चिंतन जब जीने की उम्मीद न हो तो क्या करें? July 4, 2019 / July 4, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग –जीने की इच्छा जब साथ छोड़ने लग जाए तो क्या किया जाना चाहिए है? जिसके जीने की इच्छा खत्म हो रही हो वह क्या करे और उसके आसपास के लोग क्या करें? आज इच्छा मृत्यु को वैध बनाने का मुद्दा न केवल हमारे देश में बल्कि दुनिया में प्रमुखता से छाया हुआ […] Read more » Death life want
धर्म-अध्यात्म “वैदिक धर्म एवं संस्कृति के अनन्य भक्त पं0 चमूपति” July 4, 2019 / July 4, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेद संसार की सबसे पुरानी पुस्तक है। वेद ही संसार के अतीत, वर्तमान एवं भविष्य के धर्म विषयक ज्ञान के आदि स्रोत भी हैं। यह बात अनेक तर्क एवं युक्तियों से सिद्ध की जा सकती है। वेदों का इतर मत- पंथ के ग्रन्थों से तुलनात्मक अध्ययन भी इस बात की पुष्टि […] Read more »
धर्म-अध्यात्म “वेद ने ही सबसे पहले बताया कि सभी प्राणियों में एक जैसा जीवात्मा है” July 3, 2019 / July 3, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम मनुष्य हैं। हम वेदों एवं अपने पूर्वज ऋषियों आदि की सहायता से जानते हैं कि संसार में जितनी मनुष्येतर योनियां पशु, पक्षी, कीट-पतंग व जीव-जन्तु आदि हैं, उन सबमें हमारी आत्मा के समान एक जैसी जीवात्मा विद्यमान है। यह जीवात्मा शरीर से पृथक एक सत्य, सनातन एवं चेतन सत्ता है। […] Read more » have the same soul in life The Vedas
धर्म-अध्यात्म “वेद न होते तो राम, कृष्ण, दयानन्द तथा वैदिक धर्म भी न होता” July 2, 2019 / July 2, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेद शब्द का अर्थ ज्ञान है। वेद नामी ज्ञान ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद नाम की चार मन्त्र संहिताओं की संज्ञा है। यह ज्ञान कब व कहा से प्राप्त हुआ? इसका स्रोत क्या है? हम जानते हैं कि ज्ञान का स्रोत विद्वान हुआ करते हैं। विद्वान गुरुओं व ग्रन्थों का अध्ययन […] Read more » god ram relegion Ved vedicc
धर्म-अध्यात्म राष्ट्रवाद को चुनौती देता “अल्पसंख्यकवाद” July 2, 2019 / July 2, 2019 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment अल्पसंख्यकवाद या मुस्लिम उन्मुखी राजनीति की विवशता आज राष्ट्रवादियों के समक्ष एक बड़ी चुनौती बन रही है। जबकि स्वतंत्र भारत के नीति नियंताओं का ध्येय स्वस्थ राष्ट्रवाद की परिकल्पना का अनुगामी था। क्योंकि उन्हें स्मरण था कि अखंड भारत के मुगल व ब्रिटिश शासनों में देश के मूल निवासियों (भूमि पुत्रो) अर्थात् हिन्दुओं के शोषण का […] Read more » Challenges minorityism Nationalism
चिंतन “ईश्वर का सत्यज्ञान वेद एवं वैदिक साहित्य में ही उपलब्ध है” July 1, 2019 / July 1, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम जन्म लेने के बाद जब कुछ-कुछ समझना आरम्भ कर देते हैं तो इस संसार को देखकर आश्चर्यचकित होते हैं। हममें यह जिज्ञासा होती है कि यह वृहद संसार कैसे व किससे बना? इसका उत्तर हमें नहीं मिलता। माता-पिता से यदि पूछें तो एक पंक्ति का उत्तर होता है कि यह […] Read more » God literature true knowledge ved and vedic
धर्म-अध्यात्म “वैदिक जीवन ही श्रेष्ठ एवं सर्वोत्तम है” July 1, 2019 / July 1, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। एक परमात्मा ने ही समस्त संसार के मनुष्यों एवं इतर प्राणियों को बनाया है। लोगों ने समय-समय पर अपनी बुद्धि के अनुसार अज्ञान दूर करने तथा मनुष्य समाज को सुखी करने के लिये मत, पन्थ व संस्थाओं की स्थापना की। यह सर्वमान्य तथ्य है कि मनुष्य अल्पज्ञ होता है। वेदज्ञान से […] Read more » life vedic vedic life
धर्म-अध्यात्म अध्यात्म के महानायक आचार्य महाप्रज्ञ June 28, 2019 / June 28, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ः ललित गर्ग:- प्राचीन समय से लेकर आधुनिक समय तक अनेकों साधकों, आचार्यों, मनीषियों, दार्शनिकों, ऋषियों ने अपने मूल्यवान अवदानों से भारत की आध्यात्मिक परम्परा को समृद्ध किया है, उनमें प्रमुख नाम रहा है – आचार्य महाप्रज्ञ। उनका जन्म शताब्दी समारोह 30 जून 2019 से प्रारंभ हो रहा है। वे ईश्वर के सच्चे दूत थे, […] Read more » Religion sprituality
धर्म-अध्यात्म “स्वाध्याय क्यों करना चाहिये?” June 28, 2019 / June 28, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनुष्य को मनुष्य इस लिये कहा जाता है कि यह मननशील प्राणी है। पशुओं और मनुष्यों में ईश्वर ने यह भेद किया है कि पशु मनुष्य की भांति मनन व चिन्तन आदि नहीं कर सकते। मनन व चिन्तन करने के लिये मनुष्य को एक उत्कृष्ट भाषा की आवश्यकता होती है और इसके साथ ही सद्ज्ञान […] Read more » self determination thinking
धर्म-अध्यात्म “पूजा किसकी, क्यों व कैसे करें?” June 27, 2019 / June 27, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। पूजा शब्द का प्रयोग मूर्तिपूजा अथवा देवपूजा आदि के सन्दर्भ में किया जाता है। पूजा का अर्थ यथायोग्य आदर, सत्कार व सम्मान करना है। मूर्तिपूजा का अर्थ भी मूर्ति के जड़ता गुण को ध्यान में रखते हुए उसे यथायोग्य महत्व देना तथा उसके प्रति व्यवहार करना है। मूर्तियां जड़ व चेतन […] Read more » why we do worship worship
चिंतन युवा से वृद्धावस्था की ओर बढ़ता भारत June 24, 2019 / June 24, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment ः ललित गर्गः संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आबादी रिपोर्ट-2019 में भारत के लिये चैंकाने वाला तथ्य उजागर हुआ है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में सन् 2050 तक बुजुर्गों की संख्या तीन गुणों हो जाने का अनुमान है। आबादी का ऐसा बढ़ता टेढ़ा अनुपात जल्द ही भारत को बुजुर्गों-वृद्धों का समाज बनायेगा। इन नवीन स्थितियों […] Read more » agening India
धर्म-अध्यात्म “सभी मत-मतान्तरों का ईश्वर एक है और उसके विधान सबके लिये एक समान हैं” June 24, 2019 / June 24, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सृष्टि के आरम्भ से लेकर महाभारत युद्ध तक व उसके बाद कई शताब्दियों तक सारे विश्व में ईश्वर व उसके विधान को जानने के लिए वेद ही पूर्ण प्रामाणिक ग्रन्थ थे। इसका कारण यह है कि ईश्वर ने ही सृष्टि के आरम्भ में वेदों का ज्ञान दिया है जिसमें सभी सत्य […] Read more » God god is one