कविता छेदवाली नाव पर सवार पत्रकार January 3, 2020 / January 3, 2020 | Leave a Comment मुद्दत से चली आ रही पत्रकारिता की पुरानी कई छिद्रवाली नाव पर सवार है मेरे शहर के तमाम पत्रकार इस पुरानी नाव में कुछ छेद पार कर चुके लोगों ने तो कुछ छेद इस नाव पर सवार लोगों ने किये है। इस पुरानी नाव को चट्टानों के बीच भयंकर तूफानों को भी झेलना होता है […] Read more » पत्रकार
कविता क्यों हुये डाक्टर लुटेरा एक समान January 2, 2020 / January 2, 2020 | Leave a Comment ओ नाच जमूरे छमा-छम, सुना बात पते की एकदम हाथपैर में हड़कन होती है, सर में गोले फूटे धमा-धम आं छी जुकाम हुआ या सीने में दर्द करे धड़ाधड़क, छींकें गरजे तोपों सी या खून नसों में फुदकें फुदकफुदक मेरा जमूरा बतायेगा, क्यों डाक्टर लूटेरा नहीं किसी से कम सुन मेरे प्यारे सुकुमार जमूरे तेरी […] Read more » doctors have become looters क्यों हुये डाक्टर लुटेरा एक समान डाक्टर लुटेरा एक समान
व्यंग्य ब्रज नही बचो कान्हा के समय जैसों January 2, 2020 / January 2, 2020 | Leave a Comment (ब्रजदर्शन के बाद ) जे वृन्दावन धाम नहीं है वैसो, कान्हा के समय रहो थो जैसो समय बदलते सब बदले हाल वृन्दावन हुओ अब बेहाल। कान्हा ग्वालो संग गईया चराई, वो जंगल अब रहो नही भाई निधि वन सेवाकुंज बचो है, राधाकृष्ण ने जहाॅ रास रचो है। खो गयी गलियाॅ खो गये द्वारे, नन्दगाॅव की […] Read more » कान्हा
कविता कब होगी सुख की भोर December 31, 2019 / December 31, 2019 | Leave a Comment कह रहे है माता-पिता अब जीवन कितना बाकी है कब तक धड़केगा यह दिल और कितनी साॅसें बाकी है। बेटा बहू पोता नहीं आते ममता से धड़के छाती है। बेटे से बतियाना कब होगा मुश्किल से कटती दिन-राती है। पोते को कंठ लगाने की यह प्यास अभी तक बाकी है। घर अपने बहू क्यों नहीं […] Read more » कब होगी सुख की भोर
राजनीति कुर्सी की राजनीति में उलझी पत्रकारिता का हुआ चीरहरण December 31, 2019 / December 31, 2019 | Leave a Comment कौरवों की राजसभा में द्रौपदी को उसकी इच्छा के विरूद्घ लाया गया था जबकि वह रजस्वला थी और उसे परपुरूष द्वारा हाथ लगाना ही अपने आप में महापाप था, लेकिन भरी सभा मे उसे केश पकडक़र लाया गया और उसके चीरहरण की कोशिश की गयी। ऐसा ही होशंगाबाद जिला मुख्यायलय की पत्रकारिता के साथ हो […] Read more »
कविता ये पत्रकार बड़े है December 31, 2019 / December 31, 2019 | Leave a Comment शहर में इनकी खूब चर्चा है अतिक्रमण हटाने वाली टीम के अधिकारियों से चलता खर्चा है। ये शौकीनमिजाज है सभी जगह खबू चरते-फिरते है सांडों को इनपर नाज है। ये सरकारों से बड़े है इनका नाम खूब चलता है ये सरदार बड़े है। ये जो तंबूओं से तने बने है नौकर इनके पढ़े लिखे है […] Read more » ये पत्रकार बड़े है
कविता हम जो छले, छलते ही गये December 30, 2019 / December 30, 2019 | Leave a Comment 15 अगस्त की वह सुबह तो आयी थी जब विदेशी आंक्रान्ताओं से हमें शेष भारत की बागड़ोर मिली हम गुलाम थे, आजाद हुये आजादी के समय भी हम छले गये थे आज भी हम अपनों के हाथों छले जा रहे है। भले आज हम आजादी में साॅसे ले रहे है पर यह कैसी आधी अधूरी […] Read more » छलते ही गये हम जो छले
व्यंग्य स्वर्ग में ऑखों देखी हिंसा भी नहीं छपवा पाये पत्रकार November 21, 2019 / November 21, 2019 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीवस्वर्ग में लोकतंत्र नहीं राजतंत्र है। इन्द्र वहॉ के लोकपाल है जिनके राजकाज में कोई भी स्वर्गवासी या देवता दखल नहीं देते सभी खुश है, आनन्द से है मानो ब्रम्हानन्दी हो गये है। होशंगाबाद के पत्रकार प्रश्न कर चुके थे कि अगर सब आनंन्दमय है तो […] Read more » स्वर्ग में ऑखों देखी हिंसा
व्यंग्य स्वर्गलोक में पत्रकारो का हँगामा November 21, 2019 / November 23, 2019 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव पत्रकार की सारी नस्ले जो दुनिया में कहीं नहीं है, होशंगाबाद में मिल जायेगी इसलिये नर्मदातट पर बसा होशंगाबाद नगर भूलोक का अजीब शहर बन गया है। यहॉ के लोग दुनिया में सबसे अनूॅठे है। नेताओं का तो क्या कहना, बड़े बिरले है जिन्हें म्युजियम मे होना चाहिये वे होशंगाबाद में […] Read more » स्वर्गलोक में पत्रकारो का हँगामा
समाज दीपावली पर ग्वालिन की पूजा, क्यों करता है ग्वाला समाज ? November 9, 2018 / May 9, 2020 | 2 Comments on दीपावली पर ग्वालिन की पूजा, क्यों करता है ग्वाला समाज ? आत्माराम यादव पीव कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाने के लिये सभी यथायोग्य तैयारी करते है वहीं होशंगाबाद सहित आसपास के अनेक गॉवों में बसे ग्वाला दिये के साथ मिटटी की बनी ग्वालिनों को लाकर पूजते है। पिछले 40-45 सालों से मेरे मन में एक सवाल उठता रहा है कि आखिर दीपावली पर मिट़टी की सुन्दर […] Read more » क्यों करता है ग्वाला समाज ? चंपककला चित्रा दीपावली पर ग्वालिन की पूजा परमश्रेष्ठ सखिया ललिता भगवान श्रीकृष्ण ललिता विशाखा