प्रवक्ता न्यूज़ लेख प्रसाद का भाव तत्व है, इष्ट की कृपा प्राप्ति January 5, 2024 / January 8, 2024 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव वरिष्ठ पत्रकार ममतामयी माँ वसुंधरा जगत के सभी मनुष्यों, जल-थल के जीव-जंतुओं, प्राणियों-वनस्पतियों सहित सभी के जीवन निर्वहन हेतु सबकी प्रकृति का भोज्य पदार्थ प्रदान कर जगत का पोषण करती आ रही है। माँ वसुंधरा की परम असीम अनुकम्पा के प्रति हमारा आग्रह निवेदित हो जाये […] Read more » इष्ट की कृपा प्राप्ति प्रसाद का भाव तत्व है
लेख शरीर है धर्मसंग्रह का प्रमुख साधन December 28, 2023 / December 28, 2023 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव महाकवि कालिदासकृत के द्वारा रचित ’’कुमारसंभव’’ के पॉचवे सर्ग में भगवान शंकर की प्राप्ति के लिये पार्वती जी हिमालय पर तप कर रही है, तब शंकर जी उनके निश्चय की परीक्षा करने के लिये एक ब्रम्हचारी के वेश में आकर कुशल क्षेम पूछने के बाद कहते […] Read more » Body is the main means of gathering religion
व्यंग्य पत्रकार फूहड़मल की कुछ न करने की मैराथन दौड़ December 28, 2023 / December 28, 2023 | Leave a Comment व्यंग्य- आत्माराम यादव पीव वरिष्ठ पत्रका एक युग था जब यहॉ उच्च आदर्श वाले पत्रकारों की ऊचाईया छूना मुश्किल था पर आज के पत्रकार इतने नीचे गिर गए कि वहॉ तक जाने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। इन गिरे हुयों से जनता त्रस्त है,पर गिरकर पड़े हुए इन पत्रकारों […] Read more »
लेख शख्सियत समाज श्रीनर्मदा कल्पवल्ली के रचयिता तपोमूति स्वामी ओंकारानन्द जी गिरी December 26, 2023 / December 26, 2023 | Leave a Comment पुण्यसलिला मॉ नर्मदा जी के पावनतट होशंगाबाद में नर्मदा दर्शन कर पुण्य अर्जित करने आने वाले महात्माओं एवं संतों श्री श्रृंखला में तपोमूर्ति ब्रम्हलीन पूज्य स्वामी ओंकारानन्दजी गिरी का नाम नर्मदापरिक्रमा कर रहे सभी भक्तों को स्मरण रहता है जो इनके द्वारा रचित वृहद नर्मदा महात्म्य एवं श्रीनर्मदा कल्पवल्ली के […] Read more » author of Shri Narmada Kalpavalli Tapomuti Swami Omkaranand Ji Giri
कविता समय तू चलता चल December 26, 2023 / December 26, 2023 | Leave a Comment किसने देखा आता है तू, किसने देखा जाता है तू समा सके न इन आँखों में, यूं दबे पांव आता है तू।। उतर रहा सूरज नभ से, समय को अपलक देखें सागर तेरे पांव पखारे, धरती लिखती लेखें ।। तेरी सूरत तेरी मूरत,दुनिया वाले न जान सके जिन आँखों ने देखा नहीं, वे ही तेरी पहचान करें। समय तू चलता […] Read more » समय तू चलता चल
लेख राधाकृष्ण की ललित लीलाओं ने दिया आधुनिक चित्रकारी को जन्म December 20, 2023 / December 20, 2023 | Leave a Comment ग्यारहवीं ईसवी शताब्दी के आसपास के समय पहली बार मंचों से खेला गया रंगमंच या नाट्य के महाअभिनेता के रूप में श्रीकृष्ण और नायिका राधा का अवदान पा जगत उनकी ऋणी हो गया है। आचार्य रामानुजाचार्य ने कृष्ण राधा को लेकर अनेक रूपक लिखे है जिसमें रुक्मिणी स्वयंवर लिखने के बाद कंस वध लिखा […] Read more » राधाकृष्ण की ललित लीला
कविता दाता खुद बना भिखारी है December 15, 2023 / December 15, 2023 | Leave a Comment दाता खुद बना भिखारी है हाथ पसारे आने वाले हाथ पसारे जाते है इस दुनिया में आते ही , सभी भिखारी बन जाते है।गली गली में झोला टांगे , कुछ तो आटा मांग रहे कुछ सम्राटों के घर पैदा हो, खाने को मोहताज रहे ।।आगे बढ़ो माफ़ करो बाबा, कहा जाता है भिखारी को जिनके घर अम्बार लगा हो, उनको पल में मिल जाता है । भिक्षुक बनकर जो हाथ पसारे, वह उतना ही पा जाता है रुखा सुखा भाग्य है जिनका, वह चाह छोटी ही रख पाता है ।। जो आदत छोड़े मांगने की और प्रेम को हृदय मैं उमगायेजरूरत नही फिर उस प्रेमी की, वह सारा साम्राज्य पा जाए ।जीवन से चूके कई मांगने वाले, जो भिखारियों के आगे हाथ पसारे छीने उनसे जिनकी झोली खाली। भरी तिजोरी वालो की करता न्यारे–ब्यारे आनन्द बरसे करुणा उपजे, जहा अस्तित्व सदा से नाच रहा ‘पीव ‘ उस वीतरागी की मुठ्ठी में आने को।। आनन्द स्नेह से है भरा पसारने के इस आनंद को पाने, जिसने भी हाथ पसारा हैब्रह्मांड हथेली में देनेवाला , दाता खुद बने पसारने वाला है।। Read more »
लेख मनुष्य देह है, त्रिनेत्रधारी शिव ! December 13, 2023 / December 13, 2023 | Leave a Comment शिव ही नहीं अपितु प्रत्येक जीवात्मा त्रिनेत्रधारी होता है जिसमें दो नेत्र खुले होते है और एक नेत्र बंद रहता है। हर मनुष्य के केन्द्र में छिपा होता है त्रिनेत्र, थर्ड आई, जो नेत्र बंद होता है, जिसे गुप्त नेत्र या दिव्य चक्षु कहते है। दिव्यचक्षु को योगीजन शिवनेत्र कहते है और साधकों का वह […] Read more » त्रिनेत्रधारी शिव मनुष्य देह है
लेख कृष्ण राधा तो बन गए, पर राधा कृष्ण न बन सकी December 11, 2023 / December 11, 2023 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव मैं सूरदास को बचपन से पढ़ता आ रहा हूँ । प्रारम्भिक शिक्षा के दौर में उनके बालचरित्र के पदों को रटने ओर उनका अर्थ लिखकर परीक्षा में अब्बल आने का शौक रहा लेकिन जैसे-जैसे में उम्र के साथ उनके काव्य सागर में डूबता […] Read more » कृष्ण राधा तो बन गए पर राधा कृष्ण न बन सकी
व्यंग्य जब अपने सृष्टा कवियों से दुखी हो कविताओं ने की सामूहिक आत्महत्या December 8, 2023 / December 8, 2023 | Leave a Comment (आत्माराम यादव पीव) विश्व के तमाम देश के कवि अपना दिमाग लगाकर जितनी कविताए एक साल में लिखते है, उतनी कविताए भारत देश के तथाकथित कविगण एक सप्ताह में लिख लेते है। या कहिए भारत एकमात्र देश है जिसके हर शहर, मोहल्ले, गली ओर हर गाँव में एक से एक धुरंधर कवि मिल जाएँगे। या गर्व कर […] Read more »
लेख दशरथ का श्राद्ध करने पर नहीं दी गवाही-सीता ने दिया श्राप December 6, 2023 / December 6, 2023 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव चित्रकूट में भरत श्री राम को राज्य सौंपने पहुचते है जहां राम भरत से अयोध्या का राज्य स्वीकार कर भरत की भावनाओं का सम्मान करते है किन्तु वे अपने पिता की आज्ञा का उल्लंघन न हो इसलिये भरत को 14 साल के वनवास पूरे होने तक अपने राज्य की जिम्मेदारी का निर्वहन करने […] Read more »
व्यंग्य भिखारियों से शर्मिंदा है देश December 5, 2023 / December 5, 2023 | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव आज की तारीख में दुनियाभर के देशों में भारत का नेतृत्व करने वाले ये राजनेता वोट की भीख मॉगते समय भिखारियों के आत्मविश्वास को धराशाही कर वोट की भीख पाकर अपने भाग्य को आजमा कर भाग्यशाली बन जाते है। असल में देखा जाए तो भारत मॉ के भाल […] Read more » The country is ashamed of beggars