विविधा विश्व में शौर्य और रणकौशल की मिसाल है 1971 का युद्ध December 29, 2016 / January 3, 2017 | Leave a Comment 16 दिसम्बर बांग्लादेश क्रांति पर विशेष डॉ.ब्रह्मदीप अलूने पूर्वी पाकिस्तान में भारतीय सेना की 1971 की कार्रवाई को ‘‘द लाईटनिंग कैंपेन’’ का नाम दिया गया था, भारत के लिए यह एक बेहद जटिल सैन्य अभियान था, जिसके लिए बहुत उच्च स्तर की सैनिक,कूटनीतिक ,राजनैतिक,सामाजिक और प्रशासनिक तैयारी की जरूरत थी। 16 दिसम्बर 1971 को बांग्लादेश […] Read more » 1971 का युद्ध बांग्लादेश क्रांति
शख्सियत समाज आंबेडकर ..पूना से उना तक December 7, 2016 | Leave a Comment जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर लेते तब तक आपको कानून चाहे जो भी स्वतंत्रता देता है, वह आपके किसी काम की नहीं।बाबा आंबेडकर के ये विचार उस भारत के करोडों लोगों के लिए थे जिन्हें उन्होंने संविधान के जरिये कानूनन अधिकार तो दिए थे लेकिन सामाजिक अधिकार देना उनके वश में नही था। Read more » Dr. Bhimrao Ambedkar Featured आंबेडकर
विविधा भारत पाक युद्ध और सैन्य मौर्चे पर तुलना October 4, 2016 | Leave a Comment सैन्य तुलना में भारत के सामने पाकिस्तान कही नहीं ठहरता लेकिन वह हमेशा अपनी परमाणविक धौंस से ब्लेकमेल पर उतर आया है । अभी तक के चार युद्धों में उसे कही ना कही अमेरिकन समर्थन प्राप्त था लेकिन वर्तमान भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शानदार कूटनीति ने पाकिस्तान से वह निर्णायक बढत भी छीन ली है । Read more » Featured भारत-पाक युद्ध सैन्य मौर्चे पर तुलना
विविधा शिक्षा का आनंद September 5, 2016 | Leave a Comment डॉ. ब्रह्मदीप अलूने चीन में एक कहावत है जो लोग साल का सोचते हैं, वह अनाज बोते हैं, जो दस साल का सोचते हैं, वो फलों के वृक्ष बोते हैं, लेकिन जो पीढ़ियों का सोचते हैं वो इंसान बोते हैं। मतलब उसको शिक्षित करना, संस्कारित करना तथा उसके जीवन को तैयार करना। यह अपेक्षा शिक्षा […] Read more » Featured Teachers Day शिक्षा का आनंद
शख्सियत आक्रामक नेहरू पर आदर्शवाद की काली छाया November 14, 2014 / November 15, 2014 | Leave a Comment 14 नवम्बर के लिये विशेष प्रो. ब्रह्मदीप अलूने 26 जनवरी 1930 को जब पूर्ण स्वराज की मांग के साथ भारत का पहला स्वाधीनता दिवस मनाया गया तब भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में पहली बार गांधी की नीतियों को चुनौति देते हुए किसी लोकप्रिय राजनेता ने अहिंसा की पथरीली राहों से अलग जाने का मानो उद्घोष […] Read more » Aggressive Nehru Jawahar lal Nehru Nehru specter of idealism Specter of Idealism on Nehru आक्रामक नेहरू आदर्शवाद की काली छाया आदर्शवाद की छाया जवाहरलाल नेहरू नेहरू
साहित्य 1971 के युद्ध में भारत का सहयोगी बना एक पाकिस्तानी सैनिक और हुर्इ पाकिस्तान की करारी पराजय December 16, 2013 | 1 Comment on 1971 के युद्ध में भारत का सहयोगी बना एक पाकिस्तानी सैनिक और हुर्इ पाकिस्तान की करारी पराजय प्रो0 ब्रहमदीप अलुने आज 16 दिसंबर को भारत में विजय दिवस मनाया जाता है, यह दिन विश्व इतिहास के युद्धों में महान विजय के लिए स्वर्णिम दिन के रूप में याद किया जाता है । 93 हजार सैनिकों को बंदी बनाकर पाकिस्तान के दो टुकड़े करने का कारनामा भारतीय सेना ने अंजाम दिया […] Read more »
बच्चों का पन्ना बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है करोड़ों बच्चे November 14, 2013 / November 14, 2013 | 1 Comment on बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है करोड़ों बच्चे बाल दिवस पर विशेष – प्रो. ब्रह्मदीप अलुने भारत की कुल आबादी में 18 वर्ष से कम आयु की संख्या लगभग 42करोड़ है। यहां प्रतिवर्ष जन्म लेने वाले कुल 2.6करोड़ बच्चों में से लगभग 20लाख से अधिक बच्चों की मृत्यु हो जाती है, जिनमें से 40प्रतिशत बच्चो की मृत्यु कुपोषण के कारण होती है । […] Read more »
राजनीति इंदिरा गांधी की सियासत…………नीति या अनीति November 2, 2013 | 1 Comment on इंदिरा गांधी की सियासत…………नीति या अनीति प्रो. ब्रह्मदीप अलुने 1965 में भारत पाकिस्तान की भीषण लड़ार्इ चल रही थी, तोपों के गोले सरहद पर गूँज रहे थे, और इन सबके बीच तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री इंदिरा गांधी श्रीनगर सीमा क्षेत्र में बेखौफ अपने काम को अंजाम दे रही थी । सेना की उन्हें दिल्ली वापस लौटने की सलाह को उन्होनें […] Read more »
मीडिया राष्ट्र का सजग प्रहरी है प्रवक्ता डॉट कॉम October 14, 2013 / October 14, 2013 | Leave a Comment प्रो.ब्रह्रादीप अलुने निर्भीक पत्रकारिता समाज और राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । भारत की स्वतंत्रता में पत्रकारिता के सिपाहियों का गहरा योगदान रहा है, लेकिन बदलते वक्त की व्यावसायिकता ने व्यक्ति, पत्रकार और समाज सभी पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ा है । इस समय पत्रकारिता जगत के सामने सबसे बड़ी चुनौती पारदर्शिता […] Read more »
शख्सियत समाज अराजनीतिक गांधी की अराजकता October 2, 2013 | 1 Comment on अराजनीतिक गांधी की अराजकता प्रो.ब्रह्मदीप अलूने नेहरू ने दिसम्बर 1928 मे कलकत्ता अधिवेशन मे कहां था , ‘‘बापू,मेरे और आपके मध्य अंतर यह है कि आप धीमी गति मे विश्वास करते है जबकि मेरा लक्ष्य क्रांति है ।’’ गांधी का व्यंग्यात्मक उत्तर था ,‘‘मेरे तरूण, मैने क्रांति को पैदा किया है ,जबकि अन्यों ने केवल उसका शोर मचाया है […] Read more » अराजनीतिक गांधी की अराजकता
राजनीति समाज राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से पनप रहा है आतंकवाद July 19, 2013 / July 19, 2013 | Leave a Comment प्रो. ब्रह्मदीप अलुने विश्व में भारत आतंकवाद की प्रयोगशाला के रूप में पहचाना जाने लगा है। इराक, अफगानिस्तान जैसे राष्ट्र गृहयुद्ध से जूझ रहे हैं लेकिन इसके बावजूद आतंकवादी हमलों में मारे जाने वाले लोगों की संख्या में हम उनसे थोड़े ही कम हैं। पहले पंजाब फिर कश्मीर, गुजरात, मुंबई, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंग, असम […] Read more » आतंकवाद
जन-जागरण यौवन उच्चता की प्राप्ति का मार्ग है – स्वामी विवेकानंद May 10, 2013 / May 10, 2013 | Leave a Comment ब्रह्मदीप अलुने स्वामी विवेकानंद को युवाओं के लिए महान पथ प्रदर्शक माना जाता है। उन्होंने युवाओं में ऐसी ऊर्जा का संचार करने का सदैव प्रयत्न किया जिससे भारत एक मजबूत राष्ट्र बन सके और अपने गौरव को स्थापित कर सके। युवा किसी राष्ट्र की ऊर्जा होते है, प्राणवायु बनकर राष्ट्र के स्नायुतंत्र में बहते है। […] Read more » यौवन उच्चता की प्राप्ति का मार्ग है