धर्म-अध्यात्म “वेदों ने विद्या प्राप्त मनुष्यों के लिये द्विज शब्द का प्रयोग किया है” July 9, 2019 / July 9, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में दो प्रकार के लोग हैं जिन्हें हम शिक्षित एवं अशिक्षित तथा चरित्रवान एवं चारीत्रिक दृष्टि से दुर्बल कह सकते हैं। सृष्टि के आरम्भ में वेदोत्पत्ति से पूर्व न तो भाषा थी, न ज्ञान और न ही किसी प्रकार का शब्द भण्डार। यह सब वेदों की देन है। वेदों की […] Read more » learned people used the word twin vedas
लेख “मनुष्य की ही तरह पशु-पक्षियों को भी जीनें का अधिकार है” July 9, 2019 / July 9, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। परमात्मा ने संसार में जीवात्माओं के कर्मों के अनुसार अनेक प्राणी योनियों को बनाया है। हमने अपने पिछले जन्म में आधे से अधिक शुभ व पुण्य कर्म किये थे, इसलिये ईश्वर की व्यवस्था से इस जन्म में हमें मनुष्य जन्म मिला है। जिन जीवात्माओं के हमसे अधिक अच्छे कर्म थे, उन्हें […] Read more » animals and birds have the right to live Like humans
धर्म-अध्यात्म “वेदप्रचार में मुख्य बाधा वेदों के विद्यायुक्त सत्य सिद्धान्तों को स्वीकार न करना है” July 6, 2019 / July 6, 2019 | 1 Comment on “वेदप्रचार में मुख्य बाधा वेदों के विद्यायुक्त सत्य सिद्धान्तों को स्वीकार न करना है” –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में जड़ व चेतन अथवा भौतिक एवं अभौतिक दो प्रकार के पदार्थ हैं। भौतिक पदार्थों का ज्ञान विज्ञान के अध्ययन के अन्तर्गत आता़ है। अभौतिक पदार्थों में दो चेतन सत्ताओं ईश्वर एवं जीवात्मा का अध्ययन आता है। दोनों ही सूक्ष्म पदार्थ होने से हमें आंखों से दिखाई नहीं देते। जीवात्मा […] Read more » accept the truthful truths obstacle in the Ved truths of the Vedas vedprachar
धर्म-अध्यात्म “वैदिक धर्म एवं संस्कृति के अनन्य भक्त पं0 चमूपति” July 4, 2019 / July 4, 2019 | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेद संसार की सबसे पुरानी पुस्तक है। वेद ही संसार के अतीत, वर्तमान एवं भविष्य के धर्म विषयक ज्ञान के आदि स्रोत भी हैं। यह बात अनेक तर्क एवं युक्तियों से सिद्ध की जा सकती है। वेदों का इतर मत- पंथ के ग्रन्थों से तुलनात्मक अध्ययन भी इस बात की पुष्टि […] Read more »
ज्योतिष “फलित ज्योतिष वेदज्ञान के अनुकूल न होने से मान्य नहीं है” July 3, 2019 / July 3, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द सरस्वती ने आर्य हिन्दुओं के पतन के कारणों में मूर्तिपूजा एवं फलित ज्योतिष को प्रमुख कारण स्वीकार किया है। उनके अनुसार यह दोनों विचार व इन पर विश्वास अवैदिक होने से इनसे मनुष्यों को कोई लाभ नहीं होता अपितु हानि ही हानि होती है। इसका प्रमाण भारत पर मुस्लिम […] Read more » fruitful astrology VEDAS knowledge
धर्म-अध्यात्म “वेद ने ही सबसे पहले बताया कि सभी प्राणियों में एक जैसा जीवात्मा है” July 3, 2019 / July 3, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम मनुष्य हैं। हम वेदों एवं अपने पूर्वज ऋषियों आदि की सहायता से जानते हैं कि संसार में जितनी मनुष्येतर योनियां पशु, पक्षी, कीट-पतंग व जीव-जन्तु आदि हैं, उन सबमें हमारी आत्मा के समान एक जैसी जीवात्मा विद्यमान है। यह जीवात्मा शरीर से पृथक एक सत्य, सनातन एवं चेतन सत्ता है। […] Read more » have the same soul in life The Vedas
धर्म-अध्यात्म “वेद न होते तो राम, कृष्ण, दयानन्द तथा वैदिक धर्म भी न होता” July 2, 2019 / July 2, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेद शब्द का अर्थ ज्ञान है। वेद नामी ज्ञान ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद नाम की चार मन्त्र संहिताओं की संज्ञा है। यह ज्ञान कब व कहा से प्राप्त हुआ? इसका स्रोत क्या है? हम जानते हैं कि ज्ञान का स्रोत विद्वान हुआ करते हैं। विद्वान गुरुओं व ग्रन्थों का अध्ययन […] Read more » god ram relegion Ved vedicc
चिंतन “ईश्वर का सत्यज्ञान वेद एवं वैदिक साहित्य में ही उपलब्ध है” July 1, 2019 / July 1, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम जन्म लेने के बाद जब कुछ-कुछ समझना आरम्भ कर देते हैं तो इस संसार को देखकर आश्चर्यचकित होते हैं। हममें यह जिज्ञासा होती है कि यह वृहद संसार कैसे व किससे बना? इसका उत्तर हमें नहीं मिलता। माता-पिता से यदि पूछें तो एक पंक्ति का उत्तर होता है कि यह […] Read more » God literature true knowledge ved and vedic
धर्म-अध्यात्म “वैदिक जीवन ही श्रेष्ठ एवं सर्वोत्तम है” July 1, 2019 / July 1, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। एक परमात्मा ने ही समस्त संसार के मनुष्यों एवं इतर प्राणियों को बनाया है। लोगों ने समय-समय पर अपनी बुद्धि के अनुसार अज्ञान दूर करने तथा मनुष्य समाज को सुखी करने के लिये मत, पन्थ व संस्थाओं की स्थापना की। यह सर्वमान्य तथ्य है कि मनुष्य अल्पज्ञ होता है। वेदज्ञान से […] Read more » life vedic vedic life
धर्म-अध्यात्म “स्वाध्याय क्यों करना चाहिये?” June 28, 2019 / June 28, 2019 | Leave a Comment मनुष्य को मनुष्य इस लिये कहा जाता है कि यह मननशील प्राणी है। पशुओं और मनुष्यों में ईश्वर ने यह भेद किया है कि पशु मनुष्य की भांति मनन व चिन्तन आदि नहीं कर सकते। मनन व चिन्तन करने के लिये मनुष्य को एक उत्कृष्ट भाषा की आवश्यकता होती है और इसके साथ ही सद्ज्ञान […] Read more » self determination thinking
धर्म-अध्यात्म “पूजा किसकी, क्यों व कैसे करें?” June 27, 2019 / June 27, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। पूजा शब्द का प्रयोग मूर्तिपूजा अथवा देवपूजा आदि के सन्दर्भ में किया जाता है। पूजा का अर्थ यथायोग्य आदर, सत्कार व सम्मान करना है। मूर्तिपूजा का अर्थ भी मूर्ति के जड़ता गुण को ध्यान में रखते हुए उसे यथायोग्य महत्व देना तथा उसके प्रति व्यवहार करना है। मूर्तियां जड़ व चेतन […] Read more » why we do worship worship
धर्म-अध्यात्म “सभी मत-मतान्तरों का ईश्वर एक है और उसके विधान सबके लिये एक समान हैं” June 24, 2019 / June 24, 2019 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सृष्टि के आरम्भ से लेकर महाभारत युद्ध तक व उसके बाद कई शताब्दियों तक सारे विश्व में ईश्वर व उसके विधान को जानने के लिए वेद ही पूर्ण प्रामाणिक ग्रन्थ थे। इसका कारण यह है कि ईश्वर ने ही सृष्टि के आरम्भ में वेदों का ज्ञान दिया है जिसमें सभी सत्य […] Read more » God god is one