धर्म-अध्यात्म विविधा आस्था और संस्कृति को सहेजता कुंभ January 15, 2019 / January 15, 2019 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक कुंभ का आयोजन भारतीयों के लिए एक धार्मिक संस्कार और सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन भर नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और संसार को भारतीय मनीषियों के त्याग, तपस्या और बलिदान से परिचित कराने का अद्भुत अवसर भी है। दुनिया भर के करोड़ों लोगों का कुंभ की ओर खींचे चले […] Read more » Kumbh Kumbh saving faith and culture कुंभ
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन में स्वाध्याय करना उन्नति के लिए आवश्यक है January 14, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जन्म अपनी आत्मा व संसार के रचयिता परमेश्वर को जानने, ईश्वर की उपासना करने, सद्कर्म अर्थात् धर्म करने सहित ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिये हुआ है। मनुष्य को अपने कर्तव्यों का बोध अपने माता-पिता व आचार्यों सहित ईश्वरीय ज्ञान वेद व ऋषियों के ग्रन्थों से होता है। सृष्टि के […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मनुष्य का धर्म मनुष्यता के पर्याय श्रेष्ठ गुणों को धारण करना है January 14, 2019 / January 14, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक प्राणी योनियां हैं जिनमें एक मनुष्य है। मनुष्य योनि को सबसे श्रेष्ठ योनि कहा जाता है। इसका कारण है कि इसके पास विचार करने के लिए बुद्धि और बोलने के लिए वाणी हैं। इतना ही नहीं, यह सीधा सिर उठाकर अपने दो पैरों के बल पर चल सकता […] Read more » श्रेष्ठ गुणों को धारण
धर्म-अध्यात्म धरती का मोक्ष द्वार गंगासागर January 11, 2019 / January 11, 2019 by जगदीश यादव | Leave a Comment गंगा सागर तीर्थयात्रा पर विशेष जगदीश यादव सागरद्वीप यानी गंगासागर में स्थित कपिलमुनि मंदिर के बारे में कहा जाता है कि आज से पांच हजार वर्ष पहले ही आमलोगों को उक्त धर्म स्थली की जानकारी मिल गयी थी। विभिन्न दस्तावेज पुस्तकों व लोगों से मिली जानकारी में पता चलता है कि कभी यह क्षेत्र जल […] Read more »
धर्म-अध्यात्म जीवन की सफलता का आधार ज्ञान व पुरुषार्थ January 9, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य जीवन हमें परमात्मा से पूर्वजन्म के प्रारब्ध को भोगने व नये कर्म कर दुःखों से मुक्ति प्राप्त करने के लिये मिला है। प्रारब्ध वह कर्म संचय है जो हमने पूर्वजन्मों में किये हैं परन्तु जिसका सुख व दुःख रूपी भोग अभी करना शेष होता है। योगदर्शन के एक सूत्र में […] Read more »
धर्म-अध्यात्म विशाल सामाजिक आयोजन है कुंभ January 9, 2019 / January 9, 2019 by विजय कुमार | Leave a Comment भारत में चार स्थानों पर प्रति बारह वर्ष बाद पूर्ण कुंभ और छह साल बाद अर्धकुंभ की परम्परा हजारों सालों से चली आ रही है। कुंभ का धार्मिक और पौराणिक महत्व तो है ही; पर इसे केवल धार्मिक आयोजन कहना उचित नहीं है। वस्तुतः कुंभ एक विराट सामाजिक आयोजन भी है। भारतीय समाज व्यवस्था में […] Read more » Kumbh कुंभ विशाल सामाजिक आयोजन कुंभ
धर्म-अध्यात्म जाने चले जाते हैं कहां दुनिया से जाने वाले January 6, 2019 / January 6, 2019 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on जाने चले जाते हैं कहां दुनिया से जाने वाले -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य संसार में जन्म लेता है, शिशु से किशोर, युवा, प्रौढ़ व वृद्ध होकर किसी रोग व अचानक दुर्घटना आदि से मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। वैदिक ग्रन्थों में मृत्यु का कारण जन्म को बताया गया है। यदि हमारा जन्म ही न हो तो हमारी मृत्यु नहीं हो सकती। यदि […] Read more »
धर्म-अध्यात्म महाभारतकाल के बाद ऋषि दयानन्द ही ने सर्वप्रथम सर्वांगीण सद्धर्म का प्रचार किया January 6, 2019 / January 6, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य धर्म सत्याचरण को कहते हैं। इसके लिए मनुष्य को व्यापक रूप से सत्य व असत्य का ज्ञान होना आवश्यक है। सत्य वह है जिसकी यथार्थ सत्ता है। सत्ता वाली वस्तु के सत्य गुणों को जानना व मानना तथा उसके विपरीत जो गुण उस पदार्थ व सत्ता में नहीं हैं, उनको न मानना […] Read more »
धर्म-अध्यात्म सत्यार्थप्रकाश का आर्य हिन्दू धर्म की रक्षा में महत्व व योगदान January 2, 2019 / January 2, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। सनातन वैदिक धर्म का अज्ञान, अन्धविश्वासों, अनेक सामाजिक विकृतियों सहित वेद विरुद्ध मान्यताओं को अंगीकृत कर लेने से बना परवर्तित रूप ही हिन्दू धर्म है। महाभारत काल तक न केवल आर्यावर्त-भारत में अपितु समस्त विश्व में सनातन वैदिक धर्म ही सभी मनुष्यों का अविद्या व अन्धविश्वासों से सर्वथा रहित एकमात्र […] Read more »
धर्म-अध्यात्म पराधीन भारत में आर्यसमाज पर ब्रिटिश सरकार का कोप January 2, 2019 / January 2, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ -मनमोहन कुमार आर्य स्वामी श्रद्धानन्द जी का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूण स्थान है। आर्यसमाज में उनके जीवन से संबंधित आत्मकथा, जीवनचरित एवं इस प्रकार के अन्य ग्रन्थ उपलब्ध हैं। हमें पं. सत्यदेव विद्यांलकार जी द्वारा सन् 1933 व उससे कुछ समय पूर्व लिखा गया उनका जीवनचरित ‘स्वामी श्रद्धानन्द’ सर्वात्तम प्रतीत होता है। […] Read more »
धर्म-अध्यात्म जीवात्मा का पूर्वजन्म, वर्तमान और पुनर्जन्म होना सत्य सिद्धान्त है January 1, 2019 / January 1, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम प्रतिदिन मनुष्य व पशुओं आदि को जन्म लेते हुए देखते हैं। यदि हम इन प्राणियों के जन्मों पर विचार करें तो अनेक प्रश्न उत्पन्न होते हैं जिनके उत्तर हमें साधारणतः नहीं मिलते। मनुष्य व उसके बच्चे का जो शरीर एवं उसमें चेतन जीवात्मा होता है, वह माता के शरीर में […] Read more » पुनर्जन्म
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द की स्वदेश सहित विश्व के सभी मनुष्यों को देन December 30, 2018 / December 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य महाभारत काल के बाद से लेकर वर्तमान समय तक यदि हम संसार के महापुरुषों पर दृष्टि डालें तो हमें ऋषि दयानन्द सबसे महान महापुरुष दिखाई देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उनके द्वारा संसार के सबसे प्राचीन धर्म वेद और संस्कृति का पुनरुत्थान करना था। क्या इसकी आवश्यकता थी? इसका उत्तर है […] Read more » ऋषि दयानन्द