यह मुर्दों की बस्ती है
व्यर्थ यहाँ क्यों बिगुल बजाते, यह मुर्दों की बस्ती है कौवे आते, राग सुनाते. यह
व्यर्थ यहाँ क्यों बिगुल बजाते, यह मुर्दों की बस्ती है कौवे आते, राग सुनाते. यह
व्यर्थ यहाँ क्यों बिगुल बजाते, यह मुर्दों की बस्ती है कौवे आते, राग सुनाते. यह
पैरों की तकलीफ से वो चलती बेहाल। किसी ने पीछे से कहा क्या मतवाली चाल।।
अलग अलग हैं नाम प्रभु के, प्रभुता कैसे अलग करोगे? सन्तानों के बीच में माँ
LIFE MISERABLE हुई, INCREASING है RATE। GODOWN में GRAIN है, PEOPLE EMPTY पेट।। JOURNEY
मौत आती है आने दे डर है किसे, मेरे जीने की रफ्तार कम तो नहीं
निर्णय जो भी कोर्ट का मिल सब करें प्रणाम। खुदा तभी मिल पायेंगे और मिलेंगे
चली सियासत की हवा, नेताओं में जोश। झूठे वादे में फँसे, लोग बहुत मदहोश।।
सोने की चिड़िया कभी, अपना भारत देश। अब के जो हालात हैं, सुमन हृदय में
जीवन में नित सीखते, नव-जीवन की बात। प्रेम कलह के द्वंद में, समय कटे दिन
शेर पूछता आजकल, दिया कौन यह घाव। लगता है वन में सुमन, होगा पुनः चुनाव।।
सोना हो चाहत अगर, सोना हुआ मुहाल। दोनो सोना कब मिले, पूछे सुमन सवाल।। खर्च