धर्म-अध्यात्म हमें जन्मना-जाति के स्थान पर ज्ञानयुक्त वेदोक्त व्यवहार करने चाहियें February 18, 2021 / February 18, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य वैदिक धर्म के आधार ग्रन्थ वेदों में प्राचीन व सृष्टि के आरम्भ काल से जन्मना जाति का उल्लेख कहीं नहीं मिलता। हमारी आर्य हिन्दूजाति के पास बाल्मीकि रामायण एवं महाभारत नाम के दो विशाल इतिहास ग्रन्थ हैं। रामायण की रचना महर्षि बाल्मीकि जी ने लाखों वर्ष पूर्व रामचन्द्र जी के जीवन […] Read more » ज्ञानयुक्त वेदोक्त व्यवहार
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ से वेदों के सत्यस्वरूप का प्रचार हुआ February 17, 2021 / February 17, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यऋषि दयानन्द के आगमन से पूर्व विश्व में लोगों को वेदों तथा ईश्वर सहित आत्मा एवं प्रकृति के सत्यस्वरूप का स्पष्ट ज्ञान विदित नहीं था। वेदों, उपनिषद एवं दर्शन आदि ग्रन्थों से वेदों एवं ईश्वर का कुछ कुछ सत्यस्वरूप विदित होता था परन्तु इन ग्रन्थों के संस्कृत में होने और संस्कृत का अध्ययन-अध्यापन […] Read more » ऋषि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म समाज ऋषि दयानन्द ने न्याय को दृष्टिगत पर सामाजिक सुधार कार्य किए February 16, 2021 / February 16, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यऋषि दयानन्द (1825-1883) ने अपना जीवन ईश्वर के सत्यस्वरूप तथा मृत्यु पर विजय प्राप्ति के उपायों की खोज में लगाया था। इसी कार्य के लिए वह अपनी आयु के बाइसवें वर्ष में अपने पितृ गृह का त्याग कर अपने उद्देश्य को सिद्ध करने के लिए निकले थे। अपनी आयु के 38वे वर्ष में […] Read more » Rishi Dayanand did social reform work on the view of justice ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा स्वस्थ एवं बलवान शरीर को ही धारण करती है अन्य नहीं February 15, 2021 / February 15, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहम जानते हैं कि सभी मनुष्यों एवं चेतन प्राणियों के शरीरों मेंएक चेतन आत्मा की सत्ता भी निवास करती है। मनुष्य के जन्म व गर्भकाल में आत्मा निर्माणाधीन शरीर में प्रविष्ट होती है। मनुष्य शरीर में आत्मा का प्रवेश अनादि, नित्य, अविनाशी सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, सर्वज्ञ, सच्चिदानन्दस्वरूप ईश्वर कराते हैं। समस्त संसार, सभी […] Read more » The person carries a healthy and strong body जीवात्मा स्वस्थ एवं बलवान शरीर को ही धारण करती है अन्य नहीं
धर्म-अध्यात्म हमारी यह सृष्टि किसने, क्यों व कब बनाई है? February 15, 2021 / February 15, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जब संसार में आता हैं और उसकी आंखे खुलती हैं तो वह अपने सामने सूर्य के प्रकाश, सृष्टि तथा अपने माता, पिता आदि संबंधियों को देखता है। बालक अबोध होता है अतः वह इस सृष्टि के रहस्यों को समझ नहीं पाता। धीरे धीरे उसके शरीर, बुद्धि व ज्ञान का विकास […] Read more » Who created this world why and when? सृष्टि किसने बनाई
धर्म-अध्यात्म ईश्वर के सत्यस्वरूप को जानकर ही उपासना करना उचित है February 10, 2021 / February 10, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यबहुत से मनुष्य ईश्वर को मानते हैं, उसमें श्रद्धा व आस्था भी रखते हैं परन्तु ईश्वर के सत्य स्वरूप को जानते नहीं है। इस कारण से वह ईश्वर की सच्ची उपासना को प्राप्त नहीं हो पाते। हम किसी भी वस्तु से तभी लाभ उठा सकते हैं कि जब हमें उस वस्तु के सत्य […] Read more » ईश्वर
धर्म-अध्यात्म हमारा यह जन्म हमारे पूर्व एवं पुनर्जन्म के सिद्धान्त को बताता है February 9, 2021 / February 9, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहमारा यह मनुष्य जन्म सत्य एव यथार्थ है। किसी भी मनुष्य को अपने अस्तित्व के होने में कोई सन्देह नहीं होता। हम हैं यह भाव हमारे अस्तित्व व उपस्थिति को स्वयंसिद्ध कर रहा है। हम अतीत में थेया नहीं, यह भी विचार कर माना व जाना जा सकता है। यदि हम न होते […] Read more » This birth of ours tells the principle of our past and rebirth पुनर्जन्म के सिद्धान्त
धर्म-अध्यात्म स्वाध्याय करने से अज्ञान का नाश तथा ज्ञान की वृद्धि होती है February 8, 2021 / February 8, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य को परमात्मा ने बुद्धि दी है जो ज्ञान प्राप्ति में सहायक है व ज्ञान को प्राप्त होकर आत्मा को सत्यासत्य का विवेक कराने में भी सहायक होती है। ज्ञान प्राप्ति के अनेक साधन है जिसमें प्रमुख माता, पिता सहित आचार्यों के श्रीमुख से ज्ञान प्राप्त करना होता है। ज्ञान प्राप्ति में भाषा […] Read more » Doing self-education leads to destruction of ignorance and growth of knowledge. स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म सभी मनुष्यों को वेद की मर्यादाओं का पालन करना चाहिये February 7, 2021 / February 7, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। मनुष्य के पास परमात्मा प्रदत्त बुद्धि है जिसका सदुपयोग कर वह उचित व अनुचित तथा सत्य व असत्य का निर्णय कर सकता है। मनुष्य को अपनी बुद्धि की क्षमता बढ़ानी चाहिये। इसके लिये उसे उत्तम व ज्ञानी निष्पक्ष तथा देशभक्त गुरुओं की शरण में जाकर कृतज्ञता एवं […] Read more » वेद की मर्यादाओं का पालन
धर्म-अध्यात्म एक ईश्वर ही सृष्टि का उत्पत्तिकर्ता, पालक एवं जीवात्माओं का मुक्तिदाता है February 6, 2021 / February 6, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहम अपने जीवन के प्रथम दिन से ही इस सृष्टि को अपनी आंखों से देख रहे हैं। इस सृष्टि का अस्तित्व सत्य है। यह सृष्टि विज्ञान के नियमों के अनुसार चल रही है। इस सृष्टि तथा इसके नियमों का नियामक कौन है? इस प्रश्न पर विचार करने पर इसका एक ही समाधान मिलता […] Read more » ईश्वर एक ईश्वर ही सृष्टि का उत्पत्तिकर्ता पालक एवं जीवात्माओं का मुक्तिदाता है
धर्म-अध्यात्म वेद मनुष्य जन्म का कारण कर्म-फल भोग व मोक्ष प्राप्ति बताते हैं February 5, 2021 / February 5, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यहम मनुष्य के रूप में जन्मे व जीवन जी रहे हैं परन्तु हमें यह पता नही होता कि हमारा जन्म क्यों हुआ तथा हमें करना क्या है? संसार के अधिकांश व प्रायः सभी मनुष्यों की यही स्थिति है। इस प्रश्न का उत्तर केवल वेद व वैदिक साहित्य से ही प्राप्त होता है जो […] Read more » वेद
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज विश्व कल्याण सहित संसार से अविद्या दूर करने का आन्दोलन है February 4, 2021 / February 4, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यआर्यसमाज एक सार्वभौमिक संगठन है जो संसार से धर्म व मनुष्य जीवन के क्षेत्र में सभी प्रकार की अविद्या को दूर करने के प्रयत्न करता है। आर्यसमाज की मुख्य विशेषता इसका ईश्वरीय ज्ञान वेदों पर आधारित होना है। आर्यसमाज के पास वेदों के सत्य अर्थों से युक्त ज्ञान प्राप्त है। आर्यसमाज के संस्थापक […] Read more » Arya Samaj is a movement to remove ignorance Arya Samaj is a movement to remove ignorance from the world including world welfare. आर्यसमाज