चिंतन धर्म-अध्यात्म आज का मनुष्य मनुष्योचित गुणों से हीन उसकी आकृति मात्र है July 15, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार के अनेक प्राणियों में मनुष्य नाम व आकृति वाला भी एक प्राणी है। संसार के प्राणी दो व चार पैर वाले हैं जिनमें मनुष्य ही सम्भवतः दो हाथ व दो पैरों वाला प्रमुख व विशेष प्राणी है। मनुष्य की विशेषता इसकी विशेष आकृति व आकृति के अतिरिक्त इसमें विशेष बुद्धि तत्व […] Read more » मनुष्य
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म जानिए सावन महीना क्यों हैं विशेष महिलाओं के लिए..?? July 13, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment क्या रखें सावधानी और क्या करें तैयारी..?? जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सावन का महीना शुरू हो गया है और इस महीने में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में भगवान शंकर की पूजा करने और उनके लिए व्रत रखने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण […] Read more » सावन महीना
धर्म-अध्यात्म यज्ञ क्या और इसके करने से लाभ? July 13, 2017 / July 26, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ३म् मनमोहन कुमार आर्य यज्ञ क्या है और इसे क्यों करना चाहिये? यज्ञ वैसे तो परोपकार के सभी कार्यों व शुभ कर्मों को कहते हैं परन्तु इसका मुख्य अर्थ देव पूजा, संगतिकरण और दान के लिए भी प्रयोग में आता है। देवपूजा का अर्थ है जड़ व चेतन दोनों प्रकार के देवों की पूजा करना। […] Read more » benefits of yagn यज्ञ
धर्म-अध्यात्म ईश्वर को जानना, उसके स्वरूप व गुणों का चिन्तन मनन तथा ध्यान तथा सदाचरण ही उपासना है July 8, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ईश्वर के सत्य ज्ञान की प्राप्ति के लिए सबसे सरल उपाय सत्यार्थप्रकाश का अध्ययन है। सत्यार्थप्रकाश ऋषि दयानन्द की विश्व प्रसिद्ध कृति है। इसमें ईश्वर के सत्यस्वरूप सहित ईश्वर से संबंधित सभी प्रकार की शंकाओं व प्रश्नों का उत्तर दिया गया है। ऋषि दयानन्द के अन्य ग्रन्थों पंचमहायज्ञविधि, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, आर्याभिविनय एवं संस्कारविधि आदि का अध्ययन व अभ्यास कर भी ईश्वर, जीवात्मा व सृष्टि का यथार्थ ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। ईश्वर के स्वरूप पर दृष्टि डालें तो आर्यसमाज के दूसरे नियम से इसका ज्ञान हो जाता है। Read more » ईश्वर
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म गुरु पूर्णिमा गुरु-पूजन का अनूठा पर्व July 8, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- पर्वों, त्यौहारों और संस्कारों की भारतभूमि में गुरु का स्थान सर्वोपरि माना गया है। पश्चिमी देशों में गुरु का कोई महत्व नहीं है, वहां विज्ञान और विज्ञापन का महत्व है परन्तु भारत में सदियों से गुरु का महत्व रहा है। गुरु-पूर्णिमा गुरु-पूजन का पर्व है। सन्मार्ग एवं सत-मार्ग पर ले जाने वाले महापुरुषों […] Read more » Featured गुरु पूर्णिमा गुरु-पूजन
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म योगेश्वर कृष्ण का युद्ध भूमि में अर्जुन को दिया गया आत्मज्ञान July 7, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment कृष्ण जी अर्जुन को कहते हैं कि तुझे अपने धर्म का विचार करके भी डरना नहीं चाहिये क्योंकि धर्मयुक्त युद्ध के अतिरिक्त क्षत्रिय का अन्य किसी प्रकार से कल्याण नहीं है। कृष्ण जी अर्जुन को यह भी समझाते हैं कि तू यह समझ कि तुझे अकस्मात् स्वर्ग का खुला हुआ द्वार मिल गया है। ऐसे युद्ध को तो सौभाग्यशाली क्षत्रिय पाते हैं। यदि तू इस धर्मयुक्त संग्राम को नहीं करेगा तो फिर अपने धर्म और यश को छोड़कर पाप को पायेगा। लोग तेरे अपयश की चर्चा सदा-सदा किया करेंगे। हे अर्जुन ! कीर्तिमान् की अपकीर्ति मौत से भी बढ़कर होती है। Read more » योगेश्वर कृष्ण
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म श्रावणी पर्व अविद्या के नाश तथा विद्या की वृद्धि करने का विश्व का एकमात्र मुख्य पर्व July 7, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वेद और यज्ञ का परस्पर गहरा सम्बन्ध है। सभी यज्ञ वेद मन्त्रों के पाठ व वेद मंत्रों में निहित विधियों के द्वारा ही होते हैं। अतः श्रावण मास में यज्ञों को नियम पूर्वक करना चाहिये। यज्ञ से हानिकारक किटाणुओं का नाश होता है। वायु की दुर्गन्ध का नाश होकर वायु सुगन्धित हो जाती है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। अनेक प्रकार के रोग नियमित यज्ञ करने से दूर हो जाते हैं और यज्ञ करने से अधिकांश साध्य व असाध्य रोगों से बचाव भी होता है। यज्ञ के प्रभाव से निवास स्थान व घर के भीतर की वायु यज्ञाग्नि की गर्मी से हल्की होकर बाहर चली जाती है और बाहर की शीतल व शुद्ध वायु घर के भीतर प्रवेश करती है जो स्वास्थ्यप्रद होती है। Read more » श्रावणी पर्व
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश आदि समस्त ग्रन्थ मनुष्यों को सद्ज्ञान देकर उन्हें ईश्वर का सच्चा भक्त बनाकर मोक्षगामी बनाते हैं July 3, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ऋषि दयानन्द रचित सत्यार्थप्रकाश आदि समस्त ग्रन्थ मनुष्यों को सद्ज्ञान देकर उन्हें ईश्वर का सच्चा भक्त बनाकर मोक्षगामी बनाते हैं मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द (1825-1883) सच्चे ऋषि, योगी, वेदों के पारदर्शी विद्वान, ईश्वर भक्त, वेद भक्त, देश भक्त, सच्चे व सुपात्र समाज सुधारक, वेदोद्धारक, वैदिक धर्म व संस्कृति के अपूर्व प्रचारक आदि अनेकानेक गुणों […] Read more » सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज अन्य सभी से भिन्न विद्या प्रधान सर्वोत्तम धार्मिक व सामाजिक संस्था है July 1, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज विद्या प्रधान एक धार्मिक एवं सामाजिक संगठन है। यह ऐसी संस्था है जो कि किसी भी विषय की उपेक्षा नहीं करती और सत्य ज्ञान को ही महत्व देती है। इसकी यह भी विशेषता है कि यह सत्य व असत्य के निर्णयार्थ ज्ञान व विज्ञान सहित चिन्तन, मनन व विचार एवं ध्यान […] Read more » आर्यसमाज विद्या प्रधान सर्वोत्तम धार्मिक व सामाजिक संस्था
धर्म-अध्यात्म श्रावण महीना 2017 की शुरुआत सोमवार से होगी…. June 30, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment इस वर्ष 10 जुलाई 2017 से श्रावण मास शुरू हो रहा है. इस मौके पर मध्य प्रदेश के उज्जैन में बने ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में यहां श्रद्धालु आते हैं | मध्यप्रदेश में उज्जैन के प्रसिद्घ ज्योतिर्लिंग महाकाल में 16 जुलाई से श्रावण महोत्सव मनाया जाएगा. श्रावण महोत्सव 16, 23, 30 जुलाई और 6, 13, 20 अगस्त को आयोजित होगा. Read more » श्रावण
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म जानिए इस वर्ष 2017 के सावन महीना में शिव की पूजा कैसे करें… June 30, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment — शिवलिंग पर सिन्दूर , हल्दी , लाल रंग के फूल , केतकी और केवड़े के फूल आदि या स्त्री सौंदर्य से सम्बंधित सामान ना चढ़ाएँ। क्योंकि शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है। जलधारी पर ये चढ़ाये जा सकते है क्योकि जलधारी माता पार्वती और स्त्रीत्व का प्रतीक होती है। — शिव लिंग की पूरी परिक्रमा नहीं की जाती है। आधी परिक्रमा ही लगाएं। Read more » 12 ज्योतिर्लिंग 2017 के सावन महीना में शिव की पूजा Lord Shiva worship lord Shiva in sawan पूजा की विधि शिव पूजा की सामग्री सावन में शिवजी की पूजा का कारण
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने संसार को ईश्वर के सच्चे स्वरूप और उसकी उपासना से परिचित कराया June 27, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं और हमारा यह मनुष्य जन्म ईश्वर के नियमों के अनुसार प्रारब्ध के कर्मों के भोग व नये कर्मों को करके विवेक प्राप्ति व जीवन उन्नति के लिए हुआ है। मनुष्य का आत्मा इच्छा, द्वेष, सुख, दुःख, ज्ञानादि गुणयुक्त, अल्पज्ञ और नित्य है। आत्मा अनादि, नित्य, अजर, अमर, एकदेशी, […] Read more » ईश्वर की उपासना से परिचित ईश्वर के सच्चे स्वरूप ऋषि दयानन्द संसार