बहन के लिए भाई कल्पतरु शुभकामना

—विनय कुमार विनायक
सुनो मेरी प्यारी बहना
कोई गम हो तो, अकेले नहीं सहना!
भाई से चुपके से कहना
रक्षाबंधन की सौगात में इसे गिनना!
कुछ कम हो आंखें नम हो
तो कभी हरगिज चुपचाप नहीं रहना!
बहन हो भाई को कभी भी
अलग-अलग जाति-वर्ग का ना समझना!
एक बगिया की एक डाली पे
दो फूल उगते जैसे वैसे भाई और बहना!
जो भी मन में हो कहना
उसे दिल में कभी भी छुपाए नहीं रखना!
हे बहना चुप ना रहना कहना
चाहे जो हो कहने से कभी ना झिझकना!
हे बहना कभी नहीं रोना
तुम्हारी छवि में मुझे माता को निहारना!
हे बहना आना जाना
भाई घर में माता की ममता ले के आना!
हे बहना उदास नहीं रहना
बहन के लिए भाई कल्पतरु शुभकामना!
—विनय कुमार विनायक

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