रक्षा का बंधन के शुभ मुहूर्त का समय भी शास्त्रों में निहित है, शास्त्रों के अनुसार भद्रा समय में श्रावणी और फाल्गुणी दोनों ही नक्षत्र समय अवधि में राक्षा बंधन नहीं करना चाहिए. इस समय राखी बांधने का कार्य करना मना है और त्याज्य होता है. मान्यता के अनुसार श्रावण नक्षत्र में राजा अथवा फाल्गुणी नक्षत्र में राखी बांधने से प्रजा का अहित होता है. इसी का कारण है कि राखी बांधते समय, समय की शुभता का विशेष रुप से ध्यान रखा जाता है.
2012 में रक्षाबंधन का त्यौहार 2 अगस्त 2012, दिन बृहस्पतिवार को मनाया जाएगा. पूर्णिमा तिथि का आरम्भ 1 अगस्त 2012 को सुबह 10:59 से हो जाएगा. परन्तु सुबह 10:59 से रात्रि 21:59 तक भद्राकाल रहेगा. इसलिए यह त्यौहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा. 2 अगस्त के दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 08:58 तक रहेगी. इसलिए 08:58 तक रक्षा बंधन का त्यौहार मनाना शुभ रहेगा.
2 अगस्त 2012, दिन बृहस्पतिवार को दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक राहू काल मे राखी बांधने से परहेज करे राहू काल मे शुभ कार्य नही किये जाते।
सावन माह की पूर्णिमा के शुभ दिन रक्षाबंधन के साथ ही श्रावणी उपाकर्म का पवित्र संयोग बनता है। रक्षाबंधन (2 अगस्त 2012) का पर्व जहां भाई-बहन के रिश्तों का अटूट बंधन और स्नेह का विशेष अवसर माना जाता है। वहीं श्रावणी उपाकर्म (खासतौर पर ब्राह्मण के लिए) यज्ञोपवित के बदलने के रूप में जीवन में पवित्रता को अपनाने के संकल्प की शुभ घड़ी है। इन शुभ संयोगों में परंपराओं को निभाने के अलावा शास्त्रों में बताए देव पूजा के कुछ उपाय सौभाग्य और खुशहाली बढ़ाने वाले माने गए हैं।