विविधा सामाजिक समरसता के दूत रामफल सिंहजी नहीं रहे June 10, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री व सामाजिक समरसता आन्दोलन के प्रमुख कर्ता श्री रामफल सिंह (रामजी भाई) सुपुत्र श्री स्व0 दलसिंह जी का 09 जून, 2010 को प्रात: 08 बजे अग्रसेन चिकित्सालय में निधन हो गया। वे लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। श्री रामफल सिंह जी […] Read more » Ramfal Singh रामफल सिंह
विश्ववार्ता आखिर इजरायिली हमले पर इतनी हाय तौबा क्यों? June 8, 2010 / December 23, 2011 | 1 Comment on आखिर इजरायिली हमले पर इतनी हाय तौबा क्यों? -सूबेदार सिंह आखिर इजरायिली हमले पर इतनी हाय तौबा क्यों? क्योंकि जिस देश को अपनी जमीं, भाषा व स्वतंत्रता हजारों वर्षों क़े संघर्ष क़े बाद मिली हो उसे अपनी स्वतंत्रता स्वयंप्रभुता की रक्षा से कैसे रोका जा सकता है। इजराईल आजादी क़े २४ घंटे भी बीत नहीं पाए थे कि इस्लामिक देशों ने उस पर […] Read more » Israel इजरायल फिलीस्तीन
विविधा नॉबेल पुरस्कार विजेता कविगुरु रबीन्द्रनाथ ठाकुर June 7, 2010 / December 23, 2011 | 1 Comment on नॉबेल पुरस्कार विजेता कविगुरु रबीन्द्रनाथ ठाकुर -नीरेन्द्र देव कविगुरु रबीन्द्रनाथ ठाकुर ने साहित्य के क्षेत्र में अपनी जन्मभूमि बंगाल में शुरुआती सफलता प्राप्त की। वह साहित्य की सभी विधाओं में सफल रहे किन्तु सर्वप्रथम वह एक महान कवि थे। अपनी कुछ कविताओं के अनुवादों के साथ वह पश्चिमी देशों में भी प्रसिध्द हो गए। कविताओं की अपनी पचास और अत्यधिक लोकप्रिय […] Read more » Nobel Prize रबीन्द्रनाथ ठाकुर
विविधा बोले जाने पर बोला जाना चाहिये June 7, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment -अखतर अली इन दिनों जितना बोला जा रहा है उतना शायद बोले जाने के इतिहास में और कभी नहीं बोला गया होगा। कौन बोल रहा है, क्यों बोल रहा है, क्या बोल रहा है, ये कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। बोला जाना चीखे जाने मे तब्दील हो चुका है। लोग माईक में चिल्ला […] Read more » Speaking बोलना
राजनीति शुक्र है! ये कौम मुर्दा नहीं…. June 3, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment -आशीष तिवारी देश में लोकतंत्र बेहद मजबूत हो गया है लेकिन लोगों की बातें इस तंत्र में नहीं सुनी जाती। लोग बोलते बोलते थक चुके हैं और अब तो मुर्दई ख़ामोशी ओढ़ कर चुप बैठे हैं। लोकतंत्र का उत्सव मनाया जाता है लेकिन शवों के साथ। कौम सांस लेती तो है लेकिन है मुर्दा। ऐसे में […] Read more » Bal Panchayat बाल पंचायत
प्रवक्ता न्यूज़ युवा पत्रकार प्रियंका कौशल सम्मानित June 2, 2010 / December 23, 2011 | 10 Comments on युवा पत्रकार प्रियंका कौशल सम्मानित युवा पत्रकार प्रियंका कौशल को छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए राज्य महिला आयोग द्वारा सम्मानित किया गया है. छत्तीसगढ़ के एकमात्र समाचार चैनल जी 24 घंटे छत्तीसगढ़ की इस पत्रकार को आयोग द्वारा आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल शेखर दत्त ने शाल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. […] Read more » Priyanka Kaushal प्रियंका कौशल
समाज विकसित संस्कृति पर विकृत मानसिकता हावी June 2, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment -डॉ. अतुल कुमार भारत की मूल सभ्यता आर्य-द्रविड़ या सिन्धु घाटी की है जो आधुनिक काल में हिन्दु कहलायी। जाति प्रथा इसी हजारों सालों पुरानी सभ्यता सनातन धर्म की पहचान है, जिसका मूल आधार वर्ण व्यवस्था है। मनुवादी वर्ण-व्यवस्था ने समय के काल में वशंवादी स्वरूप ले लिया। यद्यपि जन्मगत स्वरूप में सभी शूद्र हैं […] Read more » Ethnic census जाति व्यवस्था जातीय जनगणना
समाज जनगणना के अंतर्गत जातिगणना सामाजिक समरसता एवम एकात्मता के प्रयासों को दुर्बल करेगी – रा.स्व.संघ June 1, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on जनगणना के अंतर्गत जातिगणना सामाजिक समरसता एवम एकात्मता के प्रयासों को दुर्बल करेगी – रा.स्व.संघ सरकार्यवाह श्री. भैया जी जोशी की नागपुर में 23/5/2010, रविवार को दोपहर में हुई प्रेसवार्ता का शब्दांकन अभी इस समय जनगणना की तैयारी चल रही है। इसमें दो-तीन विषय हैं, जिन्हें मैं आपके सामने रखना उचित समझता हूँ। एक, इसी समय नेशनल पापुलेशन रजिस्टर बनाने की बात शुरू हुई है, यह तो बनेगा पर इसमें […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
समाज दूरगामी दुष्प्रभाव होंगे जाति आधारित जनगणना के May 31, 2010 / December 23, 2011 -दीनानाथ मिश्र जाति प्रथा की जड़ें गहरी हैं, हज़ारों साल गहरी। यह नहीं कि इतिहास में इसको समाप्त करने की कोशिश नहीं हुई लेकिन इसके महाप्रयास भी जातीय निष्ठा का कुछ नहीं बिगाड़ सके। यह नहीं कि इस प्रथा का कोई लाभ नहीं हुआ। बलात् हिंसा पूर्वक धर्म परिवर्तन के खूनी अभियानों को बहुत हद […] Read more » Ethnic census जातीय जनगणना
विविधा अंडमान : बदलाव की बयार के तीस साल May 27, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment -एस. बालाकृष्णन बंगाल की खाड़ी के पूर्व में स्थित भारत के पन्ना द्वीपों की यह दूसरी यात्रा थी। जब इंडियन एयरलाइन्स का जहाज वीर सावरकर हवाई अड्डे पर उतरा तो तीस साल पहले के पोर्ट ब्लेयर की छवि दिमाग पर छायी हुई थी। उस समय का जीवन स्मृति पटल पर अंकित था। अतीत की छवि […] Read more » Andman अंडमान
स्वास्थ्य-योग शहरीकरण और स्वास्थ्य स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां May 24, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment -ए एन खान तेजी से बढ़ता हुआ शहरीकरण और शहरों की जनसंख्या में हो रही बढ़ोतरी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रमुख चुनौतियों के रूप में देखा जाता रहा है। अनुमान है कि 1990 और 2025 के बीच विकासशील देशों में शहरी आबादी में तीन गुनी वृध्दि हो चुकी होगी और […] Read more » Urbanization शहरीकरण
राजनीति अकेला चना भी भाड़ फोड़ सकता है …. May 22, 2010 | 1 Comment on अकेला चना भी भाड़ फोड़ सकता है …. (गुजरात की स्वर्ण जयंती पर विशेष) -वीरेन्द्र सिंह परिहार बहुत पुरानी कहावत है कि ”अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता।” कहने का आशय यह कि एक नेता या शासक चाहे वह कितना भी शक्तिशाली और सक्षम क्यो न हो, अकेले कोई बुनियादी परिवर्तन नही कर सकते, जब तक कि जनता उक्त परिवर्तन के लिए मानसिक […] Read more » गुजरात नरेन्द्र मोदी भाजपा मुस्लिम