धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 21 August 8, 2024 / August 8, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment हनुमान – सीता संवाद सीता जी के साथ संवाद करते हुए हनुमान जी ने उन्हें पूर्ण विश्वास दिला दिया कि वह कोई मायावी मनुष्य नहीं हैं अपितु श्री राम जी के दूत के रूप में उनके समक्ष उपस्थित हैं। सीता जी को जब यह विश्वास हो गया कि हनुमान जी रामचंद्र जी के द्वारा ही […] Read more » Ram of my mind हनुमान - सीता संवाद
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 20 August 8, 2024 / August 8, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment हनुमान जी का सीता जी से वार्तालाप हनुमान जी पेड़ पर बैठे हुए सीता जी और रावण के संवाद को सुन चुके थे। उसके पश्चात की घटना और वार्तालाप को भी उन्होंने बड़े ध्यान से सुना। अब उनके सामने समस्या एक थी कियदि वे सीधे सीता जी के समक्ष उपस्थित हो गए तो वे उन्हें […] Read more » Hanuman ji's conversation with Sita ji Ram of my mind: Chapter 20 हनुमान जी का सीता जी से वार्तालाप
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार सावन के तीसरे सोमवार को लगता है आगरा का सुप्रसिद्ध कैलाश मेला August 5, 2024 / August 5, 2024 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment हमारे भारत देश में एक समृद्ध आध्यात्मिक और धार्मिक विरासत के साथ, कई धर्मों का पालन किया जाता है। नतीजतन धार्मिक त्योहारों की एक बड़ी संख्या को मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्योहार आगरा का सुप्रसिद्ध कैलाश मेला है। आगरा का यह सुप्रसिद्ध कैलाश मेला हर वर्ष सावन महीने के तीसरे सोमवार को लगता […] Read more »
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 19 August 5, 2024 / August 5, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रावण ने दिया सीता जी को दो माह का समय जब सीता जी ने रावण को लताड़ते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि चाह जो हो जाए, पर वह कभी उसकी भार्या नहीं बन सकतीं तो रावण अत्यधिक क्रोध में आ गया। तब उसने सीता जी से कहा कि तुम्हारे पास दो महीने का समय […] Read more » Ram of my mind
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार सावन मास का महत्व एवं शिव की शरण July 31, 2024 / July 31, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- सावण मास को मासोत्तम मास कहा जाता है। सावण मास अपना एक विशिष्ट महत्व रखता है। यह माह अपने हर एक दिन में एक नया सवेरा दिखाता। इसके साथ जुडे़ समस्त दिन धार्मिक रंग और आस्था में डूबे होते हैं। इस माह की प्रत्येक तिथि किसी न किसी धार्मिक महत्व के साथ जुड़ी […] Read more » सावन मास का महत्व
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम – अध्याय 14 July 21, 2024 / July 22, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सुग्रीव और राम की मित्रता बालि वध के पश्चात सुग्रीव का राज्याभिषेक किया गया। तब श्री राम ने सुग्रीव से कह दिया कि इस समय चौमासा पूरे देश में फैल गया है। इस समय बीहड़ जंगलों में जाकर सीता जी की खोज करना संभव नहीं है । चौमासा व्यतीत होने के उपरांत सीता जी के […] Read more » सुग्रीव और राम की मित्रता
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम – अध्याय 13 July 20, 2024 / July 22, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सुग्रीव का राजतिलक जब बाली का अंत हो गया तो उसकी मृत्यु की सूचना उसकी पत्नी तारा को प्राप्त हुई। तब वह विलाप करती हुई अपने पति के शव के पास आ पहुंची। तारा बहुत ही विदुषी महिला थी। उसे राजनीति का गहरा ज्ञान था। कूटनीति की वह महान पंडिता थी।उसने अपने पति को अपने […] Read more » सुग्रीव का राजतिलक
धर्म-अध्यात्म लेख ईश्वर-तुल्य गुरु जीवन को नया घाट देते हैं July 19, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment गुरु पूर्णिमा- 21 जुलाई 2024 पर विशेष-ललित गर्ग- गुरु पूर्णिमा का भारतीय संस्कृति सर्वोपरि महत्व है, यह गुरु-पूजन का पर्व है। सन्मार्ग एवं सत-मार्ग पर ले जाने वाले महापुरुषों के पूजन का पर्व, जिन्होंने अपने त्याग, तपस्या, ज्ञान एवं साधना से न केवल व्यक्ति को बल्कि समाज, देश और दुनिया को भवसागर से पार उतारने […] Read more » गुरु पूर्णिमा- 21 जुलाई 2024
धर्म-अध्यात्म मीडिया लेख चातुर्मास है संस्कृति की एक अमूल्य धरोहर July 16, 2024 / July 16, 2024 by ललित गर्ग | Leave a Comment चातुर्मास शुभारंभ-17 जुलाई 2024 पर विशेष-ललित गर्ग- भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा में चातुर्मास का विशेष महत्व है। विशेषकर वर्षाकालीन चातुर्मास का। हमारे यहां मुख्य रूप से तीन ऋतुएँ होती हैं- ग्रीष्म, वर्षा और शरद। वर्ष के बारह महीनों को इनमें बॉंट दें, तो प्रत्येक ऋतु चार-चार महीने की हो जाती है। वर्षा ऋतु के […] Read more » चातुर्मास
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम – अध्याय 12 : सुग्रीव से मित्रता और बालि वध July 14, 2024 / July 12, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment कबंध ने अपनी पराजय के पश्चात श्री राम और लक्ष्मण जी को यह बताया था कि यदि वह अपने मनोरथ में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें सुग्रीव नाम के वानर के साथ मित्रता करनी चाहिए। इंद्र पुत्र बाली ने क्रुद्ध होकर अपमानजनक ढंग से उसे राज्य से निकाल दिया है। वह वानर पंपा […] Read more » Friendship with Sugriva and Bali slaying Ram of my mind – Chapter 12: Friendship with Sugriva and Bali slaying
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम- अध्याय 11 : जटायु , अयोमुखी और कबंध July 13, 2024 / July 12, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment जिस समय लंका का राजा रावण सीता जी को वायु मार्ग से अपहरण करके ले जा रहा था उस समय सीता जी विलाप करुण चीत्कार करती हुई जा रही थीं। वह मार्ग में अपना कोई कीमती आभूषण या कोई वस्त्र भी नीचे डाल रही थीं। जिससे रामचंद्र जी और लक्ष्मण जी जब उन्हें खोजते हुए […] Read more » अयोमुखी और कबंध मेरे मानस के राम- अध्याय 11 : जटायु
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम – अध्याय 10 : शूर्पनखा की नाक काटना और सीता हरण July 12, 2024 / July 12, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment इसी वन में रहते हुए लंका के रावण की बहन शूर्पनखा से श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण जी का सामना होता है। एक दिन वह राक्षसिन स्वयं ही उनके आश्रम में आ पहुंचती है। वह श्री राम और लक्ष्मण को देखते ही उन पर आसक्त हो गई। तब वह काम भावना से प्रेरित होकर […] Read more » शूर्पनखा की नाक काटना और सीता हरण