बच्चों का पन्ना आओ बनाए बच्चों को क्रेटिव October 25, 2012 / November 3, 2012 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment बच्चे मन के सच्चे – बच्चे मन के सच्चे , सारे जग की आंख के तारे ये वो नन्हें फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे जी हां बच्चे तो हमेशा ही मन के सच्चे रहें हैं उन्हे कोई बल या छल नहीं आता… आप उन्हें जिस रंग में रंग देते हैं …वो उसी रंग […] Read more » आओ बनाए बच्चों को क्रेटिव बच्चों को क्रेटिव
बच्चों का पन्ना नहीं बूंद भर पानी October 20, 2012 / October 20, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment दादा कहते हाती डुब्बन, जल होता था नदियों में| कहीं कहीं तो मगरमच्छ का ,डर होता था नदियों में| डुबकी जब गहरे में लेते ,थाह नहीं मिल पाती थी| बड़े बड़े मेंढक कछुओं का, डर होता था नदियों में| बीच में गहरी चट्टानों के, फँस जाने का डर होता| खून से लथपथ तैराकों का, डर […] Read more » नहीं बूंद भर पानी
बच्चों का पन्ना कंधे पर नदी October 19, 2012 / October 19, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 2 Comments on कंधे पर नदी यदि हमारे बस में होता, नदी उठाकर घर ले आते| अपने घर के ठीक सामने, उसको हम हर रोज बहाते| कूद कूद कर उछल उछलकर, हम मित्रों के साथ नहाते| कभी तैरते कभी डूबते, इतराते गाते मस्ताते| “नदी आई है”आओ नहाने, आमंत्रित सबको करवाते| सभी उपस्थित भद्र जनों का, नदिया से परिचय करवाते| […] Read more » कंधे पर नदी
बच्चों का पन्ना बच्चे सरकार चलायेंगे October 19, 2012 / October 19, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment बच्चे सरकार चलायेंगे दिल्ली जाकर अब हम तो, अपनी सरकार बनायेंगे| भरत देश के बालक हैं हम, भारत देश चलायेंगे| जब अपनी सरकार बनेगी, ऐसा अलख जगायेंगे| भय और भूख मिटेगी पल मॆं, भ्रष्टाचार हटायेंगे| अब आतंकी सीमाओं से, भीतर न घुस पायेंगे| यदि घुसे चोरी चोरी तो, सारे मारे जायेंगे| स्वच्छ […] Read more »
बच्चों का पन्ना ये त्योहारों का मौसम है October 17, 2012 / October 17, 2012 by बीनू भटनागर | Leave a Comment ये त्योहारों का मौसम है गणपति वंदन और विसर्जन नव-रात्रि मे देवी पूजन, संसकृति संगीत धर्म का संगम, कंहीं बांगला साज़ बजेगा, रामलीला का मंचन होगा, कंहीं डाँडिया रास रचेगा। विजय दशमी की धूम मचेगी, बुराई की अंगार जलेगी, रावण के परिवार के पुतले, धूं धूं धूं धूं करके जलेंगे। सुहागने करवा चौथ करेंगी, मायें […] Read more » ये त्योहारों का मौसम है
बच्चों का पन्ना लौटे घर को गंगाराम October 11, 2012 / October 10, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment लौटे घर को गंगाराम एक साथ करके कई काम, लौटे घरको गंगाराम| बैंक गये रुपया निकलाया, राशन कार्ड जमा करवाया| बीमा के आफिस में जाकर, किश्तों का पैसा भरवाया| करके कई ,कई काम तमाम, लौटे घर को गंगाराम| जब भी घर से वे जाते हैं, कई काम करके आते हैं| राशन हल्दी धनिया […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना कभी न खाना तंबाकू October 10, 2012 / October 10, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment किसी किराने की दुकान से तंबाकू के पाउच ले आते, गली गली में बच्चे दिखते खुल्ल्म खुल्ला गुटखा खाते। बाली उमर और ये गुट्खा कैसे कैसे रोग बुलाते, तड़प तड़प कर निश्छल नन्हें हाय मौत को गले लगाते। ढेरों जहर, भरे गुटखों में टी बी का आगाज कराते, और अस्थमा के कंधे चढ़ […] Read more » child eating tobacco
बच्चों का पन्ना बर्फी की शादी October 10, 2012 / October 10, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment जिस दिन होना थी लड्डू की बर्फीजी से शादी, बर्फी बहुत कुरूप किसी ने झूठी बात उड़ा दी| गुस्से के मारे लड्डूजी जोरों से चिल्लाये| बिना किसी से पूँछतांछ वापस बारात ले आये| लड्डू के दादा रसगुल्ला बर्फी के घर आये| बर्फीजी को देख सामने मन ही मन मुस्काये| बर्फी तो इतनी सुंदर थी जैसे […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना कल आना है फिर संडे October 10, 2012 / October 10, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment छ:दिन बीते किसी तरह से ,कल आना है फिर संडे| खेल खेल के नये तरीके,और सीखेंगे नये फंडे| सुबह देर तक सोऊंगा मैं,कोई मुझे जगाना मत| उठ जाने के बाद कोई भी ,घर का काम कराना मत| और नाश्ते में खाऊंगा,गरम गरम आलू बंडे| मित्रों के संग चेयर रेस हम ,मज़े मज़े से […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना दलदल की गवाही October 9, 2012 / October 9, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment आज दादाजी फिर कहानी सुनाने बैठ गये| गरमी का समय था,बढ़िया कूलर की हवा का आनंद लेते हुये सब बच्चे उन्हें घेर कर बैठे थे|कहानी फिर धरमपुरा रियासत और वहां के दीवान लाला पीतांबर से शुरु हुई| टुन्नेलाल ने पूँछा ” नाम के बाद यह लाल लगाने का रिवाज़ कितना पुराना है दादाजी?क्यों लगाते हैं […] Read more »
बच्चों का पन्ना कुशल वैद्य होते हैं बच्चे October 9, 2012 / October 9, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment चित्त उदास और मन चंचल, हो तो यह कर डालें| चलकर किन्हीं सड़क गलियों में, बच्चा गोद गोद उठा लें| बच्चे को गुदगुदी लगाकर, उसको खूब हँसा लें| वह लग जाये ठिल ठिल करने, तो खुद भी मुस्करा लें| खुशियों के उन, मुक्त पलों को, आंखों में बैठा लें| कुशल वैद्य होते हैं […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना चुहिया रानी October 9, 2012 / October 9, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment बिल से निकली चुहिया रानी, लगी चाल चलने मस्तानी| बोली मैं हूँ घर की मुखिया, दुनिया है मेरी दीवानी| मेरी मर्जी से ही मिलता, सबको घर का राशन पानी| मुझसे आकर कोई न उलझे, पहलवान है मेरी नानी| तभी अचानक खिड़की में से, आ धमकी बिल्ली महारानी| डर के मारे बिल में घुस गई< वीर […] Read more » poem for kids