धर्म-अध्यात्म शिवरात्रि मूलशंकर के लिये मोक्षदायिनी बोधरात्रि बनी February 11, 2019 / February 11, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य सनातन धर्म सृष्टि के आरम्भ से प्रवृत्त धर्म है। इसका आधार वेद और वैदिक शिक्षायें हैं जो ईश्वर प्रदत्त होने से पूर्णतः सत्य पर आधारित हैं। वेद संसार में सबसे पुराने ग्रन्थ हैं इस कारण इन्हें पुराण भी कहा जाता है। वास्तविक पुराण वेद ही हैं। वेद में किंचित मानवीय इतिहास नहीं […] Read more »
धर्म-अध्यात्म होली एक धार्मिक अनुष्ठान एवं आमोद-प्रमोद का पर्व है February 8, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment नवसस्येष्टि आर्य पर्व होली पर– –मनमोहन कुमार आर्य आर्यावर्त उत्सवों व पर्वों का देश है। पर्व का अपना महत्व होता है। होली भी दीपावली, दशहरा, श्रावणी आदि की ही तरह एक सामाजिक एवं धार्मिक पर्व है। यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इसे मनाने की प्रासंगिकता व महत्व अन्य […] Read more »
धर्म-अध्यात्म “कोई सन्तान ईश्वर और अपनी माता-पिता के ऋण से उऋण नहीं हो सकतीं” February 5, 2019 / February 5, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारे जीवन पर हमारे अतिरिक्त किसी अन्य का कोई अधिकार है या नहीं? इस प्रश्न का उत्तर हमें यह लगता है कि ईश्वर और हमारे माता-पिता का हमारे जीवन पर अनेक प्रकार से अधिकार है। इन्हीं के द्वारा हमें यह बहुमूल्य मनुष्य जीवन मिला है। हमें जीवन देने व […] Read more »
धर्म-अध्यात्म वेद तथा वेदानुकूल ग्रन्थों पर आधारित धर्म ही सनातन धर्म है February 2, 2019 / February 2, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य धर्म मनुष्यों वा स्त्री-पुरुषों द्वारा उन सद्गुणों के धारण व आचरण करने को कहते हैं जो सत्य पर आधारित हों, अज्ञान व अन्धविश्वास से सर्वथा रहित हो तथा जिनके आचरण से मनुष्य का इहलोक व परलोक दोनों सुधरता हो। ऐसा ही धर्म सृष्टि के आरम्भ काल से आर्यावर्त में प्रचलित रहा है […] Read more »
धर्म-अध्यात्म पिछले पांच हजार वर्षों में दयानन्द के समान ऋषि नहीं हुआ” January 31, 2019 / January 31, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य महाभारत का युद्ध पांच हजार वर्ष से कुछ वर्ष पहले हुआ था। महाभारत युद्ध के बाद भारत ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र सहित देश की अखण्डता व स्थिरताकी दृष्टि से पतन को प्राप्त होता रहा। महाभारत काल के कुछ ही समय बाद देश से ऋषि परम्परा समाप्त हो गई। ऋषि परम्परा का […] Read more » Maharshi Dayanand swami dayanand दयानन्द
धर्म-अध्यात्म देश की एकता व अखण्डता के लिए अविरुद्ध व समान धार्मिक एवं राजनैतिक विचारधारा का होना आवश्यक January 27, 2019 / January 27, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य ऋग्वेद 10/191 में संगठन सूक्त के चार मंत्रों में कहा गया है कि हमारे मन, हृदय, दिल, विचार, भावनायें, सोच, चिन्तन, संकल्प आदि सब एक समान हों। ऐसा होने पर ही हम एकता व अखण्डता के सूत्र में बन्ध सकते हैं। यह एक सामान्य बात है कि यदि मनुष्यों की भिन्न-भिन्न […] Read more »
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द की देन ज्ञान-विज्ञान का एक प्रमुख सिद्धान्त January 24, 2019 / January 24, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। वर्तमान युग आधुनिक युग है जिसमें ज्ञान व विज्ञान ने प्रशंसनीय उन्नति की है। इस उन्नति में मनुष्य के जीवन को सुखी, सुविधापूर्ण व सम्पन्न बनाया है। मनुष्य जीवन का उद्देश्य भी दुःखों की निवृत्ति करना ही है। मनुष्य की आत्मा अनादि, अविनाशी, नित्य व अमर है। इसकी न कभी उन्नति […] Read more »
धर्म-अध्यात्म हमें पता नहीं इस जन्म में हम कहां से आये और इसके बाद कहां जाना है ? January 21, 2019 / January 22, 2019 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on हमें पता नहीं इस जन्म में हम कहां से आये और इसके बाद कहां जाना है ? –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम मनुष्यों ने वर्तमान आधुनिक ज्ञान विज्ञान के युग में जो जानना चाहा वह जान लिया और विज्ञान विषयक जिस खोज को आरम्भ किया उसमें से अधिकांश व प्रायः सभी ल क्ष्यों को प्राप्त भी कर लिया है। अनेक प्रश्न आज भी ऐसे हैं जिसका उत्तर हमें ज्ञान विज्ञान के […] Read more »
धर्म-अध्यात्म यह बृहद् ब्रह्माण्ड किसने बनाया है?” January 21, 2019 / January 21, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हम अर्थात् हमारी आत्मा हमारे शरीर में रहती है और हम व हमारा शरीर दोनों इस संसार में रहते हैं। हम इस संसार के बड़े पदार्थों को तोड़ते हैं तो वह छोटे छोटे टुकड़ों व कणों में परिवर्तित हो जाते हैं। इससे यह ज्ञात होता है कि यह संसार छोटे-छोटे […] Read more »
धर्म-अध्यात्म विविधा आस्था और संस्कृति को सहेजता कुंभ January 15, 2019 / January 15, 2019 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक कुंभ का आयोजन भारतीयों के लिए एक धार्मिक संस्कार और सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन भर नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और संसार को भारतीय मनीषियों के त्याग, तपस्या और बलिदान से परिचित कराने का अद्भुत अवसर भी है। दुनिया भर के करोड़ों लोगों का कुंभ की ओर खींचे चले […] Read more » Kumbh Kumbh saving faith and culture कुंभ
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन में स्वाध्याय करना उन्नति के लिए आवश्यक है January 14, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जन्म अपनी आत्मा व संसार के रचयिता परमेश्वर को जानने, ईश्वर की उपासना करने, सद्कर्म अर्थात् धर्म करने सहित ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिये हुआ है। मनुष्य को अपने कर्तव्यों का बोध अपने माता-पिता व आचार्यों सहित ईश्वरीय ज्ञान वेद व ऋषियों के ग्रन्थों से होता है। सृष्टि के […] Read more »
धर्म-अध्यात्म मनुष्य का धर्म मनुष्यता के पर्याय श्रेष्ठ गुणों को धारण करना है January 14, 2019 / January 14, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक प्राणी योनियां हैं जिनमें एक मनुष्य है। मनुष्य योनि को सबसे श्रेष्ठ योनि कहा जाता है। इसका कारण है कि इसके पास विचार करने के लिए बुद्धि और बोलने के लिए वाणी हैं। इतना ही नहीं, यह सीधा सिर उठाकर अपने दो पैरों के बल पर चल सकता […] Read more » श्रेष्ठ गुणों को धारण