धर्म-अध्यात्म वीर सावरकर जी के नाटक प्रतिशोध में अंग्रेजों के इतिहास की कुछ प्रमुख घटनाओं का अनावरण November 9, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य भारतमाता के वीरसपूत अमर व अजेय वीर सावरकर का नाम लेकर भारतीय आर्य हिन्दू गौरव का अनुभव करते हैं। देश की आजादी के लिए उन्होंने जो कार्य व बलिदान किया है, वह स्वर्णाक्षरों में अंकित है। सावरकर जी स्वतन्त्रता के अग्रणीय योद्धा व समाज सुधारक सहित एक सफल लेखक व इतिहासकार भी […] Read more » वीर सावरकर
धर्म-अध्यात्म देश एवं आर्यसमाज के इतिहास में स्वामी श्रद्धानन्द जी का गौरवपूर्ण स्थान November 9, 2017 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य 23 दिसम्बर, 2017 को ऋषिभक्त स्वामी श्रद्धानन्द जी का 91 वां बलिदान दिवस है। इसी दिन दिल्ली में एक विधर्मी जुनूनी हत्यारे अब्दुल रसीद ने रुग्णावस्था में स्वामी जी को गोली मारकर शहीद कर दिया था। देश के इतिहास में के हिन्दू बन्धुओं को विदेशी यवन विधर्मियों ने देश पर आक्रमण कर […] Read more » स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म वेद ईश्वरीय ज्ञान है November 9, 2017 | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, वेद ईश्वरीय ज्ञान है। इसका तात्पर्य है कि वेदों का ज्ञान ईश्वर प्रदत्त है। ज्ञान दो ही चेतन सत्ताओं के द्वारा दिया जाता है और मनुष्य आदि द्वारा ग्रहण किया जाता है। वेदों के सभी मन्त्र व उनके शब्द, अर्थ और सम्बन्ध ईश्वर द्वारा सृष्टि के आरम्भ में चार आदि ऋषियों अग्नि, […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म सभी मनुष्य ईश्वर, ऋषियों, वेदमाता, माता-पिता, आचार्यों, प्रकृति, गोमाता, स्वदेश के ऋणी हैं November 8, 2017 | Leave a Comment नमोहन कुमार आर्य सभी मनुष्य संसार के रचयिता ईश्वर व अपने माता-पिता के सबसे अधिक ऋणी हैं। इसके साथ ही वह भूमि माता, गोमाता, ऋषि व आचार्यों आदि के भी ऋणी हैं। जो मनुष्य अपने ऋणों को भली प्रकार जानता है वह धन्य होता है। जो अपने ऋणों को जानने के साथ उनसे उऋण […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म यज्ञोपवीत धारण करना आवश्यक क्यों हैं? November 8, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक धर्म व संस्कृति में मनुष्य के 16 संस्कार किये जाने का विधान है। इनमें से एक संस्कार उपनयन संस्कार कहलाता है। आजकल इस संस्कार को कराने की परम्परा प्रायः देखने को नहीं मिलती। व्यवहार की दृष्टि से देखें तो मनुष्य के जन्म से पूर्व कोई संस्कार नहीं कराये जाते। जन्म के […] Read more » यज्ञोपवीत
धर्म-अध्यात्म बलिवैश्वदेव यज्ञ की अनिवार्यता व उसका स्वरूप November 7, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य यज्ञ परोपकार के कार्यों को कहते हैं। यज्ञ ऐसा कार्य व कर्म है जिससे अपना भला होता है व दूसरों को भी लाभ पहुंचता है। हमारा भला दूसरों का भला करने से ही हो सकता है, दूसरों को हानि पहुंचा कर हमारा भला कभी नहीं हो सकता। इसका कारण यह है कि […] Read more » बलिवैश्वदेव यज्ञ
धर्म-अध्यात्म अभागे देश भारत ने ऋषि दयानन्द की शिक्षाओं से लाभ नहीं उठाया October 30, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महाभारत काल में हुई भारी जान माल की हानि के कारण कुछ वर्षों बाद भारत ज्ञान विज्ञान को विस्मृत कर अज्ञान व अंधविश्वासों में फंस गया। लगभग पांच हजार वर्षों तक भारत में वैदिक धर्म और संस्कृति का दिन प्रतिदिन पतन होता गया। सारा देश अविद्या अन्धकार में फंस गया और लगभग […] Read more » ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म सत्य और अहिंसा का स्वरूप October 28, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आजकल धर्म और राजनीति में सत्य और अहिंसा की बहुत चर्चा होती है। हमें लगता है कि इनके वास्तविक स्वरूप व इनके प्रयोग के विषय में लोगों में अनेक भ्रान्तियां है। इसलिए हम आज इस विषय में कुछ विचार कर रहे हैं। सत्य और अहिंसा का वेद से लेकर सभी शास्त्रों में […] Read more » सत्य और अहिंसा का स्वरूप
शख्सियत ऋषि भक्त प्रसिद्ध वैदिक विद्वान पं. चन्द्रमणि विद्यालंकार October 27, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य देहरादून का यह सौभाग्य है कि यहां आर्यसमाज के अनेक मूर्धन्य विद्वानों ने निवास किया है। हमने यहां अथर्ववेद और सामवेदभाष्यकार पं. विश्वनाथ वेदालंकार जी को देखा है व उनसे मिले भी हैं। उनसे अनेक बार आर्यसमाज व वैदिक साहित्य पर चर्चायें भी की हैं। आर्यसमाज में उनके प्रवचनों को सुना तथा […] Read more » पं. चन्द्रमणि विद्यालंकार
धर्म-अध्यात्म जीवन की सफलता के लिए मन व इन्द्रियों पर नियंत्रण आवश्यक October 26, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य दर्शन ग्रन्थों में कहा गया है कि ‘मन एव मनुष्याणां कारणं बन्ध मोक्षयोः’ अर्थात् मनुष्य का मन ही जीवात्मा के बन्धन और मोक्ष का कारण है। बन्धन का अर्थ जन्म व मरण के चक्र फंसना व इसके कारण होने वाले दुःख होते हैं। इन बन्धनों से मुक्ति मन को वश में करने […] Read more » इन्द्रियों पर नियंत्रण
लेख साहित्य प्लेग रोगी के जीवन की रक्षा के लिए अपना जीवन दांव पर लगाने वाले महात्मा प. रूलिया राम जी October 26, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य पंडित रूलिया राम जी एक ऐसे महात्मा वा महापुरुष हुवे हैं जिन्होंने एक प्लेग के लोगी की जान बचाने के लिए अपने जीवन को संकट में डाला था। इतिहास में शायद ऐसा दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। आज इनके जीवन की कुछ प्रेरक घटनाएं प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धांजली दे रहे हैं। […] Read more » रूलिया राम जी
धर्म-अध्यात्म लोकैषणा से मुक्त व जीवात्मा की अल्पज्ञता के सिद्धान्त को प्रचारित व स्वयं स्वीकार करने वाले अपूर्व महापुरुष ऋषि दयानन्द October 26, 2017 | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में जो मनुष्य उत्पन्न होता है वह अल्पज्ञ अर्थात् अल्प, अधूरे व सीमित ज्ञान वाला होता है। ज्ञान में सर्वज्ञ व पूर्ण तो केवल ईश्वर ही होता है। अल्पज्ञता व अविद्या के कारण मनुष्यों में लोकैषणा, वित्तैषणा तथा पुत्रैषणा पायी जाती है। संसार का शायद ही कोई मनुष्य इससे मुक्त रहा […] Read more » ऋषि दयानन्द जीवात्मा