स्वास्थ्य-योग कोरोना काल और निजी अस्पतालों के बंद दरबाजे May 23, 2020 / May 23, 2020 | 1 Comment on कोरोना काल और निजी अस्पतालों के बंद दरबाजे राजेन्द्र बंधु चिकित्सा क्षेत्र में निजी अस्पतालों की तरफदारी करने वाला देश का नीति आयोग इन दिनों खामोश है। शायद उसे यह अहसास हो चुका है कि आयुष्मान भारत एवं अन्य योजनाओं नाम पर सरकार से लाखों करोड़ रूपए पाने वाले निजी अस्पताल सेवा देने से इंकार कर रहे हैं। उनके इस इंकार से आज […] Read more » closed doors of private hospitals Corona era Corona era and closed doors of private hospitals
प्रवक्ता न्यूज़ पेंशन के लिए भटकती वृद्धाएं July 24, 2016 | Leave a Comment राजेन्द्र बंधु भारत की लोक कल्याणकारी शासन व्यवस्था में सरकार लोगों के हितों में योजनाएं संचालित करने का दावा करती है। किन्तु जमीनी स्तर पर कई योजनाएं नौकरशाही के गिरफ्त से बाहर नहीं निकल पा रही है। कुछ दिनों पहले केन्द्र सरकार ने बुजुर्गो, विधवा महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि […] Read more » old women harassed for pension पेंशन पेंशन के लिए भटकती वृद्धाएं भटकती वृद्धाएं
खेल जगत मनोरंजन महिला-जगत क्रिकेट का स्त्री पक्ष April 2, 2016 / April 2, 2016 | Leave a Comment राजेन्द्र बंधु क्या क्रिकेट सिर्फ पुरूषों का खेल हैॽ यह सवाल इसलिए सामने आया कि इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा पुरूषों के टी-20 क्रिकेट मैच की ही हो रही है, जबकि महिलाओं का टी-20 वर्ल्ड कप मैच भी इन्हीं दिनों चल रहे हैं। 27 मार्च को मोहाली में भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैच से पहले […] Read more » Featured Indian women cricket team क्रिकेट
टॉप स्टोरी विधि-कानून न्याय की कठिन राह May 19, 2015 / May 19, 2015 | Leave a Comment -राजेन्द्र बंधु- -विशेष आलेख: 42 वर्षोंं तक कोमा मेंं रहने वाली दुष्कर्म पीड़िता की मृत्यु के बाद उठे सवालों पर केन्द्रित आलेख– नृशंस यौन हमले की पीड़िता अरूणा शानबाग अब जिन्दगी के आजीवन कारावास से मुक्त हो चुकी है, जबकि अपराधी सिर्फ सात साल की सजा भुगतकर इस समाज का हिस्सा बना हुआ है। नईदिल्ली […] Read more » Featured अरुणा शानबाग न्याय की कठिन राह यौन हमला
जरूर पढ़ें विधि-कानून क्या रिश्तों से अपराध की परिभाषा बदल जाती है ? May 12, 2015 | 1 Comment on क्या रिश्तों से अपराध की परिभाषा बदल जाती है ? -राजेन्द्र बंधु- दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में दिए गए एक फैसले के अनुसार पति द्वारा पत्नी का बलात्कार अपराध की श्रेणी में नहीं आता। एक युवती को नशीला पेय पिलाकर उससे विवाह करने और उसके साथ बलात्कार करने के 21 वर्षीय आरोपी युवक को अदालत द्वारा दोषमुक्त कर दिया। इस फैसले से कई […] Read more » Featured क्या रिश्तों से अपराध की परिभाषा बदल जाती है ? दिल्ली उच्च न्यायालय हाईकोर्ट
महिला-जगत बेटियों की पंचायत से उठे सवाल February 17, 2012 / July 22, 2012 | Leave a Comment राजेन्द्र बंधु हाल ही में गुजरात में हुए पंचायत चुनाव में राज्य सरकार द्वारा निर्विरोध निर्वाचन पर खास जोर दिया गया। इसी निर्विरोध निर्वाचन से निकलकर आई आणंद जिले की सिस्वा पंचायत की तस्वीर को जेण्डर समानता और सामाजिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। आज पूरे गुजरात में 254 ऐसी ग्राम पंचायतें […] Read more » women empowerment बेटियों की पंचायत
राजनीति पंचायत से बड़ी नौकरशाही – राजेन्द्र बंधु March 14, 2011 / December 14, 2011 | Leave a Comment पंचायत रात व्यशवस्थान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सत्ता1 और विकास के अधिकार पंचायत इकाईयों को सौप दिए गए हैं। किन्तुं ये अधिकार पंचायत नौकरशाही के हाथों में ही सिमट कर रह गए हैं। पंचायत स्ततर पर नौकरशाही इतनी शक्तिशाली हो गई है कि पंचायत प्रतिनिधियों के निर्देशों की अवहेलना आम बात हो गई है। […] Read more »