सीजर अधिक क्यों ?

डा. कौशल किशोर श्रीवास्तव

 

एक आम आदमी की धारण है कि सामान्य प्रसव से सीजर बहुत अधिक होते है। उनके अनुसार महिला चिकित्सक रूपयों (पैसे तो बंद ही हो गये) के लालच में ऐसा करते है। दूसरा तर्क वे ये देते है कि रात खरबा न हो इसलिये महिला चिकित्सक ऐसा कर देती हैं क्योंकि सामान्य प्रसव के लिये हो सकता है उन्हें रात भर जागना पड़े।

सीजर आप्रेशन का मतलब है कि पेट का आप्रेशन करके प्रसव उदर से करवाना। कहते है कि लार्ड जुलियस सीजर को उदर का आप्रेशन करवाया गया था। सीजर आप्रेशन का मतलब सीजर्स (कैंची) से बिल्कुल नहीं है। आजकल एल एस सी एस (लोवर सेगमेन्ट सीजेरियन सेक्शन)

किये जाते है। जो क्लासिस सीजेरियन से अधिक सुरक्षित होते है।

सीजीरियन सेक्शन के आप्रेशन बढ़ने का कोई एक कारण नहीं हैं। आजकल शादियाँ बहुत विलंब से होती हैं अतः सामान्य प्रसव के लिये उनकी कूल्हे की हड्डियां किंचत कठोर हो जाती है ऐसे अवसरो पर सीजेरियन आप्रेशन सुरक्षित रहता है।

आजकल निदान के लिये नये नये अविष्कार हो रहे है जिनके द्वारा गर्भास्थ शिशु की असमान्यातायें पहले ही मालूम पड़ जाती हैं ऐसे मौके पर माँ की जान बचाने के लिये सीजेरियन आप्रेशन सुरक्षित रहता है। ये असमान्यतायें हाइड्रोसिफेलस था। (गर्भ में तीन या चार या अधिक बच्चे) इत्यादि है।

जीवन स्तर के ऊपर उठने से हर माँ बाप उनके बच्चे की परवरिश अच्छी तरह से करना चाहते हैं अतः वे एक या अधिक से अधिक दो बच्चे ही चाहते है। इसलिये भी सीजेरियन सेक्शन बढ़ रहे है। महिलायें रोजगारोन्मुखी हो गई है। वे एक या दो बच्चे ही चाहती है जिससे उनकी नौकरी में व्यवधान उपस्थित न हो और परिवार में आय के साधन कम न हो।

बच्चों की जीवित रहने की सम्भावनायें टीकाकरण आदि से बढ़ गई है। अतः माँ बाप एक या दो बच्चे ही चाहते है। सामान्य प्रसव का दर्द महिलायें सहन नहीं करना चाहती हैं अतः वे स्व्यं सीजर आप्रेशन पर जोर देती है जो सामान्य प्रसव के बराबर ही सुरक्षित हो गया है।

कुछ माँ बाप एक विशेष समय पर ही उनके बच्चे का जन्म चाहते है। ऐसा वह पंडितो से पूछ कर या विशेष दिन जैसे 12-12-12 पर या किसी विशेष दिन जैसे क्रिसमस के दिन या अन्य किसी ऐसे समय पर दिन पर चाहती है जो केवल सीजर के लिये ही सम्भव है।

परिवार नियोजन के साधनों से अब बच्चों की संख्या भाग्य नहीं, माँ बाप तय करते है। सीजर के साथ ही महिलाऐं परिवार कल्याण का आप्रेशन भी करवा लेती है। सिफेलो पेल्विक डिसप्रपोरशन यादि गर्भस्थ बच्चे के सिर और माँ के प्रसव मार्ग में असमान्यता होने पर सीजर आप्रेशन आवश्यक हो जाते है। जैसे माँ के केल्शियम और विटामिन डी की कमी से प्रसव मार्ग अत्यन्त सकरा हो जाता है जिससे सामान्य प्रसव असम्भव हो जाता है। इसी तरह यदि गर्भस्थ शिशु के दिमाग का आकर उसमें पानी भरने के कारण सामान्य से बड़ा हो जाता है तब भी सामान्य प्रसव असभ्भव हो जाता है। गर्भस्थ बच्चा यदि आड़ा है या उसकी गर्भ में ही मृत्यु हो गई है तो माँ की जान बचाने के लिये सीजर आवश्यक हो जाता है। इसी तरह प्रेसेन्टा की असमान्य स्थिति में भी सीजर करना आवश्यक हो जाता है। एक्सरे एवं अल्ट्रा सोनोग्राफी से इन असमान्यताओं का पता पहले ही लग जाता है। माँ की गर्भ के समय की आवाज की बीमारियाँ जैसे उच्च रक्त चाप टाक्सीमिया इत्यादि जिनकी सम्भावनायें विलम्ब आयु में बढ़ जाती है सीजर किये जाते हैं

यदि विलम्बित प्रसव है तो सीजर कर ही देना चाहिए। खून की आर.एच. समूह यदि माँ और प्रथम बच्चे का अलग अलग होता है तो आप्रेशन करते हैं हाइड्राक्स फीटेलिस भी एक कारण सीजर का हो सकता है। गर्भस्थ शिशु के इस रोग में पूरा बच्चा ही आकार में बहुत बढ़ा होता है। ऐसे अनेक कारण होते है जिनके कारण आजकल सीजेरियन प्रसव की संख्या में असमान्य वृद्धि होती जा रही है। मैं ऊपरी कारणों को गिना कर लेडी डाक्टरों का बचाव नहीं कर रहा हँू। पर आजकल सीजेरियन आप्रेशन की असमान्य वृद्धि में माताओं की जिम्मेदारी सर्जन से अधिक है

1 COMMENT

  1. आपने सीजर ऑपरेशन के जो भी कारण गिनाए उनको भले ही झुठलाया नहीं जा सकता लेकिन एक सच और भी है जिसकी चर्चा आपने शायद खुद डॉक्टर होने की वजह से नहीं की वो ये है कि आज पूरे समाज का नैतिक पतन हो चुका है जिस से हर कोई किसी भी तरह से धन कमाने में लगा है। इस लालच से डॉक्टर भी नहीं बच सके हैं और यही बड़ा कारण है कि गैर जरूरी सीजर भी बड़े पैमाने पर हो रहे हैं।

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