धर्म-अध्यात्म “ईश्वर उन मनुष्यों का ही मित्र है जो जो उसकी वेदाज्ञाओं का पालन करते हैं” July 16, 2019 / July 16, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। परमात्मा ने यह चराचर जगत बनाया है। यह जगत परमात्मा ने अपनी शाश्वत प्रजा जीवों को उनके पूर्वजन्मों व पूर्वकल्पों में जीवों द्वारा किये गये उन कर्मों का सुख व दुःख रूपी फलां का भोग कराने के लिये बनाया है जिनका फल वह वृद्धावस्था व मृत्यु आने के कारण नहीं करा […] Read more » God veda
चिंतन धर्म-अध्यात्म लेख बौद्ध धर्म और तिब्बती परम्पराएँ July 16, 2019 / July 17, 2019 by गंगानन्द झा | 3 Comments on बौद्ध धर्म और तिब्बती परम्पराएँ आदिम मनुष्य में आज से लगभग सत्तर हजार साल पहले बोध शक्ति (cognitive power) का विकास हुआ। तब से वह उत्सुकता, कौतूहल और जिज्ञासा से अपने आपको, अपने अनुभवों को, और अपने परिवेश को समझने की जद्दोजहद में लगा हुआ है। सूरज, चाँद का नियम से निश्चित अन्तराल पर उगना और डूबना, बादल, बारिश तथा […] Read more » Buddhist Tibetan Traditions
धर्म-अध्यात्म लेख राम,केवल हिंदूवादियों के भगवान या मानवता के लिए “आदर्श”? July 15, 2019 / July 15, 2019 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़रीसाम्प्रदायिक दुर्भावना का दानव अब गाय के नाम पर होनी वाली हिंसा से आगे निकलकर “राम” के नाम तक पहुँच गया है। पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर ऐसी सैकड़ों घटनाएं हो चुकी हैं और आए दिन हो रही हैं जहाँ अधकांशतः मुस्लिम समाज के लोगों को पकड़कर,उनके साथ बदसुलूकी की गई,मार-पीट की गयी […] Read more » God hindusim huminity Ram
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द द्वारा किये वेद-प्रचार का महत्व और हमारा कर्तव्य” July 15, 2019 / July 15, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द ने अपना जीवन ईश्वर के सत्यस्वरूप की खोज एवं मृत्यु पर विजय पाने के उपायों को जानने के लिये देश के अनेक स्थानों पर जाकर विद्वानों की संगति व दुर्लभ पुस्तकों के अध्ययन में बिताया था। इस प्रयोजन के लिये ही उन्होंने अपने माता-पिता सहित बन्धु-बान्धवों, कुटुम्बियों व जीवन […] Read more » Importance of Ved Rishi Dayanand sage dayanand Ved Promotions
धर्म-अध्यात्म “वैदिक धर्म की प्रातः सायं सन्ध्या की परम्परा सबके लिये शिक्षाप्रद” July 15, 2019 / July 15, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वैदिक धर्म एवं अन्य मतों में अनेक अन्तर है। वैदिक धर्म ईश्वर प्रदत्त धर्म है जबकि अन्य धार्मिक संगठन व संस्थायें, राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय, धर्म न होकर मत व मजहब आदि हैं। मत कहते हैं जिसे कोई मनुष्य आरम्भ करता व चलाता है। मत मनुष्य से ही चलता भले ही कोई […] Read more »
चिंतन धर्म-अध्यात्म “विश्व में ईश्वरीय ज्ञान वेद का सच्चा धारक, प्रचारक एवं रक्षक एकमात्र आर्यसमाज है” July 12, 2019 / July 12, 2019 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on “विश्व में ईश्वरीय ज्ञान वेद का सच्चा धारक, प्रचारक एवं रक्षक एकमात्र आर्यसमाज है” -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। क्या परमात्मा है? क्या वह ज्ञान से युक्त सत्ता है। क्या उसने सृष्टि की आदि में मनुष्यों को ज्ञान दिया है? यदि वह ज्ञान देता है तो वह ज्ञान उसने कब किस प्रकार से मुनष्यों को दिया था? इन प्रश्नों पर विचार करने पर उत्तर मिलता है कि परमात्मा का अस्तित्व […] Read more » Divine knowledge Knowledge vedas Publicist and protector
धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज के विद्वानों, नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को निःस्वार्थ भाव एवं निर्भीकतापूर्वक वेदों का प्रचार करना चाहिये” July 11, 2019 / July 11, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महर्षि दयानन्द के आगमन से लोगों को यह ज्ञात हुआ कि विद्या व ज्ञान भी सत्य एवं असत्य दो प्रकार का हो सकता है। हम बचपन में माता-पिता द्वारा की जाने वाली मूर्तिपूजा एवं अल्पज्ञ मनुष्यों द्वारा रचित प्रार्थनाओं व आरती आदि करते थे। ऋषि दयानन्द के ग्रन्थों के स्वाध्याय एवं […] Read more » Aryasamaj promote vedas selflessly
धर्म-अध्यात्म “वेदों ने विद्या प्राप्त मनुष्यों के लिये द्विज शब्द का प्रयोग किया है” July 9, 2019 / July 9, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में दो प्रकार के लोग हैं जिन्हें हम शिक्षित एवं अशिक्षित तथा चरित्रवान एवं चारीत्रिक दृष्टि से दुर्बल कह सकते हैं। सृष्टि के आरम्भ में वेदोत्पत्ति से पूर्व न तो भाषा थी, न ज्ञान और न ही किसी प्रकार का शब्द भण्डार। यह सब वेदों की देन है। वेदों की […] Read more » learned people used the word twin vedas
धर्म-अध्यात्म “वेदप्रचार में मुख्य बाधा वेदों के विद्यायुक्त सत्य सिद्धान्तों को स्वीकार न करना है” July 6, 2019 / July 6, 2019 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “वेदप्रचार में मुख्य बाधा वेदों के विद्यायुक्त सत्य सिद्धान्तों को स्वीकार न करना है” –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। संसार में जड़ व चेतन अथवा भौतिक एवं अभौतिक दो प्रकार के पदार्थ हैं। भौतिक पदार्थों का ज्ञान विज्ञान के अध्ययन के अन्तर्गत आता़ है। अभौतिक पदार्थों में दो चेतन सत्ताओं ईश्वर एवं जीवात्मा का अध्ययन आता है। दोनों ही सूक्ष्म पदार्थ होने से हमें आंखों से दिखाई नहीं देते। जीवात्मा […] Read more » accept the truthful truths obstacle in the Ved truths of the Vedas vedprachar
चिंतन जब जीने की उम्मीद न हो तो क्या करें? July 4, 2019 / July 4, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग –जीने की इच्छा जब साथ छोड़ने लग जाए तो क्या किया जाना चाहिए है? जिसके जीने की इच्छा खत्म हो रही हो वह क्या करे और उसके आसपास के लोग क्या करें? आज इच्छा मृत्यु को वैध बनाने का मुद्दा न केवल हमारे देश में बल्कि दुनिया में प्रमुखता से छाया हुआ […] Read more » Death life want
धर्म-अध्यात्म “वैदिक धर्म एवं संस्कृति के अनन्य भक्त पं0 चमूपति” July 4, 2019 / July 4, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वेद संसार की सबसे पुरानी पुस्तक है। वेद ही संसार के अतीत, वर्तमान एवं भविष्य के धर्म विषयक ज्ञान के आदि स्रोत भी हैं। यह बात अनेक तर्क एवं युक्तियों से सिद्ध की जा सकती है। वेदों का इतर मत- पंथ के ग्रन्थों से तुलनात्मक अध्ययन भी इस बात की पुष्टि […] Read more »
धर्म-अध्यात्म “वेद ने ही सबसे पहले बताया कि सभी प्राणियों में एक जैसा जीवात्मा है” July 3, 2019 / July 3, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम मनुष्य हैं। हम वेदों एवं अपने पूर्वज ऋषियों आदि की सहायता से जानते हैं कि संसार में जितनी मनुष्येतर योनियां पशु, पक्षी, कीट-पतंग व जीव-जन्तु आदि हैं, उन सबमें हमारी आत्मा के समान एक जैसी जीवात्मा विद्यमान है। यह जीवात्मा शरीर से पृथक एक सत्य, सनातन एवं चेतन सत्ता है। […] Read more » have the same soul in life The Vedas