प्रवक्ता न्यूज़ वेद सार्वभौमिक मानव धर्म के अधिकारिक प्रतिनिधि व आदिस्रोत January 30, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार के सभी मनुष्यों वा स्त्री-पुरुषों पर ध्यान केन्द्रित करें तो यह सभी एक बहुत ही बुद्धिमान व सर्वव्यापी कलाकार की रचनायें अनुभव होती हैं। संसार भर में सभी मनुष्य की दो आंखे, दो कान, नाक, मुंह, गला, शिर, वक्ष, उदर, कटि व पैर प्रायः एक समान ही हैं। सभी मनुष्यों का […] Read more » Featured वेद सार्वभौमिक मानव धर्म के अधिकारिक प्रतिनिधि व आदिस्रोत
धर्म-अध्यात्म मनुष्य और अनेक प्राणी योनियों में जीवात्माओं के जन्म का कारण January 27, 2016 | 1 Comment on मनुष्य और अनेक प्राणी योनियों में जीवात्माओं के जन्म का कारण मनमोहन कुमार आर्य यदि हम अतीत की बातें छोड़कर वर्तमान संसार में विद्यमान मनुष्यादि अनेक प्राणी योनियों में जीवात्माओं के जन्म पर विचार करें तो हम देखते हैं कि सभी प्राणियों में जन्म व मृत्यु का सिद्धान्त काम कर रहा है। हमसे पहले व बाद में जन्में अनेक मनुष्य और अन्य प्राणियों को हमने समय […] Read more » Featured जीवात्माओं के जन्म का कारण मनुष्य और अनेक प्राणी योनियों में जीवात्माओं के जन्म का कारण
धर्म-अध्यात्म ईश्वर का ध्यान व उपासना तथा मूर्तिपूजा January 26, 2016 | Leave a Comment ईश्वर व मनुष्य में क्या अन्तर है? यह प्रश्न आपको अनुपयुक्त सा लग सकता है परन्तु प्रश्न तो प्रश्न है। हम इसका उत्तर देने का प्रयास करते हैं। ईश्वर वह है जो जीवात्माओं के सुख व दुःखों के भोग के लिए सत्व, रज व तम गुण से युक्त सूक्ष्म जड़ प्रकृति के द्वारा इस दृश्यमान […] Read more » ईश्वर का ध्यान व उपासना मूर्तिपूजा
धर्म-अध्यात्म ईश्वर को जानना और उसकी स्तुति करना आवश्यक क्यों है? January 26, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम सभी मनुष्य जीवात्मायें हैं जिन्हें ईश्वर की कृपा से मानव शरीर मिला है। जीवात्मा के दो प्रमुख गुण है। पहला गुण इसका ज्ञान की क्षमता से युक्त होना है और दूसरा अपने ज्ञान के अनुरूप सत्यासत्य कर्मों में प्रवृत्त रहना है। अतः जहां ज्ञान व कर्म दोनों गुणों की अभिव्यक्ति हो […] Read more » ईश्वर को जानना और उसकी स्तुति करना आवश्यक क्यों है?
धर्म-अध्यात्म वेद आर्यसमाज और गणतन्त्र प्रणाली January 26, 2016 | Leave a Comment भारत का इतिहास उतना ही पुराना है जितना की इस सृष्टि के बनने के बाद प्राणी जगत व मानव उत्पत्ति के बाद का सृष्टि का इतिहास। सभी मनुष्यों को नियम में रखने व सभी श्रेष्ठ आचरण करने वाले मनुष्यों को अच्छा भयमुक्त व सद्ज्ञानपूर्ण वैदिक परम्पराओं के अनुरुप वातावरण देने के लिए एक आदर्श राजव्यवव्स्था […] Read more » गणतन्त्र प्रणाली वेद आर्यसमाज वेद आर्यसमाज और गणतन्त्र प्रणाली
धर्म-अध्यात्म सत्य के आग्रही व यथार्थवादी महर्षि दयानन्द January 25, 2016 / January 25, 2016 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महाभारत काल के बाद देश व संसार में वेदों के विद्वान होने के साथ यदि यथार्थवादी महापुरुषों पर दृष्टि डाली जाये तो हमें एक ही नाम दृष्टिगोचर होता है और वह नाम है स्वामी दयानन्द सरस्वती। महर्षि दयानन्द वेदों के मर्मज्ञ विद्वान, वेदों के प्रचारक, सच्चे योगी व समाज-देश सुधारक हुए हैं […] Read more » यथार्थवादी महर्षि दयानन्द सत्य के आग्रही
धर्म-अध्यात्म सर्वव्यापक कर्मों का साक्षी परमात्मा मुनष्य को बुरे काम करने पर रोकता क्यों नहीं? January 22, 2016 | 2 Comments on सर्वव्यापक कर्मों का साक्षी परमात्मा मुनष्य को बुरे काम करने पर रोकता क्यों नहीं? ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरुप, निराकार, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, सर्वज्ञ, जीवों के प्रत्येक कर्म का साक्षी व फल प्रदाता है। जीवात्मा सत्य व चेतन, सूक्ष्म, एकदेशी, अल्पज्ञ, अनादि, अविनाशी, नित्य, अजर, अमर आदि गुणों वाली सत्ता व पदार्थ है। जीवात्मा को पूर्वजन्म के अभुक्त कर्मों, पाप-पुण्य वा प्रारब्ध के आधार पर भिन्न भिन्न योनियों में से किसी एक योनि […] Read more » सर्वव्यापक कर्मों का साक्षी परमात्मा मुनष्य को बुरे काम करने पर रोकता क्यों नहीं?
धर्म-अध्यात्म ईश्वर व जीवात्मा विषयक यथार्थ ज्ञान की प्राप्ति का सरल उपाय January 21, 2016 | Leave a Comment ईश्वर के सत्य स्वरूप का ज्ञान विद्वानों के उपदेशों को सुनकर अथवा वेद वा वैदिक साहित्य के अध्ययन से प्राप्त होता है। पूर्ण नहीं अपितु कुछ मात्रा में यह ज्ञान वैदिक धर्मी माता-पिताओं की सन्तानों को भी परम्परा व संगति से प्राप्त हो जाता है। आजकल के धार्मिक कथाकारों के उपदेशों व प्रवचनों पर दृष्टि […] Read more » Featured ईश्वर व जीवात्मा विषयक यथार्थ ज्ञान यथार्थ ज्ञान की प्राप्ति का सरल उपाय
धर्म-अध्यात्म ईश्वर मनुष्यों सहित सभी प्राणियों का सदा सर्वदा का साथी और रक्षक है January 20, 2016 | Leave a Comment तर्क और युक्ति के आधार से यह सिद्ध किया जा सकता है कि इस संसार का रचयिता और पालक ईश्वर है। जो लोग इस विचार से सहमत न हों, उनका यह दायित्व बनता है कि वह इसका प्रतिवाद वा वैकल्पिक उत्तर युक्ति व तर्क पूर्वक दें। हमारा अनुमान है कि इसका अन्य कोई उत्तर नहीं […] Read more » ईश्वर मनुष्यों सहित सभी प्राणियों का सदा सर्वदा का साथी और रक्षक है
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जन्म की पृष्ठभूमि, कारण एवं परम उद्देश्य January 19, 2016 | Leave a Comment संसार के सभी प्राणियों में मनुष्य श्रेष्ठतम प्राणी है। इसका कारण मनुष्यों में सत्य व असत्य का विवेक कराने वाली बुद्धि होती है जबकि अन्य प्राणियों के पास विवेक कराने वाली बुद्धि नहीं होती। मनुष्य अन्य प्राणियों से कुछ भिन्न एक जाति है जिसमें स्त्री व पुरुष सम्मिलित हैं। आजकल जो जातिसूचक शब्दों का प्रयोग […] Read more » मनुष्य जन्म की पृष्ठभूमि
धर्म-अध्यात्म ईश्वर का प्रमाणिक विवरण कहां से प्राप्त हो सकता है? January 19, 2016 | 2 Comments on ईश्वर का प्रमाणिक विवरण कहां से प्राप्त हो सकता है? संसार के इतिहास पर दृष्टि डालते हैं तो सबसे पुराना इतिहास भारत का ही उपलब्ध होता है। भारत का इतिहास 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हजार 115 वर्ष पुराना है। लगभग 5,200 वर्ष पहले कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध हुआ था। इससे देश का महाविनाश हुआ। इसमें सैनिक व राजा तो मरे ही, […] Read more » ईश्वर का प्रमाणिक विवरण कहां से प्राप्त हो सकता है?
धर्म-अध्यात्म जिसका जन्म उसकी मृत्यु और जिसकी मृत्यु उसका जन्म होना अटल है January 18, 2016 | Leave a Comment गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि जिसका जन्म होता है उसकी मृत्यु ध्रुव अर्थात् अटल है और जिसकी मृत्यु होती है उसका पुनर्जन्म वा जन्म होना भी ध्रुव सत्य है। हम अपने जीवन में यदाकदा अपने परिचितों व अपरिचितों की मृत्यु का समाचार सुनते रहते हैं। जिस व्यक्ति से हमारा सम्पर्क व सम्बन्ध […] Read more » Featured जिसका जन्म उसकी मृत्यु जिसकी मृत्यु उसका जन्म होना अटल है