धर्म-अध्यात्म यज्ञ से वर्षा आदि कामनाओं की पूर्ति April 13, 2016 | Leave a Comment लातूर आदि स्थानों में सूखे के परिप्रेक्ष्य में मनमोहन कुमार आर्य क्या यज्ञ और वृष्टि का परस्पर सम्बन्ध है? अवश्य है, इसलिए कि वेद और गीता में इनका वर्णन मिलता है। गीता में भगवान कृष्ण ने सूखे को ध्यान में रखकर अर्जुन को उपदेश नहीं दिए थे। न हि सर्वव्यापक सृष्टिकत्र्ता ईश्वर ने सूखा पड़ने […] Read more » यज्ञ से वर्षा
धर्म-अध्यात्म संसार की समस्याओं का कारण मत-मतान्तरों की अविद्याजन्य मान्यतायें April 13, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आज का आधुनिक संसार अनेक प्रकार की समस्याओं से पीढि़त व ग्रसित है। इनके हल के लिए संसार के विभिन्न देशों में सरकारें, विभाग, कार्यालय व अन्य सहयोगी संस्थाओं सहित विश्व स्तरीय संगठन संयुक्त राष्ट्र है परन्तु फिर भी समस्यायें हल होने के स्थान पर दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। […] Read more » अविद्याजन्य मान्यतायें मत-मतान्तरों की अविद्याजन्य मान्यतायें संसार की समस्याओं का कारण
चिंतन धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज का देश की धार्मिक, सामाजिक, शिक्षा व स्वतन्त्रता सहित सभी क्षेत्रों में प्रमुख योगदान April 10, 2016 | Leave a Comment आर्यसमाज के 141 वें स्थापनादिवस 10 अप्रैल, 2016 पर मनमोहन कुमार आर्य विश्व में अनेक धार्मिक व सामाजिक संगठन हैं जिनमें आर्यसमाज एक प्रमुख व अग्रणीय संगठन है। यदि इतिहास व अवधि के आधार पर देखें तो आर्यसमाज अन्य संगठनों की तुलना में अर्वाचीन है। आर्यसमाज की स्थापना 141 वर्ष पूर्व गुजरात के टंकारा […] Read more » आर्यसमाज आर्यसमाज के 141 वें स्थापनादिवस देश धार्मिक योगदान शिक्षा सामाजिक स्वतन्त्रता
चिंतन धर्म-अध्यात्म वैदिक प्राचीन पर्व नव संवत्सर April 9, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन में पर्वों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वर्ष या संवत्सर के रूप में पर्व को इस रूप में जान सकते हैं कि एक वर्ष की समाप्ती व उसके अगले दिन से दूसरे वर्ष का आरम्भ। मनुष्य जीवन में एक शिशु के रूप में जन्म लेता है और समय के […] Read more » वैदिक प्राचीन पर्व नव संवत्सर
चिंतन धर्म-अध्यात्म प्रथम आर्यसमाज की स्थापना की पृष्ठभूमि और उसके प्रेरक लोग April 9, 2016 | Leave a Comment आर्यसमाज स्थापना दिवस 10 अप्रैल के अवसर पर प्रथम आर्यसमाज की स्थापना की पृष्ठभूमि और उसके प्रेरक लोग मनमोहन कुमार आर्य हमें एक आर्यबन्धु ने पूछा है कि आर्यसमाज की स्थापना का महर्षि दयानन्द जी को सुझाव किन आर्य-श्रेष्ठियों ने दिया था? हम सब यह तो जानते हैं कि आर्यसमाज की स्थापना महर्षि दयानन्द ने […] Read more » आर्यसमाज की स्थापना आर्यसमाज स्थापना दिवस 10 अप्रैल
चिंतन धर्म-अध्यात्म वैदिक मान्यतायें ही धर्म व इतर विचारधारायें मत-पन्थ-सम्प्रदाय April 7, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य धर्म शब्द की उत्पत्ति व इसका शब्द का आरम्भ वेद एवं वैदिक साहित्य से हुआ व अन्यत्र फैला है। संसार का सबसे प्राचीन ग्रन्थ वेद है। वेद ईश्वर प्रदत्त वह ज्ञान है जो सब सत्य विद्याओं की पुस्तक है। यह ज्ञान सृष्टि के आरम्भ में इस संसार के रचयिता परमेश्वर वा सृष्टिकर्त्ता […] Read more » इतर विचारधारा धर्म मत-पन्थ-सम्प्रदाय वैदिक मान्यता
धर्म-अध्यात्म क्या संसार महर्षि दयानन्द की मानव कल्याण की यथार्थ भावनाओं को समझ सका? April 5, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने देश व समाज सहित विश्व की सर्वांगीण उन्नति का धार्मिक व सामाजिक कार्य किया है। क्या हमारे देश और संसार के लोग उनके कार्यों को यथार्थ रूप में जानते व समझते हैं? क्या उनके कार्यों से मनुष्यों को होने वाले लाभों की वास्तविक स्थिति का ज्ञान विश्व व […] Read more » महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द की मानव कल्याण
धर्म-अध्यात्म सनातन वैदिक धर्म व संस्कृति के पुनरुद्धार में स्वामी दयानन्द और आर्यसमाज का योगदान April 4, 2016 | Leave a Comment स्वामी दयानन्द और आर्यसमाज का योगदानभारतीय धर्म व संस्कृति विश्व की प्राचीनतम, आदिकालीन, सर्वोत्कृष्ट, ईश्वरीय ज्ञान वेद और सत्य मान्यताओं व सिद्धान्तों पर आधारित है। सारे विश्व में यही संस्कृति महाभारत काल व उसकी कई शताब्दियों बाद तक भी प्रवृत्त रहने सहित सर्वत्र फलती-फूलती रही है। इस संस्कृति की विशेषता का प्रमुख कारण यह […] Read more » आर्यसमाज का योगदान सनातन वैदिक धर्म संस्कृति के पुनरुद्धार में स्वामी दयानन्द
प्रवक्ता न्यूज़ तपोभूमि मासिक पत्रिका का प्रशंसनीय विशेषांक ‘शंकर-सर्वस्व April 3, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य शनिवार 2 अप्रैल, 2016 को हमें उपर्युक्त उपहार प्राप्त हुआ है। हमने कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा कोई ग्रन्थ प्रकाशनाधीन है जो हमें मिल सकता है। पोस्टमैन ने लाकर यह ग्रन्थ दिया तो प्रसन्नता होना स्वाभाविक था। हमने पूर्ण ग्रन्थ का शीघ्रता से अवलोकन कर डाला। इसके प्रथम कवर पृष्ठ […] Read more » शंकर-सर्वस्व
चिंतन धर्म-अध्यात्म पं. ब्रह्मदत्त जिज्ञासु एवं उनका अप्राप्य व अप्रकाशित यजुर्वेद भाष्य विवरण April 2, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आचार्य पं. ब्रह्मदत्त जिज्ञासु जी (1892-1964) महर्षि दयानन्द जी के प्रमुख अनुयायियों में से एक थे। उनका सारा जीवन संस्कृत भाषा की आर्ष व्याकरण के पठन-पाठन व प्रचार सहित महर्षि दयानन्द एवं आर्यसमाज के वेद प्रचार एवं शुद्धि आदि कार्यों को समर्पित रहा। उनके अनेक कार्यों में से एक प्रसिद्ध एवं […] Read more »
धर्म-अध्यात्म ईश्वर अनादि काल से अनन्त काल तक सबका एकमात्र साथी April 1, 2016 / April 1, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जन्म व मरण धर्मा है परन्तु मनुष्य शरीर में निवास करने वाला जीवात्मा अजन्मा व अमर है। जीवात्मा अनादि व अनुत्पन्न होने के अविनाशी व अमर भी है। हमारे इस इसे इस प्रकार भी कह सकते हैं कि ईश्वर किसी जीवात्मा का साथ कभी नहीं छोड़ता। इसे इस प्रकार भी कह […] Read more » अनन्त काल अनादि काल ईश्वर सबका एकमात्र साथी
धर्म-अध्यात्म स्वामी दयानन्द को वेदों की प्रथम प्राप्ति धौलपुर से हुई थी March 31, 2016 / March 31, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वामी दयानन्द मथुरा में अपने विद्या गुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी से अपनी शिक्षा पूर्ण कर सन् 1863 में आगरा पधारे थे और यहां लगभग डेढ़ वर्ष प्रवास किया था। गुरु जी से विदाई के अवसर पर गुरु दक्षिणा प्रकरण के अन्तर्गत स्वामी दयानन्द जी के जीवनी लेखक पं. लेखराम जी ने […] Read more » वेदों की प्रथम प्राप्ति वेदों की प्रथम प्राप्ति धौलपुर स्वामी दयानन्द