धर्म-अध्यात्म विविधा पुण्यसलिला, पाप-नाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी, सरित्श्रेष्ठा , राष्ट्रनदी भगवती भगीरथी गंगा May 29, 2015 | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- मानव जीवन ही नहीं, वरन मानवीय चेतना को भी प्रवाहित करने वाली भारतवर्ष की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी राष्ट्र-नदी गंगा देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, वरन जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। गंगा निरन्तर गतिशीला और श्रम का प्रतीक है। इसीलिए गंगा को जीवन तत्त्व और जीवन प्रदायिनी कहा गया है […] Read more » Featured पाप-नाशिनी पुण्यसलिला मोक्ष प्रदायिनी राष्ट्रनदी भगवती भगीरथी गंगा सरित्श्रेष्ठा
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार परमेश्वर के तीनों ही लिंगों में हैं नाम May 28, 2015 | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- -जितने ‘देव” शब्द के अर्थ लिखे हों उतने ही “देवी” शब्द के भी हैं – परमात्मा के गुण -कर्म और स्वभाव अनन्त हैं, अतः उसके नाम भी अनन्त हैं | उन सब नामों में परमेश्वर का ‘ओउम्‘ नाम सर्वोतम है, क्योंकि यह उसका मुख्य और निज नाम है, इसके अतिरिक्त अन्य सभी नाम […] Read more » fearured देवी परमेश्वर सत्यार्थ प्रकाश के अनुसार परमेश्वर के तीनों ही लिंगों में हैं नाम
राजनीति बोनसाई सरकार के संकट May 28, 2015 / May 28, 2015 | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- -संदर्भः- दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच जंग- दिल्ली में निर्वाचित सरकार और उपराज्यपाल के बीच छिड़ी जंग से इस हकीकत से पर्दा उठ रहा है कि एक चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री से कहीं ज्यादा हैसियत एक नौकरशाह बनाम उपराज्यपाल की है। वह तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मजबूत आत्मबल […] Read more » Featured केजरीवाल नजीब जंग बोनसाई सरकार के संकट
परिचर्चा तथ्यों की कसौटी पर मोदी सरकार का एक साल May 28, 2015 | Leave a Comment -लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल- केन्द्र में एनडीए सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर सर्वत्र चर्चा व बहस हो रही है। विपक्ष मुख्यतः कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि सरकार ने एक वर्ष में कुछ नही किया अर्थात सभी मोर्चे पर सरकार विफल सिद्ध हुई है। मीडिया भी सरकार की डी.एन.ए. […] Read more » Featured एनडीए सरकार तथ्यों की कसौटी पर मोदी सरकार का एक साल मोदी सरकार
परिचर्चा प्रकृति के नियमों के विरूद्ध आचरण करना हानिकारक May 21, 2015 | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध’- अत्यधिक सुख- सुविधा व वैभवपूर्ण जीवन व्यतीत करने की इच्छा में हम यंत्रों अर्थात मशीनों पर आश्रित हो गए हैं , परन्तु यह परम सत्य है कि इस मशीन युग में हम अनेक कार्य ऐसे करते हैं, जो हमारी प्रकृति के प्रतिकूल होते हैं । मशीनों के अथवा अन्य साधनों के बल पर […] Read more » Featured नेचर प्रकृति प्रकृति के नियमों के विरूद्ध आचरण करना हानिकारक
परिचर्चा हिन्दू धर्म और इस्लाम May 21, 2015 | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- इस्लाम के भारतीय समाज पर आघात को सन् ७१२ ई० से आरम्भ समझा जाता है, परन्तु तब का आक्रमण शीघ्र ही विलीन हो गया थाl यद्यपि सन् ७१२ में भी आक्रमण में राजनैतिक कारणों के साथ मजहब के विस्तार का भी लक्ष्य थाl इस कारण जब राजनतिक प्रभाव क्षीण हुआ तो मजहबी […] Read more » Featured इस्लाम हिन्दू धर्म हिन्दू धर्म और इस्लाम
विविधा समलैंगिक विवाहः आधुनिक सभ्यता का सर्वाधिक असभ्य रूप May 19, 2015 / May 21, 2015 | 1 Comment on समलैंगिक विवाहः आधुनिक सभ्यता का सर्वाधिक असभ्य रूप -डॉ. कौशलेन्द्र मिश्र- अप्राकृतिक मैथुन के वशीभूत हो जब एक कामी पुरुष दूसरे कामी पुरुष से विवाह करके अपने छद्म गृहस्थ्य जीवन में प्रवेश करने का उत्सव मनाने लगे तो एक व्यक्तिगत अनैतिक कृत्य सामाजिक अनैतिक कृत्य के अपराध में रूपांतरित होने लगता है, और ऐसा कृत्य यदि किसी प्रधानमंत्री द्वारा किया जाय तो निश्चित […] Read more » Featured समलैंगिक समलैङ्गिक विवाह समलैङ्गिक विवाह – आधुनिक सभ्यता का सर्वाधिक असभ्य रूप
आर्थिकी लाभदायक सौदा नहीं रह जाने से कृषि-कार्य मौत को निमंत्रण देने से कम नहीं May 16, 2015 | 1 Comment on लाभदायक सौदा नहीं रह जाने से कृषि-कार्य मौत को निमंत्रण देने से कम नहीं -अशोक “प्रवृद्ध”- आदिकाल से ही भारतवर्ष के अधिकांश लोगों की आजीविका का साधन कृषि और कृषि से सम्बद्ध व्यवसाय रही है, और भारतवर्ष के कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि कृषि क्षेत्र में हमने बहुत उन्नति भी की है, परन्तु इस वर्ष मार्च , रील के महीने में हुई बेमौसम आंधी-तूफ़ान, बारिश और ओले ने […] Read more » Featured कृषि कृषि कार्य खेती लाभदायक सौदा नहीं रह जाने से कृषि-कार्य मौत को निमंत्रण देने से कम नहीं
कला-संस्कृति विविधा समाज की प्राचीन और सर्वमान्य रीति विवाह May 16, 2015 | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- मानव की शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक उन्नति के लिए जन्म से मृत्युपर्यन्त भिन्न-भिन्न समय पर अलग-अलग संस्कारों की व्यवस्था प्राचीन ऋषि-मुनियों ने की है। मानव-जीवन की उन्नति मेंं विशिष्ट महत्व रखने वाली सोलह संस्कारों में से एक तेरहवाँ और अतिमहत्वपूर्ण संस्कार विवाह है। विवाह एक धार्मिक संस्कार है, जो धर्म की रक्षा करता […] Read more » Featured विवाह समाज की प्राचीन और सर्वमान्य रीति विवाह सामाजिक रीति
जरूर पढ़ें विविधा बीन पानी सब सून May 14, 2015 | 1 Comment on बीन पानी सब सून -नीतेश राय– कहां है पानी ? सावन के लिये तरसती आँखे आज फसलों को जलते हुए देखने को मजबूर है | रेगिस्तान फैलते जा रहे हैं, ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं और नदियाँ, नालों में तब्दील होती जा रही है | कमोबेस समूचे विश्व की स्थिति यही है | सतह के जलस्रोतों के हालात हम […] Read more »
जन-जागरण जरूर पढ़ें भारत में उच्चतर माध्यमिक शिक्षा का मौलिक अधिकार May 14, 2015 / May 14, 2015 | Leave a Comment -डॉ. कौशलेन्द्र मिश्र- -भारत में शिक्षा के अधिकार का संक्षिप्त इतिहास :- मानव समाज के सम्यक विकास के लिये आवश्यक आधारभूत तत्वों में से एक तत्व है शिक्षा । जीने के अधिकार की तरह ही शिक्षा का अधिकार भी हमारी मौलिक आवश्यकता है । ईसवी उन्नीसवीं शताब्दी एवं उसके पश्चात् का काल भारतीय शिक्षा का […] Read more » Featured उच्चतर माध्यमिक शिक्षा भारत में उच्चतर माध्यमिक शिक्षा का मौलिक अधिकार मौलिक अधिकार शिक्षा
धर्म-अध्यात्म आद्य सृष्टा, पितामह ब्रह्मा अर्थात प्रजापति May 14, 2015 | Leave a Comment िाोूहीा्-अशोक “प्रवृद्ध”- वैदिक ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मा प्रजापति को कहते हैंl शतपथ ब्राह्मण के षष्ठ काण्ड के प्रथम अध्याय में प्रजापति की उत्पति के सम्बन्ध में उल्लेख करते हुए कहा गया है – पहले सब असत् अर्थात अव्यक्त ही थाl वह असत् क्या था? असत् ऋषि ही थेl अव्यक्त रूप परमाणु थेl उनको ही ऋषि […] Read more » Featured आद्य सृष्टा पितामह ब्रह्मा पितामह ब्रह्मा अर्थात प्रजापति प्रजापति