आर्थिकी जनता अधीर, वाहन सुख में हैं वजीर ! May 31, 2012 / May 31, 2012 | 1 Comment on जनता अधीर, वाहन सुख में हैं वजीर ! वीरभान सिंह तेल का खेल और सरकारी आंकडे़बाजी वीरभान सिंह तेल के खेल में सरकारी आंकडों की बाजागरी में फंसी जनता मंहगाई की मार से बेमौत मर रही है। इधर बढती मंहगाई के दंश से जनमानस कराह रहा है और उधर सरकार के वजीर वाहन और सत्ता सुख भोग रहे हैं। आम आदमी के न […] Read more » जनता अधीर तेल का खेल वाहन सुख में हैं वजीर सरकारी आंकडे़बाजी
समाज राम-रहीम के पचडे में कहां खो गया इंसां February 17, 2012 / February 18, 2012 | 1 Comment on राम-रहीम के पचडे में कहां खो गया इंसां वीरभान सिंह RAMJAAN में राम और दीपावली में बसते हैं अली हिन्दू-मुसलमान को छोडो, हम बनकर करो भारत निर्माण RAMJAAN और दीपावली, पूरा भारत देश मनाता है, लेकिन क्या किसी ने भी इन शब्दों में छिपे गूढ रहस्य को समझने का प्रयास किया है। धर्मों के ठेकेदारों ने तो सदैव जातिवाद और संप्रदायवाद की विष […] Read more » hindu muslim राम-रहीम
जन-जागरण देश में घोटाले या फिर घोटालों में देश February 14, 2012 / July 22, 2012 | Leave a Comment वीरभान सिंह घोटालेबाजों ने लूट ली सोने की चिडिया नेताओं और अधिकारियों की दलाली के कारनामे देश बेचा, क्या मां-बहनों को छोड देंगे ? सोचो ! बस कुछ ही दिनों में संपन्न हो जायेगा एक और विधानसभा चुनाव। सत्ता सुख भोगने के लिए सियासत की कुर्सी पर काबिज होगा एक नया घोटालेबाज। जो अपनी करामाती […] Read more » famous ghotalas of our country list of ghotalas till date घोटालों में देश देश में घोटाले
प्रवक्ता न्यूज़ हिजडों का दर्द February 11, 2012 / February 11, 2012 | Leave a Comment वीरभान सिंह विधाता के साथ चुनाव आयोग भी रूठ सा गया उनसे शून्य दर्शा दी संख्या, अब कैसे करेंगे मतदान मैनपुरी, उत्तर प्रदेश। विधानसभा चुनाव-2012, चुनाव आयोग किसी भी प्रकार की रिस्क लेना नहीं चाहता। शायद यही वजह रही कि उसने साल भर पहले से मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत समूचे देश में अभियान चलाकर […] Read more » चुनाव हिजडों का दर्द
राजनीति नारों के बूते सरकती रही है सियासत की सत्ता February 3, 2012 / February 3, 2012 | 3 Comments on नारों के बूते सरकती रही है सियासत की सत्ता वीरभान सिंह नारों से होता था पार्टियों का प्रचार बदलते दौर में हवा हो गए चुनावी नारे भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां के लोकतंत्र में लोक अर्थात लोगों की अहमियत हो ना हो, मगर उनके वोट की अहमियत बहुत ज्यादा है। वोट हासिल करने के लिए देश के नेता साम, दाम, दण्ड, भेद के […] Read more » slogans for politicLPARTIES नारों सियासत की सत्ता
समाज सर्दी, सिहरन और एक दुखद सच्चाई ? January 31, 2012 / January 31, 2012 | 1 Comment on सर्दी, सिहरन और एक दुखद सच्चाई ? वीरभान सिंह यह हाड कंपाने वाली ठंड। बस, रजाई में दुबके पडे रहें और हाथ बाहर न निकालना पडे। अपना हाथ पानी में भले ही कटकर गिरता हुआ सा लगे, पर मां अपने हाथ से गरमा-गरम पकौडियां, मटर और आलू भरे पराठे देती रहे। चाय-काॅफी की गर्माहट मिलती रहे। ज्यादा शौक चढे तो चोक-चोराहों पर […] Read more » shivering people in cold unbeatable cold सर्दी सिहरन
महिला-जगत समाज यूपी के कामांधों की कलंक कथा और चुनावी घोषणा पत्र January 31, 2012 / January 31, 2012 | 4 Comments on यूपी के कामांधों की कलंक कथा और चुनावी घोषणा पत्र बलात्कार पीडिताओं को नौकरी नहीं इंसाफ चाहिए कोशिश ये करो प्रदेश में बलात्कार ही ना हो वीरभान सिंह उत्तर प्रदेश में सत्ता की लडाई जीतने के लिए समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इस बार महिला कार्ड खेला है। हाल ही में सिद्धार्थ नगर की चुनावी सभा में योजनाओं की घोषणाओं का वायदी […] Read more » government jobs to raped women चुनावी घोषणा पत्र बलात्कार पीडिता लडकी को सरकारी नौकरी यूपी के कामांधों की कलंक