समाज हमनें रंगों को भी बेरंग कर दिया July 17, 2017 | Leave a Comment “हम काले हैं तो क्या हुआ, दिलवाले हैं ” मोहम्मद रफ़ी का ये गाना सुनने मे तो हमें बहुत अच्छा लगता हैं लेकिन जब यही गाना हमारे समाज की सच्चाई से हमें रुबरु कराता हैं तो हम इसे सुनकर भी अनसुना कर देते हैं । समाज की तमाम कुरीतियों और भेद-भाव पर तो चर्चा हो जाती हैं […] Read more »
विविधा क्रिकेट प्रेम और वे भी निष्पक्ष नही ! June 26, 2017 | Leave a Comment अभी पिछले दिनों भारतीय महिला क्रिकेट की कप्तान की उस बयान की खूब चर्चा हुई जिसमें उन्होंने पत्रकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप ऐसे सवाल (आपका पंसदीदा महिला क्रिकेटर कौन हैं ? ) पुरुष क्रिकेट टीम के किसी खिलाड़ी से क्यों नही पूछते ? मिताली राज की यह फटकार सोशल मीडिया पर […] Read more » महिला क्रिकेट टीम
व्यंग्य साहित्य सही गलत की नौकरी ! March 26, 2017 | Leave a Comment राजनीति और चुनाव मे नेताओं की क्रियाकलाप की आलोचना करना गलत नही है या यूँ कहे कि बिल्कुल भी गलत नही है और तो और ये तो आपका अधिकार भी है लेकिन ये गलत तब गलत हो जाता है जब अधिकार – अधिकार चिल्लाकर अधिकार के शोर मे कृत्वयों को धूमिल करने का प्रयास किया जाता है । घर के बाहर सही जगह पर कचरा न फेंकने वाले गन्दगी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते है , ट्रैफिक पर सिंग्लन तोड़ कर जाने वाले दुर्घटना का शिकार होने पर सड़को की आड़ लेकर सरकार को कोसते है । Read more » Featured सही गलत
राजनीति देश की राजनीति के लिए आप भी तो जिम्मेदार है ! January 23, 2017 / January 26, 2017 | 2 Comments on देश की राजनीति के लिए आप भी तो जिम्मेदार है ! हालात की चाल : – हमारे देश मे हर दूसरे दिन कोई न कोई त्यौहार देश के किसी न किसी कोने मे मनाया ही जाता है लेकिन एक त्यौहार ऐसा भी है जो हर पाँच साल बाद मनाया जाता है और उसकी तैयारी कुछ साल पहले से ही धीमी रफ्तार मे शुरु कर दि जाती […] Read more » responsible for the status of politics in our country status of politics in our country राजनीति
समाज तुम न बदले थे और न बदलोगे । January 6, 2017 | Leave a Comment हालात की चाल : – पात्र बदला , स्थान बदला और समय भी बदल गया लेकिन कहानी वही की वही रही । बदला तो सिर्फ पात्र, स्थान, और समय । हर बार की तरह इस बार भी कहानी का शीर्षक वही था , सारांश भी लगभग वही था और अगर यह कहा जाएं कि निर्ष्कष […] Read more » Bangalore molestation case incresing molestation cases in India निर्भया महिलाओं का सम्मान
समाज छोटी सोच के बड़े मसीहा । December 23, 2016 | Leave a Comment “कोस कोस पर पानी बदले , चार कोस पर वाणी” । इस पंक्ति का प्रयोग हम अक्सर भारत की विभन्नताओं को दर्शाने के लिए करते हैं और पूरी दुनिया को ये दिखाने का प्रयास करते हैं कि कैसे हम जाति , धर्म , स्थान विशेष से अलग होने के बावजूद एक ही है । पर कहते है […] Read more » racial attack in india छोटी सोच के बड़े मसीहा
व्यंग्य साहित्य आखिर क्यों युवराज की करीबी दूरी में बदल रही है ? November 15, 2016 | 1 Comment on आखिर क्यों युवराज की करीबी दूरी में बदल रही है ? कहते है कि युवराज को कोई चीज बिना मांगे ही मिल जाती है और जब तक युवराज उस चीज की मांग करता है तब तक वे चीज उसके सामने हाजिर हो जाती है पर यहाँ तो स्थिति उल्टी ही है युवराज बेचारा हर बार कहता है कि वे अब बड़ा हो गया है और जिम्मेदारी उठा सकता है पर महारानी का पद लोभ और युवराज का अपरिपवक्क व्यवहार महारानी को उनके पद से दूर नही जाने दे रहा है और युवराज को पद के करीब नही आने दे रहा है । Read more » Featured
खेल जगत मनोरंजन व्यंग्य यहाँ तो घर की मुर्गी दाल बराबर ही है ! October 27, 2016 | Leave a Comment स्थिति ऐसी लगती है जैसा कबड्डी के साथ घर की मुर्गी दाल बराबर जैसा व्यवहार हो रहा है । वर्ल्ड कप , वर्ल्ड कप होता है चाहे वे किसी भी खेल का क्यों न हो पर अपने यहाँ तो वर्ल्ड कप मतलब क्रिकेट वर्ल्ड कप और कुछ नही । ये बात समझी जा सकती है कि व्यक्ति की खेल भावना मे एकाएक बड़ा बदलाव सम्भव नही है और न ही कोई क्रिकेट प्रेमी एकाएक कबड्डी प्रेमी बनकर उसकी बारिकियों का विश्लेषण कर सकता है और एकाएक इतने बड़े बदलाव की उम्मीद न तो समाज हमसे करता और न ही उस खेल के खिलाड़ी , वे तो बम इस इतनी Read more »
समाज सरकारी स्वास्थ्य विभाग को कौन सी दवा ठीक करेंगी ? September 5, 2016 | Leave a Comment आमतौर पर कहा जाता है कि व्यक्ति जीवन मे तीन चीजों से हमेशा बचना चाहता है – पहला पुलिस , दूसरा कोर्ट और तीसरा अस्पताल पर अब ऐसी परिस्थिति होती जा रही है कि ये तीनों ही व्यक्तियों से बचना चाहते है । कोर्ट एंव पुलिस मामलों की सुनवाई के लिए आती भीड़ से परेशान […] Read more » Featured सरकारी स्वास्थ्य विभाग
समाज आखिर कौन हैं दलितों का नेता ?? July 25, 2016 | Leave a Comment देश मे अगर किसी भी हिस्से से दलितो के उत्पीङन की खबर आती हैं तो हमारी राजनीति इसे दलितो की समस्या के नजरिए से देखने के बजाए अपनी सियासी नफा – नुकसान के नजरिए से देखने लगती हैं । आने वाले 15 अगस्त को देश का आजाद हुए पूरे 69 वर्ष हो जाएंगे लेकिन आज […] Read more » Featured who is the leader of downtrodden कौन हैं दलितों का नेता दलितों का नेता
समाज अधिकारों की मारामारी में , कर्तव्यों की अनदेखी । June 27, 2016 | Leave a Comment यूपी सरकार ने जब यह आदेश निकाला की अब दोपहिया वाहन पर पीछे बैठने वालों को भी हेलमेट लगाना पङेगा तब उन लोगों ने इस फैसले की तारीफ तो ऐसी की जैसे वे इस तरह सरकारी फैसले कितनी शिद्दत से मानते हो । इस फैसले की तारीफ करने में उन लोगों नें भी देर नहीं की […] Read more » अधिकारों की मारामारी कर्तव्यों की अनदेखी ।
मनोरंजन सिनेमा उङता पंजाब ने उङाई सबकी नींद । June 13, 2016 | Leave a Comment ‘अभिव्यक्ति की आजादी ‘ इस विषय पर बोलने के लिए नेताओं को कभी कोई आपत्ति नहीं होती हैं और इस विषय पर बोलने के लिए वें सबसे पहली पंक्ति में खडे भी रहते हैं या यूँ कहें हैं कि अगर अभिव्यक्ति की आजादी का कोई सबसे ज्यादा फायदा उठा रहा हैं तो वें खुद नेता […] Read more » Featured उङता पंजाब