धर्म-अध्यात्म एक सच्चे आर्यवीर स्टेशन-मास्टर लाला गंगाराम के जीवन की कुछ प्रेरक घटनायें February 10, 2020 / February 10, 2020 | Leave a Comment –इतिहास मर्मज्ञ स्वामी स्वतन्त्रानन्द द्वारा लिखित प्रेरक प्रसंग– लेखक-स्वामी स्वतन्त्रानन्द, प्रस्तुतिः मनमोहन कुमार आर्य आचार की दृष्टि से तथा अपने स्वभाव में कट्टरपन की दृष्टि सहित अपने नियमों पर अटल रहने से लाला गंगाराम जी विशेष व्यक्ति थे। उनके जीवन की कुछ घटनाएं लिखता हूं। सम्भव है कि कोई सज्जन इनसे लाभ प्राप्त करे। […] Read more » आर्यवीर स्टेशन-मास्टर लाला गंगाराम
धर्म-अध्यात्म शिवरात्रि पर मूलशंकर को बोध ने वेदोद्धार कर अविद्या को दूर किया February 7, 2020 / February 7, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने देश-विदेश को एक नियम दिया है ‘अविद्या का नाश तथा विद्या की वृद्धि करनी चाहिये’। इस नियम को संसार के सभी वैज्ञानिक एवं सभी विद्वान मानते हैं । आर्यसमाज में सभी विद्वान अनुभव करते हैं कि देश में प्रचलित सभी मत-मतान्तर इस नियम का पालन करते हुए दिखाई […] Read more » शिवरात्रि पर मूलशंकर को बोध
धर्म-अध्यात्म हमारे जीवन के कुछ प्रमुख दिवंगत एवं जीवित आर्य मित्र February 6, 2020 / February 6, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारा जन्म एक अल्प शिक्षित पिता श्री भगवानदीन तथा अपढ़ माता श्रीमती रामकली जी से 26 जुलाई, सन् 1952 को हुआ था। हमारे पिता एक श्रम से जुडे स्किल्ड श्रमिक का कार्य करते थे और अपनी तकनीकी योग्यता के कारण जीवन के अन्तिम दिनों दिसम्बर, 1978 तक कार्य करते रहे। हमारी […] Read more » प्रमुख दिवंगत एवं जीवित आर्य मित्र
धर्म-अध्यात्म सनातन वैदिक धर्मियों के लिये राष्ट्र वन्दनीय है तथा सत्यार्थप्रकाश इसका पोषक है February 4, 2020 / February 4, 2020 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में मत–मतान्तर तो अनेक हैं परन्तु धर्म एक ही है। वेद ही एकमात्र सर्वाधिक व पूर्ण मानवतावादी धर्म है। वेद में निर्दोष प्राणियों, मनुष्य व पशु–पक्षी आदि किसी के प्रति भी, हिंसा करने का कहीं उल्लेख नहीं है। वेद की विचारधारा मांसाहार को सबसे बुरा मानती है। वेद मनुष्य को […] Read more » सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने संसार की रचना क्यों की? February 4, 2020 / February 4, 2020 | 1 Comment on ईश्वर ने संसार की रचना क्यों की? -मनमोहन कुमार आर्य हम इस संसार में उत्पन्न हुए हैं व वर्षों से रह रहे हैं। जन्म से पूर्व हम कहां थे, क्या करते थे, हम कुछ नहीं जानते हैं? इस जन्म से पूर्व की सभी बातों को हम भूल चुके हैं। ऐसा होना स्वाभाविक ही है। हम बहुत सी बातों को जो कुछ […] Read more » ईश्वर ईश्वर ने संसार की रचना ईश्वर ने संसार की रचना क्यों की
धर्म-अध्यात्म परमात्मा ने संसार सत्पुरुषों के सुख व आत्म कल्याण के लिये बनाया है February 4, 2020 / February 4, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारा यह संसार स्वतः नहीं बना और न ही यह पौरुषेय रचना है। इस संसार को मनुष्य अकेले व अनेक मिलकर भी नहीं बना सकते। हमारा यह सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, सौर मण्डल तथा ब्रह्माण्ड अपौरुषेय और ईश्वर से रचित हैं। प्रश्न किया जा सकता है कि परमात्मा ने यह संसार क्यों […] Read more » परमात्मा
धर्म-अध्यात्म ईश्वर न होता तो क्या यह संसार और प्राणी जगत होता? February 3, 2020 / February 4, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हम अपनी आंखों से भौतिक जगत वा संसार का प्रत्यक्ष करते हैं। इस संसार में सूर्य, पृथिवी, चन्द्र व अनेक ग्रह-उपग्रह हैं। हमारे सौर मण्डल के अतिरिक्त भी सृष्टि में असंख्य व अनन्त लोक-लोकान्तर एवं सौर्य मण्डल हैं। यह सब आकाश में विद्यमान हैं और अपनी धुरी सहित अपने-अपने सूर्य-सम मुख्य […] Read more » ईश्वर
लेख समाज प्रत्येक मनुष्य को देश व समाज को सुदृण करने का कार्य करना चाहिये January 31, 2020 / January 31, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य हमारा जन्म भारत में हुआ। अनेक मनुष्यों का जन्म भारत से इतर अन्य देशों में हुआ है। सभी मनुष्यों का एक सामान्य कर्तव्य होता है और अधिकांश इसका पालन भी करते हैं कि जो जिस देश में उत्पन्न होते हैं वह उस देश की उन्नति व सम्पन्नता सहित उसकी रक्षा और […] Read more » देश व समाज\
समाज अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पित व्यक्ति ही देश का नागरिक होने योग्य January 30, 2020 / January 30, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य जो मनुष्य जिस देश में जन्म लेता है उस पर उस देश की मिट्टी का ऋण होता है। उसका शरीर उस देश का अन्न खा कर, उस देश की वायु में श्वास लेकर तथा उस देश का जल पीकर वृद्धि को प्राप्त होता है। जो व्यक्ति अपने देश वा मातृभूमि के […] Read more »
राजनीति ‘मूकनायक’ की गूंज सौ वर्ष बाद भी January 29, 2020 / January 29, 2020 | Leave a Comment मनोज कुमार प्रकाशन का नाम ‘मूकनायक’ था लेकिन आवाज इतनी बुलंद की आज गुजरते सौ वर्ष में भी ‘मूकनायक’ का डंका बज रहा है। ‘मूकनायक’ डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पत्रकारिता के सौ साल का साक्षी है। आज सौ साल के उत्सव के समय हम ‘मूकनायक’ और बाबा साहेब के उन संघर्षों का स्मरण करते हैं […] Read more » ‘‘बहिष्कृत भारत मूकनायक
लेख देश हित के कार्यों से रहित कोरा आध्यात्मिक जीवन उचित नहीं January 29, 2020 / January 29, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य इस जड़-चेतन संसार में जन्म लेता व मृत्यु को प्राप्त होता है। उसे यह पता नहीं होता कि उसका जन्म क्यों हुआ व उसे क्या करना है? उसे यह भी पता नहीं होता कि जन्म से पूर्व वह था या नहीं और यदि था तो वह कहां था? मरने पर […] Read more » कोरा आध्यात्मिक जीवन उचित नहीं
शख्सियत आर्यसमाज के यशस्वी विद्वान डा. विनोदचन्द्र विद्यालंकार जी January 28, 2020 / January 28, 2020 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य डा. विनोदचन्द्र विद्यालंकार जी आर्यसमाज के यशस्वी विद्वान हैं। आप वेदों के सुप्रसिद्ध विद्वान डा. आचार्य रामनाथ वेदालंकार जी के सुपुत्र है। डा. रामनाथ वेदालंकार जी भारत के राष्ट्रपति जी से संस्कृत के विद्वान के रूप में सम्मानित थे। उन्होंने सामवेद का संस्कृत और हिन्दी में भाष्य किया है और वेदों […] Read more » डा. विनोदचन्द्र विद्यालंकार