व्यंग्य यमलोक में यमराज का चुनाव January 29, 2024 / January 29, 2024 | Leave a Comment नर्मदा तट की अपनी महिमा है, भगवान कृष्ण शिशुपाल के 100 अपराध तक माफ करने की सहनशक्ति रखते थे, तभी हज जाने के लिये बिल्ली जैसे मांसाहारी जीव को भी सौ-सौ चूहे खाने अर्थात दो सौ अपराध करने की छूट मिल चुकी थी, यह अलग बात है कि वह पूरी जिंदगी में हजार से ज्यादा […] Read more » Yamraj's election in Yamalok
लेख प्रधानमंत्री जवाहर नेहरू को 1952 के चुनाव प्रचार में नहीं दिया सरकारी वाहन, निजी वाहन से किया प्रचार January 25, 2024 / January 25, 2024 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव बात 1952 के दिसम्बर माह की है, तब मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रचार हेतु निजी वाहन से दौरा कर रहे थे उस समय चुनावों के लिए सरकारी वाहन उपलब्ध कराया जाना नियम विरुद्ध था। उनका निजी वाहन खराब हो गया था, लगातार सड़कों पर दौडते हुए वाहन चालक ने थकने से आगे […] Read more »
कविता हम जो छले, छलते ही गये January 25, 2024 / January 25, 2024 | Leave a Comment 15 अगस्त की वह सुबह तो आयी थीजब विदेशी आक्रांताओं से हमेंशेष भारत की बागड़ोर मिलीहम गुलाम थे, आजाद हुयेआजादी के समय भी हम छले गये थेआज भी हम अपनों के हाथों छले जा रहे है।भले आज हम आजादी में साँसे ले रहे हैपर यह कैसी आधी अधूरी आजादी ?पहले अंगे्रेजों के जड़ाऊ महल बनाते […] Read more » We who were deceived continued to be deceived.
कविता मैं भूल गया हॅू अलमारी में बंद किताबों को, जो आज भी मेरा इंतजार करती है ! January 24, 2024 / January 24, 2024 | Leave a Comment मैं बचपन से ही किताबों सेबहुत प्रेम करता हूं,पहले लोटपोट, मधु मुस्कान, नंदनगुड़िया जैसी किताबों का चस्का लगा थाधीरे धीरे सरिता,कादम्बिनी, मायानिरोगधाम जैसी पत्रिकाओं का शौकमुझे सातवें आसमान पर पहुंचा देता था।किताबें पढने के जुनून ने 10 साल की उम्र में ही मुझेबसस्टेण्ड पर लाकर खडा कर दियाजहॉ ब्रजकिशोर मालवीय और संजीव डेहरी मालवीय के बुकस्टाल सेकमीशन से किताबें लेता औरबस […] Read more » I have forgotten the books locked in the cupboard
राजनीति लेख अयोध्या का इतिहास, जहॉं 496 साल बाद घर लौट रहे हैं राम January 19, 2024 / January 19, 2024 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव उत्तरकोशला की राजधानी अयोध्या जिसे अवध और साकेत भी कहते है तथा जो तीर्थ-रूपी विष्णु का मस्तक कही गयी है और इस अयोध्या की गणना इस धरा के सात तीर्थो में प्रथम है होती है, यथा- अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवन्तिका। पुरी द्वारावती चैव सप्तेता मोक्षदायिकाः। अयोध्या का सौन्दर्य ब्रम्हलोक के […] Read more » History of Ayodhya where Ram is returning home after 496 years
कविता क्षितिज के पार January 18, 2024 / January 18, 2024 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव दूर क्षितिज के पार शून्य मेंऑखें भेदना चाहती है व्योम कोपुच्छल छल्लों का बनता बिगड़ता गुच्छाऑखों की परिधि में आवद्घ रहकरथिरकता हुआ ओझल हो जाता हैऑखें कितनी बेबश होती हैअपनी पूर्ण क्षमता केउन गुच्छों के स्वरूप कोथिर देखने को उत्सुक ।अनवरत चल पडता हैउन छल्लों का शक्तिस्त्रोतऑखों से फूटताअज्ञात यात्रा की ओरयह क्रमवार […] Read more » क्षितिज के पार
लेख समाज तिलक यज्ञोपवीत और शिखा का माहात्म्य January 18, 2024 / January 18, 2024 | Leave a Comment सनातन परम्परा में हिन्दू देवी-देवताओं के ललाट पर धारित विभिन्न स्वरूप के तिलक हमें अपनी ओर आकर्षित कर एक सुखद अनुभूति प्रदान कर स्वयं तिलक धारण करने की सद्प्रेरणा प्रदान करता है परिणामस्वरूप हम उनकी पूजा-अर्चना, आराधना के समय तिलक धारण कर स्वयं को गौरवान्वित पाते है। तिलक की ही भॉति सिर के मध्य में […] Read more » Importance of Tilak Yagyopavit and Shikha Tilak Yagyopavit and Shikha तिलक यज्ञोपवीत और शिखा का माहात्म्य
लेख शख्सियत समाज राष्ट्रीय दृष्टिकोण पर स्वामी विवेकानंद के विचार January 12, 2024 / January 15, 2024 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव रामकृष्ण मिशन के संस्थापक स्वामी विवेकानन्द का जन्म आज ही के दिन 12 जनवरी 1863 को विश्वनाथ दत्त एवं माता ज्ञानेश्वरी देवी के यहाॅ कलकत्ता में हुआ,इनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। नरेन्द्रनाथ अपनी धार्मिक एवं आध्यात्मिक जिज्ञासा के कारण रामकृष्ण परमहंस के सम्पर्क में आये तब रामकृष्ण परमहंस कलकत्ता में […] Read more » Swami Vivekananda's views on national outlook
लेख कभी वज्र थी किसान की छाती, अब कमजोर क्यों ? January 11, 2024 / January 11, 2024 | Leave a Comment कृषि कल्याण आयोग गठित कर किसान को दी जा सकती है सुरक्षा – आत्माराम यादव पीव भारत के किसान को देश का मेरुदंड माना गया है ओर उसके जीवन के संघर्षों से उबरकर साहसी बनने के कारण ही कभी उसकी छाती व्रज के समान कठोर हुआ करती थी, जो किसान को उसकी […] Read more » The farmer's chest was once a thunderbolt
लेख पतई वाले बाबा संत रामस्वरूप महाराज ने बांद्राभान को बनाया है तपस्थली January 11, 2024 / January 11, 2024 | Leave a Comment भारत संत-महात्मा और सिद्धों का देश है। देश में संत ही है जो मानव जीवन में निराशा के दंश को निकाल फैकते है। संत ही की कृपा है जो हर अशुभ को शुभ और हर अमंगल को मंगल कर सकती है। हमारे जीवन में भी इन संतों का […] Read more » Baba Sant Ramswaroop Maharaj of Patai has made Bandrabhan a place of penance. पतई वाले बाबा संत रामस्वरूप महाराज
लेख शख्सियत समाज नर्मदा क्षेत्र के उदारमना महंत दौलत दास जी ग्वाल January 11, 2024 / January 11, 2024 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव नर्मदापुरम नगर के ग्वालटोली में निवासरत हीरालाल बानिये के घर दौलतराम जी का जन्म सन् 1918 में हुआ। दौलतराम जी की माॅ श्रीमति विनियाबाई एक धार्मिकप्रवृत्ति की महिला थी जो पूरे समय पूजापाठ मे निमग्न रहती। जन्म के बाद बालक दौलतराम अपनी माॅ के […] Read more » Udarmana Mahant Daulat Das Ji Gwal of Narmada region महंत दौलत दास जी ग्वाल
लेख क्या है प्रणाम का मूलतत्व? January 5, 2024 / January 5, 2024 | Leave a Comment मनुष्य अनादि काल से अपना पूरा जीवन आत्मा और परमात्मा के गूढ़ रहस्य को जानने की जिज्ञासा में रेगिस्तान में जल के लिये भटकते एक मृगतृष्णा की भांति समाप्त कर देता है और वह तामसिक प्रवृत्तियों के गहन अंधकार में निमग्न रहकर प्रणाम, प्रार्थना और विसर्जन के मूल तत्व तक से अनभिज्ञ बना रहता है। […] Read more »