राजनीति संसदीय गरिमा के समक्ष पस्त होते लोकतंत्र का दर्द! December 9, 2016 | Leave a Comment लोकसभा ठप है। चल नहीं रही है। हंगामा हो रहा है। सरकार सदन चलाना चाहती है। लेकिन विपक्ष अड़ा हुआ है। सरकार के आगे खड़ा हुआ है। जनता के लिए भिड़ा हुआ है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तरीके से चल रहे हैं। कहावतें भले ही सौ दिन में अढाई कोस चलने की हो। लेकिन पंद्रह दिन से ज्यादा वक्त हो गया हैं। सदन कुछ घंटे भी नहीं चला है। देश कतार में खड़ा है Read more » adjournament of parliament Featured पस्त होते लोकतंत्र का दर्द लोकतंत्र लोकतंत्र का दर्द संसदीय गरिमा
राजनीति शख्सियत आखिर पहेली जैसी क्यूं थी जयललिता ! December 8, 2016 | Leave a Comment जयललिता शुरू से ही आजाद जिंदगी जीना चाहती थीं, अपनी मर्ज़ी से। कोई और नियंत्रित करे, यह उन्हें कतई पसंद नहीं था। और ऐसा ही हुआ। वक्त ने उन्हें वह सब दिया, जो वह चाहती थीं। Read more » Featured J.Jayalalitha जयललिता पहेली जैसी जयललिता
टॉप स्टोरी राजनीति अब करिश्मे की उम्मीद किससे करेगी साहेब ! November 21, 2012 / November 21, 2012 | 1 Comment on राजनीति अब करिश्मे की उम्मीद किससे करेगी साहेब ! निरंजन परिहार बाला साहेब ठाकरे। हिंदू हृदय सम्राट। हमेशा अगल अंदाज। बिल्कुल अलग बयान। जो जी में आया, वह बोल दिया। हर बयान पर बवाल और हर बवाल पर देश भर में व्यापक प्रतिक्रिया। फिर भी अपने कहे पर किसी भी तरह का कोई मलाल नहीं। कह दिया तो कह दिया। चाहे कितना भी विरोध […] Read more » bala saheb thackerey
टॉप स्टोरी दुर्भाग्य के दावानल में भी दर्द को दरकिनार करता मीडिया November 21, 2012 / November 21, 2012 | Leave a Comment निरंजन परिहार ‘मातोश्री’ से इससे पहले ट्रक पर सवार होकर बाला साहेब कभी नहीं निकले। पर 18 नवंबर को रविवार की सुबह जब निकले तो दोबारा कभी नहीं लौटने के लिए निकले थे। फूलों से लदे थे। सदा के लिए सोए थे। तिरंगे में लिपटे थे। और यह तो निर्विकार किस्म का निपट संयोग ही […] Read more » bala saheb thackerey