ के अपने खाते से रुपये की निकासी की थी। रुपये निकालने के बाद उसे बैग में रख कर अपनी पत्नी को दे दिया। फिर बाइक से पति-पत्नी अपने गांव की ओर चल पड़े। रास्ते में सुभाष चौक के पास पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल पंप पर जा रहे थे। तभी बाइक सवार तीन युवकों ने उनकी पत्नी के हाथ से रुपयों से भरा बैग छीन लिया था। पीड़ित ने बाइक से बदमाशों का पीछा करने का प्रयास किया। 15 मार्च 2019 को नगर थाना क्षेत्र के लोहिया नगर ओवरब्रिज के पास बाइक सवार बदमाशों ने झपटा मारकर एक महिला से डेढ़ लाख छीन कर फरार हो गये। पीड़ित महिला मुफस्सिल थाने के भर्रा गांव निवासी नूतन देवी है। उन्होंने नगर थाने में दो अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करायी है। बताया जा रहा है कि उक्त महिला एचडीएफसी बैंक से राशि निकाल कर अपने देवर के साथ बाइक से घर लौट रही थी।  तभी एक पल्सर बाइक पर सवार दो बदमाश  लोहियानगर ओवरब्रिज पर झपट्टा मारकर रुपये से भरा थैला छीनकर भाग गये। उल्लेखनीय है कि बीते पांच-छह महीनों में चोर व उचक्के दर्जनों बैंक ग्राहकों को अपना निशाना बना चुके हैं। वहीं पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज तो कराती है। परंतु खुलासा नहीं हो पाता है। केस स्टडी पर नजर डाले तो कई मामलों में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं। पूछने पर नगर थानाध्यक्ष का रटा-रटाया जवाब मिलता है कि अनुसंधान चल रहा है। पुलिस लगी हुई है। 

कुछ घटनाएं बलात्कार की भी घटित हुईं। जिनमें से एक घटना जिले के तेघड़ा थाना क्षेत्र के बरौनी पंचायत की है। बरौनी एक निवासी रामसागर साह (काल्पनिक नाम) की पत्नी फूलो देवी (काल्पनिक नाम) पत्ता चुनने के लिए बगल के बगीचे में गई थी। पीड़िता के मुताबिक दोपहर के वक्त में एक युवक वहां पहुंचा और उसे इशारे से बुलाने लगा।इस दौरान जब वृद्धा उसके नजदीक गई तो युवक उसे अपनी गोद में उठाकर दूर जंगल में ले गया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। पीड़िता का पति जो एक रिक्शा चालक है को इस घटना की जानकारी उसके गांव वालों के माध्यम से मिली। पत्नी के साथ रेप की जानकारी मिली तो वो दौड़ा-दौड़ा अपने घर आया तब तक गांव के ही कुछ लोग वृद्धा को एक निजी नर्सिंग होम में लेकर चले गए थे। बाद में लोगों के कहने पर पीड़िता के पति ने इस बात की शिकायत पुलिस में की। यह मामला 30 अप्रैल 2019 का है।एक घटना 11 दिसंबर 2019 की रात की है। जिसमें एक लड़की को अगवा कर रातभर उसके साथ कुछ युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और उसे छोड़कर भाग गए। रातभर दर्द से तड़पती पीड़िता किसी तरह एक अंजान युवक की मदद से थाने पहुंची। 
ऐसे अनेक मामले हैं जिनके बारे में अगर मीडिया सच दिखाये और बताये तो आम जनता का विश्वास पुलिस एवं प्रशासन से पूर्णरूपेण उठ जायेगा। 
बिहार डीजीपी ऐसी पुलिस का पीठ थपथपाने और उन्हें पुरस्कृत करने में व्यस्त दिखते हैं। बात शायद ऐसी है कि अपने तो अपने होते हैं, बाकि सब सपने होते हैं। 
अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट व्यवसायी बनते रहे हैं। बीते एक साल के दौरान जिले में एक-दो नहीं, बल्कि एक दर्जन से अधिक व्यवसायियों की हत्या हो चुकी है। व्यवसायियों की हत्या-हमले को देख व्यवसायी महासंघ सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसपी डीएम से गुहार लगाते रहे। परन्तु उनकी दास्तान सुनने के लिए कोई तैयार तक नहीं। 

अपराध बढ़ने की एक वजह जनप्रतिनिधियों की उदासीनता भी है। जनप्रतिनिधि अधिकतर शादी-विवाह के निमंत्रण घूमने में व्यस्त रहते हैं। वे बढ़ते अपराध पर चुप्पी साधे रहते हैं और जब कभी बोलते भी हैं तो अपराध नियंत्रण के बेतुके दावे कर देते हैं। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिला है जब जिले के सांसद या कोई विधायक पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपराध नियंत्रण को लेकर कार्रवाई की मांग करें। 

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