धर्म-अध्यात्म क्या सनातन वैदिक धर्म अमर है और इसके सभी अनुयायी सुरक्षित हैं? January 28, 2020 / January 28, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार का सबसे पुराना धर्म और संस्कृति वेद और वैदिक धर्म है। वैदिक मान्यताओं के अनुकूल व अनुरूप ही जीवन शैली से सम्बन्धित सभी विचार, मान्यतायें एवं परम्परायें वैदिक संस्कृति का निर्माण करती हैं व कहलाती हैं। जो मान्यता व कर्म वेदानुकूल हों, वही मनुष्यों के लिये करने योग्य होता है […] Read more » सनातन वैदिक धर्म सनातन वैदिक धर्म अमर है
धर्म-अध्यात्म वेदों में सच्चा अध्यात्मवाद है जो देशवासियों को देशभक्त बनाता है January 27, 2020 / January 27, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वेद ही विश्व में अध्यात्म का आदि वा सर्वप्राचीन ग्रन्थ है। ईश्वर, जीव व प्रकृति विषयक त्रैतवाद का सिद्धान्त वेद की ही देन है। सभी विद्वानों की अपनी-अपनी योग्यता होती है। बहुत से विद्वान बहुत से विषयों को नहीं जान पाते। ऐसा ही वेदपाठी व वेदों के अध्ययनकर्ता विद्वानों के साथ […] Read more » ‘अध्यात्मवाद’
लेख शख्सियत देश की आजादी में अग्रणीय भूमिका थी लाला लाजपतराय जी की January 27, 2020 / January 27, 2020 | Leave a Comment लाला लाजपतराय जी की १५५ वी जयंती पर– -मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द के प्रमुख शिष्यों में एक नाम लाला लाजपत राय जी का है। लाला लाजपतराय जी ने ऋषि दयानन्द के जीवन व आर्यसमाज पर ग्रन्थों का प्रणयन किया है। लाला जी ने आर्यसमाज से सबंधित अनेक ग्रन्थ लिखे। डी.ए.वी. स्कूल की स्थापना […] Read more » लाला लाजपतराय
लेख समाज देश की व्यवस्था में सभी लोगों को निष्पक्षता सहित न्याय मिलना चाहिये January 27, 2020 / January 27, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य भारत संसार का सबसे प्राचीन देश है। इसका धर्म सनातन वैदिक धर्म है। यह धर्म सृष्टि की उत्पत्ति के साथ परमात्मा द्वारा अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न मनुष्यों के द्वारा ईश्वर की प्रेरणा व वेदों के ज्ञान, ऋग्वेद–यजुर्वेद–सामवेद–अथर्ववेद, की प्राप्ति से आरम्भ हुआ था। ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक, सर्वशक्तिमान, सर्वान्तर्यामी एवं निराकार […] Read more » justice with fairness. निष्पक्षता सहित न्याय
धर्म-अध्यात्म मनुष्य अपने अगले जन्मों को उन्नत व श्रेष्ठ बनाने के लिए क्या करे? January 24, 2020 / January 24, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य एक चेतन व अल्पज्ञ आत्मायुक्त शरीर को कहते हैं जिसके पास दो हाथ व दो पैरों सहित बोलने के लिये वाणी होती है तथा एक विवेकवान व मनन करने की क्षमता से युक्त बुद्धि व मस्तिष्क होता है। मनुष्य की मृत्यु होने पर उसका शरीर अन्त्येष्टि कर्म के द्वारा नष्ट […] Read more » मनुष्य
धर्म-अध्यात्म लेख सज्जनों से द्वेष और दुष्ट व असत्य आचरण वालों से प्रेम उचित नहीं January 23, 2020 / January 23, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य द्वेष किसी से नफरत करने को कहते हैं। इसके अनेक कारण होते व हो सकते हैं। कुछ लोग अच्छे होते हैं परन्तु अपने किन्हीं स्वार्थों के कारण कुछ लोग उनसे भी द्वेष करते हैं। ऐसा करना वस्तुतः बुरा है। परन्तु कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने स्वार्थ के लिये […] Read more » दुष्ट व असत्य आचरण वालों से प्रेम सज्जनों से द्वेष
राजनीति शख्सियत नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने महान बलिदान देकर देश को स्वतन्त्र कराया January 23, 2020 / January 23, 2020 | Leave a Comment नेताजी के आज 123वें जन्म दिवस पर -मनमोहन कुमार आर्य देश को आजादी दिलानें में अगणित लोगों ने बलिदान दिये हैं। सबके बलिदान महान व नमन करने योग्य हैं। कुछ ऐसे नेता भी होते हैं जिनका योगदान कम परन्तु प्रचार अधिक होता है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ऐसे नेता नहीं थे। उनका बलिदान भी […] Read more » Netaji Subhash Chandra Bose Netaji Subhash Chandra Bose made great sacrifices and made the country independent. नेताजी के आज 123वें जन्म दिवस पर नेताजी सुभाषचन्द्र बोस
लेख समाज अपने परिवारजनों के जन्म दिवस व विवाह वर्षगांठ आदि कैसे मनायें January 23, 2020 / January 23, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन परमात्मा का जीवात्मा को सबसे उत्तम व महत्तम उपहार है। हम विचार करें कि क्या ऐसा उत्तम उपहार ईश्वर के अतिरिक्त कोई किसी जीवात्मा को दे सकता है? हम पाते हैं कि इससे उत्तम उपहार संसार में दूसरा कोई नहीं है। ईश्वर ने हमें यह उपहार इस जन्म में […] Read more » विवाह वर्षगांठ आदि कैसे मनायें
धर्म-अध्यात्म महाभारत युद्ध के बाद ऋषि दयानन्द जैसे कुछ ऋषि होते तो देश में अविद्या व अन्धविश्वास उत्पन्न न होते January 21, 2020 / January 21, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हमारा देश महाभारत युद्ध के बाद अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड, कुरीतियों वा मिथ्या परम्पराओं सहित अनेकानेक आडम्बरों से भर गया था जिसका परिणाम देश में छोटे-छोटे राज्यों के निर्माण सहित देश की पराधीनता के रूप में सामने आया। अज्ञान व अन्धविश्वासों के कारण ही देश में चेतन ईश्वर का तिरस्कार कर जड़ […] Read more »
धर्म-अध्यात्म अतीत के सभी विद्वानों व राज्याधिकारियों के आलस्य-प्रमाद युक्त कार्यों की कीमत भावी पीढ़ियों को चुकानी पड़ती है January 18, 2020 / January 18, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्यों के दो भेद प्रायः देखने को मिलते हैं। एक विद्वान बुद्धिजीवी वर्ग होता है और दूसरा शासित सामान्य अल्प शिक्षित वर्ग। विद्वान बुद्धिजीवी देश के शिखरस्थ राजनीतिक पदों पर आसीन होकर निर्णय लेते, नीतियां व योजनायें बनाते हैं। उनके निर्णयों एवं कार्यों का प्रभाव देश के वर्तमान एवं भविष्य दोनों […] Read more » विद्वानों व राज्याधिकारियों के आलस्य-प्रमाद युक्त कार्य
धर्म-अध्यात्म वेद-विहित विधि से ईश्वरोपासना न करने से जन्म-परजन्मों में हानियां January 17, 2020 / January 17, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को उपासना की आवश्यकता क्यों है? इसके अनेक कारण हैं। मुख्य कारण तो उपासना से हमें उपास्य ईश्वर के सद्गुणों का ज्ञान होने सहित ईश्वर से अपनी जीवन यात्रा को सुगम रीति से चलाने में मार्गदर्शन भी प्राप्त होता है। ईश्वर उपासक निर्धन व दरिद्र नहीं होता। ईश्वर की उपासना […] Read more » ईश्वरोपासना
धर्म-अध्यात्म मनुष्य परमात्मा प्रदत्त बुद्धि का विवेकपूर्वक सदुपयोग न कर अपनी व देश-समाज की हानि करता है January 17, 2020 / January 17, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार एवं प्राणी जगत ईश्वर की विशिष्ट रचना है। यह संसार परमात्मा ने अपना कोई प्रयोजन पूरा करने के लिये नहीं अपितु जीवात्माओं का सुख एवं कल्याण करने की भावना से बनाया है। जीवात्मा चेतन तथा अल्पज्ञ सत्ता है। जीवात्मा अनादि व नित्य होने से संसार में सदा से […] Read more » परमात्मा बुद्धि का विवेकपूर्वक सदुपयोग