समाज असंगठित विकास से श्रीनगर की स्थिरता को खतरा March 31, 2018 / March 31, 2018 | Leave a Comment अफ़साना रशीद धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर धीरे-धीरे अपनी खूबसूरती खोता जा रहा है। सालों भर पर्यटकों से गुलज़ार रहने वाले इस शहर की चमक फीकी होती जा रही है। इसके पीछे प्रकृति का कोई बदलाव नहीं बल्कि विकास के नाम पर समाज की बढ़ती महत्वाकांक्षा है। श्रीनगर को […] Read more » Featured Srinagar Threat to the stability unorganized development श्रीनगर
समाज खाध्य और खेती में चुनौंतियाँ सतत विकास के लक्ष्य में बाधा March 31, 2018 | Leave a Comment भारत डोगरा 2030 तक कृषि उत्पादन एवं आय को बढाने और भूख की भयावता को दूर करने के सतत विकास का लक्ष्य प्रशंसनीय है। लेकिन 12 वर्षों में इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारत को बड़े पैमाने पर नीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता है। यदि हम सतत विकास लक्ष्यों की अतिरिक्त आवश्यकताओं को ध्यान में […] Read more » drought farming challenges inhibit the goal sustainable development खाध्य खाध्य और खेती में चुनौंतियाँ
समाज बकरी दीदी क्यों कहलाती हैं ये महिलाएं? March 18, 2018 | Leave a Comment उषा राय बकरियों की तीसरी बड़ी आबादी बिहार राज्य में पाई जाती है, यहां की कई महिलाएं पशु सखी और बकरी दीदी के नाम से भी प्रसिद्ध है, जो बकरी पालन के द्वारा अपने जीवन स्तर में सुधार ला रही हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की अधिकतर महिलाएं बकरी पालन के गुणों को सीख कर बकरियों की […] Read more » बकरी पालन
विविधा सतत विकास के लक्ष्य के लिए संकल्प और प्रतिबद्धता जरूरी March 17, 2018 | Leave a Comment दिलीप बीदावत संयुक्त राष्ट्र संघ एवं सदस्य देशों द्वारा सतत विकास लक्ष्य के तहत वर्ष 2030 तक के लिए तय किए गए 17 विकास लक्ष्यों में नागरिक अधिकारों और उनके जीवन स्तर में सुधार की मंशा तो प्रकट होती है लेकिन संकल्प को हकीकत में बदलने की प्रतिबद्धता सभी देशों में एक जैसी हो, इस पर प्रश्नचिन्ह लगता जा रहा है। विकसित राष्ट्र अन्य छोटे और […] Read more » Featured संकल्प और प्रतिबद्धता सतत विकास
समाज सूचकांक से कहीं ज्यादा बड़ी है ‘भुखमरी’ March 14, 2018 / March 14, 2018 | Leave a Comment सचिन कुमार जैन सतत विकास लक्ष्य के कई एजेंडो में लक्ष्य 2 का एजेंडा जब तय किया गया तो विश्व के सभी लीडर इस बात पर एकमत थें कि वर्ष 2030 तक दुनिया से भुखमरी को समाप्त किया जायेगा। साथ ही बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष रूप से खाद्य और पोषण की सुरक्षा की स्थिति को हासिल […] Read more » Featured starvation The index is much larger than the 'starvation' भुखमरी
विविधा मैडम शहर से आती हैं इसलिए देर हो जाती है। March 13, 2018 | Leave a Comment श्रृंखला पाण्डेय ”प्रधानाध्यपक जी आज उपस्थित नही हैं, जब भी ऐसा होता है तो मेरे लिए बच्चे संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है। मैं मिड डे मील की व्यवस्था देखूं, रजिस्टर भरूं या फिर पांच कक्षाओं को एक साथ पढ़ाऊं”। ये वाक्य है कानपुर से सटे उन्नाव जिले से लगभग 12 किमी दूर प्राथमिक विद्यालय अजगैन की शिक्षामित्र पूनम […] Read more » Featured मिड डे मील मैडम
विविधा भारतीय आइस हॉकी में लद्दाखी महिलाओं की भूमिका October 26, 2017 | Leave a Comment डेचेन डोलकर लद्दाख भारतीय सेना द्वारा जम्मू कश्मीर के क्षेत्र लद्दाख में पहली बार आइस हॉकी को देश की स्वतंत्रता के बाद पेश किया गया, यहां के युवा प्राकृतिक रूप से जमे हुए तालाब पर केवल ढाई महीने ही हॉकी खेल पाते हैं क्योंकि लेह में आइस हॉकी खेलने के लिए कोई विशेष स्थान नहीं है। आइस […] Read more » आइस हॉकी लद्दाख लद्दाख में पहली बार आइस हॉकी
समाज जल से जीवन अस्त व्यस्त है October 16, 2017 | Leave a Comment संकट में है मांजरकूद गांव उमेन्द्र सागर, जल ही जीवन है यह कहावत तो हमने कई बार सुनी है पर जब जल ही मुसीबत बन जाए तो क्या करें? यह प्रश्न उन हजारों लोगों का है। जो जल तांडव के प्रकोप को झेलते रहते हैं| पिछले दिनों देश के कई हिस्सों में आने वाली बाढ़ […] Read more » मांजरकूद गांव
खेत-खलिहान विविधा परंपरागत खेती से दूर होते लद्दाख के किसान October 11, 2017 | Leave a Comment अंज़ारा अंजुम खान लद्दाख याक की तरह ही गाय की नस्लों में से एक डज़ो लद्दाख जैसे संवेदनशील क्षेत्र में कृषि के लिए हमेशा से उपयुक्त माना जाता था। यह 9800 फीट की उंचाई तक और ठंड में आसानी से खेत जोत सकता है। यही कारण है कि इसे खेती के लिए सस्ता और सुविधाजनक विकल्प माना […] Read more » लद्दाख के किसान
विविधा सफाई कर्मचारी की असुरक्षित जीवन-शैली August 22, 2017 | Leave a Comment कोई अन्य नौकरी नही देगा हम शापित हैं। दिल्ली शहर की घनी आबादी के बीच ओखला के एक कमरे के घर में 25 साल का रंजीत अपने मां-बाप पत्नी और एक बेटी के साथ रहता है। उसकी शादी को दो साल हुए हैं। वह उन लोगों में से एक है, जो जीवित रहने के लिए […] Read more » सफाई कर्मचारी
समाज सार्थक पहल गृहणी से उद्धयमी बनी गीता देवी August 21, 2017 | Leave a Comment सरस्वती अग्रवाल “व्यवसाय करने के लिए ज़्यादा पढ़ा लिखा होना जरुरी नही है बल्कि रुची होना ज़रुरी है” ये वाक्य है उत्तराखण्ड़ राज्य जनपद चमोली ग्राम भटोली के एक साधारण परिवार की गृहणी गीता देवी का जिन्होने केवल 5वीं तक शिक्षा ग्रहण की है। बावजुद इसके वो एक सफल उद्धमी हैं और हर महीने 3500 से 4000 तक […] Read more » गीता देवी
समाज सार्थक पहल पलायन को आईना दिखाती पहाड़ की महिला July 26, 2017 | Leave a Comment पंकज सिंह बिष्ट आज जहाँ एक तरफ पहाड़ के लिए पलायन श्राप बना हुआ है। जिसे रोकना सरकार के लिए एक चुनौती है। ऐसे में इसी पहाड़ की महिलायें अपना उद्यम स्थापित कर स्वरोजगार को अपना रही हैं। यह उन युवाओं को भी एक नई राह और एक नई दिशा दिखाने का काम कर रही […] Read more » पलायन